बॉम्बे लीक्स ,कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस को शामिल किए बिना आपसी सहमति से नया मोर्चा बना लिया है। दोनों शीर्ष नेताओं की शुक्रवार (17 मार्च) को कोलकाता में मुलाकात हुई है।ममता बनर्जी अगले हफ्ते ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के प्रमुख नवीन पटनायक से भी मुलाकात करने वाली हैं।
दरअसल इन विपक्षी दलों का मानना है कि भाजपा, राहुल गांधी को विपक्षी दलों के एक समूह के प्रमुख नेता के रूप में चित्रित कर रही है।जिसका जवाब दिया जाना चाहिए।हाल ही में राहुल गांधी ने लंदन में एक भाषण के दौरान कहा था कि भारतीय संसद में विपक्षी नेताओं के माइक्रोफोन को बंद कर दिया जाता है। इस पर भाजपा सांसदों ने कांग्रेस नेता को देश से माफी मांगने को कहा है।अब अन्य विपक्षी दलों को यह संदेह है कि भाजपा, राहुल गांधी के साथ ही उन सभी को निशाना बना रही है।तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय के मुताबिक”राहुल गांधी ने विदेशों में टिप्पणियां कीं और जब तक वह माफी नहीं मांगते, तब तक बीजेपी संसद को चलने नहीं देगी। इसका मतलब है कि वे कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते।बीजेपी चाहती है कि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बनें।ताकि ये बीजेपी की मदद करे।प्रधानमंत्री पद के चेहरे (2024 के चुनाव के लिए) पर फैसला करने की कोई आवश्यकता नहीं है।कहा कि अभी प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर फैसला करने की जरूरत नहीं है। साथ ही यह भी एक भ्रम है कि कांग्रेस विपक्ष की ‘बिग बॉस’ है।हम कांग्रेस और भाजपा दोनों से समान दूरी रखेंगे और इस पर अन्य दलों से चर्चा करेंगे। हम यह नहीं कह रहे कि यह तीसरा मोर्चा है, लेकिन क्षेत्रीय दलों के पास भाजपा को रोकने की ताकत है।वहीं समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए कोलकाता पहुंचे अखिलेश यादव न सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर जाकर उनसे मिले, बल्कि राज्य में बीजेपी को चुनावी मात देने के लिए उनकी जमकर तारीफ भी की।अखिलेश यादव ने कहा, “मुझे उम्मीद है जिस तरह से दीदी ने भाजपा से मुकाबला किया था आने वाले चुनाव में भी भाजपा का सफाया होगा। इसके साथ ही अखिलेश ने यह भी कहा कि बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से ममता बनर्जी के साथ खड़ी है।अखिलेश यादव ने कोलकाता में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की बैठक में भी ममता बनर्जी की जमकर तारीफ की।अखिलेश ने कहा, बंगाल में हम पूरी तरह से ममता दीदी के साथ हैं।फिलहाल हमारा रुख यही है कि हम बीजेपी और कांग्रेस दोनों से बराबर की दूरी रखना चाहते हैं। जब एक पत्रकार ने अखिलेश से पूछा कि क्या वे आगे चलकर समान विचारधारा वालों को भी साथ लाएंगे।तो अखिलेश ने कहा, “अब वो विचारधारा ढूंढने में बड़ी मुश्किल होगी उत्तर प्रदेश में…. कांग्रेस के बिना कोई विकल्प खड़ा नहीं हो पाने की दलील के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, “अगर आप प्रदेश में देखें, तो ज्यादा सांसद वही चुनकर आएंगे, जो न कांग्रेस के साथ हैं और न बीजेपी के साथ हैं। अखिलेश के इस जवाब का ये मतलब भी निकलता है कि उनके हिसाब से यूपी के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई है।
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