• नई टीम योगी में जाति समीकरण और नाराज़ विधायकों को फिट करने की रणनीति पर तैयारियां शुरू।
लखनऊ ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
लखनऊ : पीएम मोदी के नए केबिनेट विस्तार के बाद यूपी सरकार में बदलाव के आसार तेज़ हो गए है। सूत्रों के मुताबिक मोदी कैबिनेट में बड़े फेरबदल के बाद अब उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के कैबिनेट में भी बदलाव की सुगबुगाहट ज़ोरो पर है। जानकारी के मुताबिक हाईकमान के आदेश एवं संघ से हुई बातचीत के बाद सीएम योगी अब जाति समीकरण संतुलित करने, सहयोगी पार्टियों को जगह देने और नाराज विधायकों को शांत करने के लिए अपने कैबिनेट में विस्तार करने का मन बना चुके है। बताया जा रहा है टीम योगी में अगर गैर-विधायकों को मंत्रीपद दिया जाता है तो विधान परिषद की खाली हुईं चार सीटों को भी भरने की रणनीति तय की जा चुकी है।देखा जाए तो उत्तर प्रदेश परिषद में अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं। लेकिन प्रदेश में चेतन चौहान, कमल रानी वरुण और विजय कश्यप के निधन के बाद यूपी कैबिनेट में अब तक 6 मंत्रियों की जगह रिक्त पड़ी हुई है।
यूपी से दिल्ली तक के सियासति सफर में ख़बर है कि यूपी कैबिनेट को लेकर यदि किसी प्रकार का कोई फैसला लिया जाएगा तो उसका आधार केंद्रीय मंत्रिमंडल का साया हो सकता है।इसे इस प्रकार से भी समझना आसान होगा कि यदि उत्तर प्रदेश के नए केबिनेट गठन में सरकार के सहयोगी दलों को आगामी चुनाव नतीजों को बेहतर बनाने हेतु नाराज़ नही किया जायेगा। माना जा रहा है कि सरकार में सहयोगी दलों के साथ साथ जाति विशेष पर भी खासा ध्यान दिए जाने के योगी को निर्देश जारी किए गए है।जाति समीकरण के आधार पर यदि सहयोगी दल के समीकरण केंद्रीय कैबीनेट में फिट नही पाए जाते तो उन्हें यूपी कैबिनेट में जगह देने की हर संभव कोशिश की जाएगी।
समझने के लिए पर्याप्त है कि यदि अपना दल-एस की अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रीमंडल में जगह न मिलने के दिशा में उन्हें या सलाह के बाद किसी एक को यूपी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। ठीक वैसे ही जैसे यूपी सरकार में सहयोगी निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद की चाह यूपी राज्य कैबिनेट में शामिल होने की है। यूपी में ओबीसी समाज की 20 फीसदी हिस्सेदारी है।निषाद भी ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते है। टीम योगी का नया गठन यूपी में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर होने की सुगबुगाहट है।ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए सीएम योगी को नाराज़ विधायकों को मनाने के साथ साथ पार्टी में फुट के आसार को रोकने की भी अहम जिम्मेदारी होगी।ऐसे में मजबूत मंत्रिमंडल के साथ साथ नाराज़ विधायकों कार्यकर्ताओ को खुश रखना भी बनने वाली नई टीम योगी के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
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