मुंबई:नवी मुंबई इलाके में एक साल पहले गुजराती व्यापारी से साढ़े तीन करोड़ रुपए की लूट मार के मामले में सुनील मराठे नाम के जिस कांस्टेबल का नाम आरोपियों की फहरिस्त में दर्ज किया गया था उसे आज तक पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम रही हालांकि इस सस्पेंडेड कांस्टेबल कॉन्स्टेबल की नवी मुम्बई सेशन कोर्ट से गिरफ्तारी पूर्व जमानत की याचिका खारिज हो गई अपने बचाओ के लिए इसने मुंबई हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की हैन जिस्की सुनवाई 26 जनवरी को होनी है बावजूद इसके मराठे पुलिस को न सेठते हुए बिंदास घूमता है।
शिकायत कर्ता जयेश सिंह ठाकुर ने राज्य के मुखमंत्री,कमिश्नर समेत बेलापुर पुलिस थाने को पत्र लिख कर यह मांग की है की है की है की इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।शिकायत कर्ता गणेश सिंह ठाकुर ने अपने आवेदन में एक तथा कथित झोलर एनजीओ के जरिए आरोपी कांस्टेबल को बचाने को लेकर दाखिल की अर्जी पर भी सवाल किया है की एक आरोपी को बचाने के लिए इसका क्या रोल है या यह कौन सी एजेंसी है जो इस लूट मार के गोरख धंधे में शामिल आरोपी सुनील मराठे के समर्थन में आई है।
पुलिस ने अपनी जांच में इस लूट मार में सुनील मराठे और आरोपियों की साठ गांठ का खुलासा किया और इसी खुलासे की वजह मराठे की सेशन कोर्ट से गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारिज हो गई थी लेकिन एक सीनियर अफसर के लिए वसूली करने की वजह से मराठे को इस सीनियर अफसर का पूरा सहयोग होने की वजह से इसकी जमानत अर्जी खारिज होने के बावजूद अब तक इसे गिरफ्तार नहीं किया गया।
जानकारी में यह बात सामने आई है की सुनील मराठे सस्पेंड होने से पहले पुलिस विभाग के आला अफसर के लिए वसूली और रिश्वत का कलेक्शन करता था जिसकी वजह से उसके खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस के पसीने छूट गए और अब सस्पेंड होने के बाद अब वह सारे अवैध काम फुल टाइम में करने लगा।
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