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भोपाल : भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। भोपाल जिला पंचायत में बीजेपी ने कांग्रेस समर्थित को अध्यक्ष बना दिया। बीजेपी ने क्रॉस वोटिंग कराकर ऐन वक्त पर बाजी पलट दी। इस दौरान गहमागहमी का माहौल हो गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा के मंत्री भूपेंद्र सिंह को रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी भी हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है।देखा जाए तो राजधानी भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनावों में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और मंत्री व भाजपा विधायक विश्वास सारंग में भी झड़प देखने को मिली। हंगामे के बीच भाजपा की रामकुंवर गुर्जर ने जीत हासिल की है।
भोपाल में जिला पंचायत के 10 में से छह वोट रामकुंवर गुर्जर को मिले और कांग्रेस की रश्मि भार्गव को सिर्फ चार वोट। इससे पहले कांग्रेस ने गुरुवार को अपने चार सदस्यों को अगवा करने का आरोप भाजपा पर लगाया था। सुबह से ही जिला पंचायत दफ्तर के बाहर दिग्विजय सिंह समेत बड़े कांग्रेस नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा था। मंत्री विश्वास सारंग सदस्यों को अपनी गाड़ी में लेकर पहुंचे। इससे पहले मंत्री भूपेंद्र सिंह की गाड़ी को दिग्विजय सिंह ने गेट पर रोक लिया था।
विधायक रामेश्वर शर्मा सदस्य के साथ अंदर घुस गए। जिसका दिग्विजय सिंह और अन्य कांग्रेस नेता विरोध कर रहे थे।इसके बाद सारंग भी सदस्यों को अपनी गाड़ी में लेकर पहुंचे। तब दिग्विजय सिंह ने उन्हें रोका। प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि कोई कार अंदर नहीं जाएगी। दोनों में हल्की-सी झड़प भी हुई। कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधायक पीसी शर्मा और आरिफ मसूद भी मौके पर थे। बीजेपी विधायक और मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में अंदर जाने पर दिग्विजय सिंह और आरिफ मसूद ने विरोध किया।
कांग्रेस नेता भी अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, जिसे लेकर खूब हंगामा हुआ। इन सबके बीच दिग्विजय सिंह की पुलिस से भी झड़प और पुलिस अधिकारी के कॉलर पकड़ने की भी बात सामने आई है।पंचायत चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच करीब 4 घंटे तक नाटकीय हंगामा चलता रहा।तभी मौके की नजाकत को भांपते हुए कांग्रेस नेता की पत्नी रामकुंवर गुर्जर, बिजिया राजौरिया और चंद्रेश राजपूत ने पाला बदल लिया।
मंत्री भूपेंद्र सिंह-विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री अपनी गाड़ी में सदस्यों को लेकर पहुंचे। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे गुंडागर्दी बताया, तो मंत्रियों ने भी पलटवार किया। नए समीकरण बनने के बाद बीजेपी ने रामकुंवर गुर्जर को अध्यक्ष का कैंडिडेट घोषित किया, तो कांग्रेस ने रश्मि भार्गव को मैदान में उतारा।
दोपहर ढाई बजे बाद अधिकृत घोषणा होते ही अध्यक्ष को लेकर तस्वीर भी साफ हो गई। अध्यक्ष की कुर्सी पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया।दोपहर 2.34 बजे गुर्जर के अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री सिंह, सारंग और विधायक शर्मा उन्हें लेने अंदर पहुंचे। जीत का सर्टिफिकेट लेने के बाद वे गुर्जर को साथ में लेकर आए। मंत्री सारंग नवनिर्वाचित अध्यक्ष गुर्जर को अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गए। सभी सीएम हाउस पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिले।
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