बॉम्बे लीक्स ,उत्तर प्रदेश
लखनऊ : जमानत पर 27 महीने बाद जेल से बाहर हुये सपा विधायक आजम खान ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सियासत में हलचल पैदा कर दी। आजम खान ने लखनऊ में दिए बयान में दावा करते हुए कहा कि मेरी जान को खतरा है। मेरा सफर कहा तक है यह मुझे खुद नही मालूम। कहा कि जेल में आकर इंस्पेक्टर मुझसे ये कह सकता है कि मैं अंडर ग्राउंड हो जाऊँ।क्योंकि मेरे ऊपर काफी ज्यादा मुकदमे पंजीकृत है।तो कही ऐसा ना हो कि आपका इनकाउंटर हो जाए।क्योंकि इंस्पेक्टर के मुताबिक मेरी जान खतरे में है।
लखनऊ में आज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामपुर से आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला खान ने विधायक पद की शपथ ली।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को विधायक पद की शपथ दिलाई।आज़म के बेटे अब्दुल्ला आज़म स्वार टांडा सीट से विधायक है।आज़म खान शपथ ग्रहण के बाद अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ विधान सभा के बाहर आ गये।जहां आज़म खान ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि वह देश के माफिया नंबर एक है। आजम खान ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने मुझे देश का नंबर वन माफिया बना दिया है। कहा कि मेरे ऊपर जितने मुकदमे लिखे गए है।इतने झूठे मुकदमे तो बड़े-बड़े माफियाओं पर भी कभी दर्ज नही किये गये।इस दौरान सपा विधायक ने इस दौरान मुलायम सिंह यादव पर भी तंज कसते हुए कहा कि हो सकता है कि (नेता जी )मुलायम सिंह के पास मेरा नंबर ना हो, या उन्हें मुझे फोन करने का कोई उचित समय ना मिला हो।आज़म खान का राजनैतिक करियर काफी मायने रखता है।
1980 में पहली बार आजम खान जनता पार्टी के टिकट पर लड़कर विधानसभा पहुँचे थे। इसके बाद आज़म खान 1985 में लोक दल के टिकट पर विधायक बने थे।वही 1989 में जनता दल के टिकट पर पुनः निर्वाचित होकर पहली बार यूपी सरकार में मंत्री बनाये गए थे।यही नही 1991, 1993, 2002, 2007, 2012 और 2017 तक लगातार आजम खान जीत की इबारत गढ़ते गये।वही1996 में आज़म को हार का सामना भी करना पड़ा था।जब आज़म को कांग्रेस के अफरोज अली खान के हाथों पराजित होना पड़ा था।लेकिन चुनाव हारने के बाद आज़म खान राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए गये। 10 बार विधायक और राज्यसभा सांसद के बाद आज़म खान 2019 में लोकसभा सीट भी जीतकर संसद पहुँचे थे।लेकिन शायद लोकसभा उनको रास नही आई और उन्हें जेल जाना पड़ा।हालांकि 2022 के विधान सभा चुनाव में जेल में रहते हुए आज़म खान ने रामपुर सीट जीतकर विरोधियों को फिर चौंका दिया।फिलहाल अब प्रदेश की सियासत में आज़म ने इन कयासों पर विराम लगा दिया है कि वे अभी किसी पार्टी से न जुड़कर सपा के ही साथ है।उनके बयानों के मुताबिक वो हार्दिक पटेल नही जो पार्टी से नाराजगी या किसी डर से पार्टी छोड़ दें।
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