बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में नया खुलासा हुआ है।जोधपुर में पकड़े गये पेपर लीक गिरोह ने इसके पेपर के लिए 5 से 10 लाख रुपए में सौदा किया था। यह पैसा पेपर खत्म होने के बाद देना तय हुआ था।इस गिरोह ने अभ्यार्थियों तो पूरा विश्वास दिलाया था कि आज परीक्षा के दौरान यही पेपर आएगा।पुलिस ने इस मामले में पेपर लीक गिरोह के सुरेश जाट और मुकेश जोशी सहित कुछ संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें पेपर सॉल्व करवाने वाले एक्सपोर्ट भी शामिल हैं।
राज्य पुलिस के मुताबिक कि उन्हें सूचना मिलने के बाद आनन फानन में विशेष पुलिस कर्मियों की एक टीम गठित कर बनाड़ थाना इलाके में मौके पर दबिश दी गई। वहां एक मैरिज गार्डन में 29 अभ्यर्थी परीक्षा से पूर्व पेपर सॉल्व करते पाए गए। वहां व्हाट्सऐप के डेस्कटॉप से पेपर मंगवाया गया था।उसका प्रिंटआउट निकालने के बाद अभ्यार्थियों को पेपर सॉल्व कराया जा रहा था।इसके अलावा कुछ अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर भी पेपर भेजा गया था।देखा जाए तो पुलिस की इस छापेमारी में के बीच एक बड़े सॉल्वर गैंग पर शिकंजा कसने की कामयाबी सामने आई है।बता दें कि राजस्थान तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र हल करते हुए सॉल्वर पकड़े गए हैं।वहीं जोधपुर के बनाड़ रोड पर मैरिज गार्डन में पुलिस की रेड में सॉल्वर पकडे़ गए।रिपोर्ट के मुताबिक मैरिज गार्डन के कमरों में परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्न पत्र हल करवाया जा रहा था। इस मामले में भी बनाड़ थाना पुलिस ने महिलाओं व युवतियों सहित कुल 34 लोगों को हिरासत में लिया है।पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पेपर लीक गिरोह में प्रत्येक अभ्यर्थी से अलग-अलग राशि में सौदा तय किया गया था। किसी से 5 लाख तो किसी से 10 लाख रुपए मैं सौदा तय हुआ था।यह पैसा पेपर खत्म होने के बाद देना तय हुआ था। पुलिस ने इस मामले में पेपर लीक गिरोह के सुरेश जाट और मुकेश जोशी सहित कुछ संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है।जिस व्यक्ति ने इस पेपर को भेजा था उसकी तलाश की जा रही है।पेपर भेजने वाला व्यक्ति जालोर के सांचौर का बताया जा रहा है।
वहीं पुलिस उपायुक्त पूर्व डॉ अमृता दुहन सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौके पर मिले प्रश्न पत्र की जांच की जा रही है।हालांकि पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक होने व प्रश्न पत्र से मिलान होने से इनकार किया है।बताया गया है कि मौके पर बरामद प्रश्नपत्र की जांच से पता चलेगा कि यह पेपर लीक का मामला है या नही।बताया कि परीक्षा अधिनियम के सेक्शन 2 में अनुचित साधनों के उपयोग की परिभाषा दी गई है।उसके क्लोज एफ में पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी अभ्यर्थी और गिरोह के सदस्य आरोपी के रूप में कवर होते हैं।इसके तहत पुलिस परीक्षा अधिनियम की धारा 10/2 और आईपीसी की धारा 420 के तहत इन सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। इसके तहत 5 से 10 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा दस लाख रुपए से लेकर एक करोड़ तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
Post View : 34519