बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
मुंबई – खाकी को दागदार करने वाले भगोड़े दागदार डीसीपी की मुंबई क्राइम ब्रांच को सरगर्मी से तलाश है।ऐसे में मुंबई पुलिस के वसूलीबाज़ डीसीपी सौरव त्रिपाठी को जल्द ही क्राइम ब्रांच अपनी गिरफ्त में ले सकती है। DCP सौरव त्रिपाठी पर आंगड़िया लोगो से जबरन धन उगाही का आरोप है।आंगडिया का मतलब है कि हीरा सोना चांदी कारोबारी जोकि कुरियर के तौर पर काम करते है।ऐसे में मुंबई पुलिस के वसूली बाज़ भगोड़े डीसीपी पर आरोप के तहत मामला दर्ज हुआ है कि जिस दौरान डीसीपी एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन के अंतर्गत पोस्टेड थे।उस दौरान 3 पुलिसकर्मियों ने आंगड़िया को गलत तरीके से हिरासत में रखकर जबरन वसूली की थी।डीसीपी सौरव त्रिपाठी उस दौरान साउथ मुंबई के ज़ोन टू में तैनात था। इस प्रकरण को लेकर 3 हफ्ते पहले सौरव त्रिपाठी का जनहित का हवाला देते हुए तबादला कर दिया गया था।जिसके बाद मामला दर्ज होने के पश्चात मुंबई क्राईम ब्रांच इस मामले की जांच में एलटी मार्ग के तीनों पुलिस वाले गिरफ्तार किये गए।गिरफ्तार हुए तीनो पुलिस कर्मियों के बयान के बाद अब मुंबई क्राईम ब्रांच के निशाने पर DCP सौरव त्रिपाठी आ चुका है।सूत्रों के मुताबिक क्राईम ब्रांच के पास डीसीपी के ख़िलाफ़ पुख्ता सबूत हाथ लग चुके है, ऐसे में कभी भी डीसीपी सौरव त्रिपाठी की गिरफ्तारी को अंजाम दिया जा सकता है।
इस मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच की CIU की टीम कर रही है।आंगडिया से अवैध तरीके से धन उगाही के मामले में तीनों गिरफ्तार पुलिस कर्मियों के अलावा डीसीपी सौरव त्रिपाठी भी बराबर का भागीदार बताया जा रहा है।खबर तो यह भी है कि डीसीपी सौरव त्रिपाठी की शह पर ही आंगडिया से अवैध वसूली को अंजाम दिया गया। एल.टी. मार्ग पुलिस स्टेशन जोन 2 के अंतर्गत आता है जिसके तत्कालीन DCP सौरव त्रिपाठी रह चुका है।हालांकि मामला सामने आने के बाद सौरव त्रिपाठी का किसी अन्य स्थान पर तबादला कर दिया गया था।
अवैध वसूली मामले में फिलहाल एलटी मार्ग के पुलिस निरीक्षक नितिन कदम, उपनिरीक्षक समाधान जामदाडे और ओम वांगते क्राईम ब्रांच की गिरफ्त में है।जोकि वांगते दक्षिण मुंबई के मुंम्बादेवी इलाके में स्थित आंगडिया कारोबार से कथित रूप से वसूली करते थे। नितिन कदम और समाधान जामदाडे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।वहीं 10 मार्च को गिरफ्तार किए गए ओम वांगटे को मंगलवार को पुनः अदालत में पेश किये जाने के बाद उसकी पुलिस हिरासत 19 मार्च तक बढ़ा दी गई है।
जांच के दौरान जो बात सामने आई उंसके मुताबिक डीसीपी त्रिपाठी की शह पर ही अवैध रूप से वसूली को अंजाम दिया गया था।इस बात का खुलता गिरफ्तार किया गया मुख्य आरोपी वांगटे ने कथित तौर पर बताया, कि वह त्रिपाठी के मौखिक निर्देशों पर सिर्फ काम कर रहा था। खबर के मुताबिक डीसीपी सौरव त्रिपाठी ने पिछले साल दिसंबर में अंगाडिया के एक समूह से कथित रूप से पैसे वसूलने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के एक दिन बाद बीमार छुट्टी की सूचना दी थी।
मुंबई पुलिस में वसूली रैकेट का आरोपी डीसीपी सौरभ त्रिपाठी पर बात करे तो वो 2010 बैच का IPS अधिकारी है कभी अहमदनगर का SP हुआ करता था।अहमदनगर में बतौर एसपी अन्ना हज़ारे के आंदोलन में सौरव सुर्खियों में आया। जब आंदोलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किये गए बंदोबस्त के दौरान IPS सौरव ने अपनी एक पहचान बनाई थी।चर्चा में आने के बाद अहमदनगर का एसपी सौरव त्रिपाठी मुंबई में जोन 4 का DCP बनाया गया।बताया जाता है कि ज़ोन चार में बतौर डीसीपी उसका फीड बैक अच्छा न होने के कारण सौरव को जोन 4 से तबादला कर DCP प्रोटेक्शन एंड सिक्योरिटी में भेज दिया गया था।लेकिन इधर उधर हाथ पैर मारकर सौरव पुनः जोन 2 का DCP बनने में सफल हो गया।लेकिन उसकी कार्यगुज़ारी रुकी नहीं और वसूली प्रकरण में भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
ऐसे में अब मुंबई क्राइम ब्रांच अब ये पता लगाने में जुट गई है कि डीसीपी सौरव त्रिपाठी के वसूली रैकेट से जुड़े अधिकारियों ने अबरक किन किन लोगों से वसूली को अंजाम दिया।मुंबई क्राईम ब्रांच इस बात का भी पता लगाने में जुटी है कि इस वसूली में क्या और कोई अधिकारी भी जुड़ा हुआ है।
Post View : 86512