मुंबई :हाल ही में मुंबई डॉक्स ने डीजल तेल, स्लज ऑयल, स्क्रैप की आड़ में तस्करी की गतिविधियों में भारी वृद्धि देखी है और इसकी तस्करी में कौन कौन से नए तरीकों को तस्करों ने अपनाया इस पर गहरी छानबीन हुई जिसके बाद कई अहम खुलासे हुए तस्करी के लिए तस्करों फर्ज़ी दस्तावेज दिखा कर, माल की गलत जानकारी, वजन में हेर फेर और इनमें सब से अहम अरब सागर से जुड़ी कई बड़ी कंपनियों के आला अफसरान और मुहर फर्जी दस्तखत जैसे फर्जीवाड़े थे।मुंबई अरब सागर में तस्करी की गतिविधियों की इस बढ़ोतरी के कारण, सीमा शुल्क निवारक जनरल (डीसी/पीजी) के उपायुक्त और निवारक सेवा कार्यालय (पीएसओ) प्रशासन ने इन अवैध तस्करी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए सख्त कार्रवाइयां करते हुए कई अहम तरीके अपनाए।
हाल ही में पीएसओ/प्रशासन ने मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों के एक अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के जाली हस्ताक्षर के एक मामले को बेनकाब किया जो 15 मीट्रिक टन मेटल स्क्रैप को रोजी बार्ज के माध्यम से एंकरेज में वेसल रोंटापमेयर से किया गया था कहा जाता है की इस फर्जीवाड़े में मैसर्स मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी कंपनी द्वारा किया गया था जिसे उनकी तरफ से काम करने के लिए मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अधिकृत किया गया था। यह मामला तब सामने आया जब पिछले दो मौकों पर मैसर्स मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी ने पहले ही पीएसओ/प्रशासन से माल लेने और माल की निकासी के लिए अनुमति मांगी थी। माल की निकासी के लिए अनुमति के सत्यापन पर सीमा शुल्क के डॉक्स अधीक्षक द्वारा माल की जांच और निकासी की गई थी।
हालांकि जब मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड ने सीएचए मेसर्स बाबाजी शिवराम क्लियरिंग एंड कैरियर्स प्राइवेट लिमिटेड (11/262) को मुंबई एंकोरेज में रिग के सर्वेक्षण, मरम्मत और रखरखाव कार्यों के लिए अधिकृत किया, सीमा शुल्क कार्यालय पीएसओ/प्रशासन ने मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के हस्ताक्षर की हकीकत का पता लगाया। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के मौजूदा हस्ताक्षर पिछले दो मौकों पर मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के पिछले हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते।
मामले की पुष्टि तब हुई जब मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता कर्मचारियों को हस्ताक्षर सत्यापित करने के लिए न्यू कस्टम्स हाउस मुंबई बुलाया गया हस्ताक्षरों के सत्यापन पर यह पता चला की फर्जी दस्तखत किए गए हैं और पिछले दो मौकों पर अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के जाली हस्ताक्षर मैसर्स मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी द्वारा किए गए थे।
डिप्टी कमिश्नर ऑफ कस्टम्स प्रिवेंटिव जनरल (डीसी/पीजी) और प्रिवेंटिव सर्विस ऑफिस (पीएसओ) प्रशासन टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि इस मामले की मुंबई सीमा शुल्क कार्यालय द्वारा फर्जी दस्तखत को लेकर जांच की जा रही है।
मैसर्स मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी द्वारा यह देखा जा सकता है कि हाल के महीनों में बाबाजी शिवराम, के श्री नयन जोशी के कर्मचारी मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी के मालिक नितेश जसवाल और राम यादव अपनी कंपनी के कर्मचारी संजय यादव के साथ स्क्रैप चोरी करने और साफ़ करने और मैसर्स शेल्फ का उपयोग करके धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल थे।
उपर्युक्त कर्मचारियों का तस्करी का फंडा यह था कि उनकी स्क्रैप सामग्री और तेल के साथ किसी भी रिग को उनके बैकलोड को साफ करना था इस मामले में इन बैकलोड सामग्री की निकासी एक अधिकृत बार्ज पर की गई थी और बाद में कथित बार्ज एमबीपीटी की संबंधित जेट्टी में बैकलोड सामग्री को ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
उक्त कबाड़ सामग्री व तेल कंपनी के प्रांगण में जाना तय था लेकिन मेटलक्वेस्ट ट्रेडिंग कंपनी के मालिक के श्री नयन जोशी, कर्मचारी बाबाजी शिवराम, नितेश जसवाल , राम यादव अपनी कंपनी के कर्मचारी संजय के साथ मिलकर स्क्रैप सामग्री को इधर-उधर कर देते थे मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के फर्जी दस्तावेजों के साथ इस्तेमाल किए गए तेल और सीमा शुल्क के भुगतान के बिना सीमा शुल्क से अपने माल की निकासी करवाते हैं।
यह भी देखा गया है कि स्क्रैप सामग्री और कचरे की चोरी, निकासी और डायवर्जन का यह कार्य वर्षों से चल रहा है और इसलिए यह मैसर्स शेल्फ ड्रिलिंग ऑफ शोर सर्विसेज (इंडिया) को 10 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान है। इसके अलावा इन फर्जी दस्तावेजों की मदद से उन्होंने सीमा शुल्क की चोरी की है क्योंकि कुछ रिग सीमा शुल्क के लिए जवाबदेह हैं सीमा शुल्क का भुगतान न करने से सीमा शुल्क विभाग को राजस्व की भारी नुकसान हुआ है।
ऐसे में मुंबई डॉक्स एमबीपीटी, सीमा शुल्क, सीआईएसएफ आदि में संबंधित एजेंसियों को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए ताकि ऐसी कंपनी और उनके कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके जो खुलेआम चोरी करने और स्क्रैप और तेल की तस्करी करने के लिए संबंधित विभाग की आंखों में धूल झोंक कर अवैध तरीके का इस्तेमाल करते हुए करोड़ों का चूना लगाते हैं।
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