बॉम्बे लीक्स
मुंबई : अधर में लटका हुआ महाराष्ट्र मंत्रिमंडल पर शिंदे गुट और फडणवीस की तरफ से आश्वासन ही सामने आ रहे है।बीते एक माह से ज्यादा के समय के बावजूद भी अब तक मंत्री मंडल विस्तार को लेकर किसी तरह की कोई आधिकारिक घोषणा सामने नही आ रही है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस के बीच समीकरण नही बन पा रहे है।ऐसे में लगातार सीएम शिंदे दिल्ली दौरा भी कर रहे है।
वहीं सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक अब कुछ ही दिनों में राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार होने के आसार है।इसकी वजह बताई जा रही है कि सीएम शिंदे की अचानक दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात।शिंदे सरकार में माना जा रहा था कि राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के बाद महारास्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा।लेकिन अंदरखाने से जो बात निकालकर आ रही है।उंसके मुताबिक शिवसेना के बागी 40 विधायक जोकि शिंदे गुट के साथ है।
शिंदे अपने 40 विधायकों को मना पाने में असमर्थ साबित हो रहे है।क्योंकि सभी 40 विधायक मंत्री बनने की लालच में बागी हुए थे।गौर किया जाए तो शिंदे गुट में शामिल होने वाले शिवसेना के 40 और बच्चू कडू की पार्टी और निर्दलीय 10 विधायकों को मिला दें तो सीएम शिंदे के समर्थन में कुल 50 विधायक है।इनमें से 9 विधायक तो उद्धव ठाकरे सरकार की महा विकास आघाड़ी सरकार में ही मंत्री थे।
ऐसे में अगर इन सब को मंत्रीपद देना जरूरी हो जाता है तो सीएम शिंदे बाकी विधायकों को कहा शिफ्ट करेंगे।वही दूसरी तरफ बीजेपी नेतृत्व की दिक्कत यह है कि मुख्यमंत्री पद का त्याग करने के बाद बीजेपी गृह और वित्त समेत सारे अच्छे विभाग अपने पास ही रखना चाह रही है।जबकि सीएम शिंदे गृह या वित्त विभाग में से एक अपने पास रखना चाह रहे है।बीजेपी महा विकास आघाड़ी सरकार के फार्मूले पर चलना चाह रही है। वहां सीएम पद शिवसेना के पास था और गृह और वित्त विभाग एनसीपी के पास था।
भाजपा के 115 विधायक होने के चलते वो राज्य में बड़ी पार्टी के तौर पर है। बताया यह भी जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए जहां शिंदे और भाजपा के बीच पेंच फंसा हुआ है।तो वही दूसरी तरफ शिंदे के विधायक भी तेवर दिखा रहे है।ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के चर्चाओं के बीच अचानक दिल्ली का दौरा रद्द होने की एक अफवाह फैलाई गई थी।बताया यह गया था कि अब सीएम शिंदे गुरुवार 28 जुलाई को दिल्ली आ सकते है।
लेकिन ऐसा नही हुआ क्योंकि सीएम ने गुप्त तरीके से दिल्ली पहुँचकर अमित शाह से मुलाकात कर ली है।भ्रम पैदा करने के लिए मीडिया में यह खबर फैलाई गई थी कि सीएम शिंदे का दिल्ली दौरा कैंसिल हो गया है।सीएम शिंदे के पीछे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए थे।जहाँ उन्होंने नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंटकर उन्हें शुभकामनाएं दी।
एमवीए सरकार में बड़े भाई के तौर पर शामिल एनसीपी के नेता अजीत पवार ने शिंदे सरकार पर तंज कसा है।उन्होंने मंत्रिमंडल में हो रही देरी को लेकर भाजपा और शिंदे पर कटाछ किया है। कहा है कि किसको क्या विभाग देना है, किसे मंत्रिपद देना है, ये शिंदे-बीजेपी मिलकर अब तक तय ही नहीं कर पा रहे है।अजीत ने कहा है कि शिवसेना के सभी बागी विधायकों को मंत्री बनना है।ऐसे में शिंदे यह तय नही कर पा रहे है कि मंत्री बनाने की लालच में जिन्हें लेकर आये है उन्हें कैसे मनाया जाए।
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