• मानसून की कमी के चलते भगवान भरोसे शहर-मानसून की रफ्तार का बीएमसी को इंतज़ार।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : मौसम मानसून का है लेकिन हाल बेहाल है।जिसके बाद मुंबईकरों की चिंताएं बढ़ गई है।कयास लगाए जा रहे है कि यदि मानसून ऐसे ही नाराज़ रहा तो शहर में आने वाले दिनों में पानी के घोर संकट से गुजरना पड़ सकता है।ऐसे में बीएमसी के माथे पर शिकन पड़ने लगी है।मुंबई में जुलाई के पहले सप्ताह से ही मानसून की बेरुखी के चलते सूखा पड़ा है।
जिसके बाद बीएमसी को मुंबई में पानी आपूर्ति की चिंता सताने लगी है। मुंबई के तालाब वाले इलाकों में कम बारिश की वजह से मुंबई को पानी आपूर्ति करने वाली सात झीलों में सिर्फ 18.44 प्रतिशत पानी रह गया है। कयास लगाए जा रहे है कि जुलाई में मॉनसून के रफ्तार न पकड़ने के बाद बीएमसी पानी आपूर्ति की समीक्षा करेगी। मुंबई को पानी आपूर्ति करनेवाली सातों झील मोडक सागर, तानसा, अपर वैतरणा, मध्य वैतरणा, तुलसी, विहार, भातसा में 7 जुलाई की सुबह 6 बजे तक 2 लाख 66 हजार 848 एमएलडी पानी का स्टॉक था।
बीएमसी जलापूर्ति के अनुसार झीलों में पानी के स्टॉक पर बीएमसी अपनी नज़र बनाये हुए है। जिसके बाद आशा की जा रही है कि माह जुलाई तक झीलों में पर्याप्त पानी का स्टॉक हो जाएगा।इसके बाद अगस्त में झीलों में पानी की स्थिति का आकलन करने के उपरांत शहर में पानी कटौती करने या न करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। पानी की आपूर्ति करनेवाली सातों झीलों से 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति प्रति दिन शहर मुंबई में की जाती है। बीएमसी द्वारा बनाये गए नियमो के अनुसार प्रति वर्ष मानसून खत्म होने के बाद 1 अक्टूबर से सभी झीलों में मौजूद पानी के स्टॉक को।लेकर समीक्षा की जाती है।समीक्षा के उपरांत तय किया जाता है कि मुंबई में पानी की कटौती का स्तर क्या रखना चाहिए।
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