उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी है। अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सोमवार को कोर्ट ने आरोपी मानते हुए विचारण के लिए तलब करने का आदेश दिया है। एमपी-एमएमए की विशेष अदालत के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव ने राहुल गांधी के खिलाफ समन जारी करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तिथि नियत की है। इससे राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दरअसल सुल्तानपुर के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के हनुमानगंज इलाके में रहने वाले सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन विजय मिश्र ने एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कर्नाटक चुनाव के प्रचार के दौरान गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। फिलहाल अब इस मामले में सुल्तानपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को तलब कर लिया है।बता दें कि 15 जुलाई 2018 को परिवादी विजय मिश्र के घर पर क्षेत्र के रामचंद्र दुबे, अनिरुद्ध शुक्ल, अनिल मिश्र व दिनेश कुमार मिलने आए थे। अनिरुद्ध शुक्ल ने दिनेश कुमार से कहा कि वे जिस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हत्यारा कहा जा रहा है। इसके बाद अनिरुद्ध व दिनेश कुमार ने परिवादी से कहा कि वे पार्टी छोड़ दें। इन लोगों ने विजय मिश्र को वीडियो की फुटेज दिखाई थी। इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रसारित खबर की वीडियो फुटेज में राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हत्या के आरोपी हैं। इनका नाम जज लोया केस में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ने भी लिया था। परिवादी का कहना है कि अमित शाह हत्या के आरोपी नहीं हैं। राहुल गांधी के बयान से परिवादी व भाजपा की साख को धक्का लगा है।कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तलब करने का आदेश छह पेज में किया है। इसमें परिवादी विजय मिश्र और अन्य गवाहों रामचंद्र दुबे, अनिरुद्ध शुक्ल व अनिल मिश्र के बयान के साथ ही अन्य साक्ष्यों का सिलसिलेवार उल्लेख किया गया है। कोर्ट ने कहा है कि राहुल गांधी को आरोपी के रूप में तलब करने का पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है।
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