• आडिट रिपोर्ट के खुलासे पर BJP ने दिल्ली सरकार को घेरा, तो सिसोदिया ने रिपोर्ट को फर्जी बताकर केंद्र को दी बड़ी चुनौती।
•केजरीवाल बोले मेरा गुनाह इतना कि वो बंगाल रैलियों में और मैं दो करोड़ लोगों को साँसे दिलाने के लिए लड़ता रहा।
दिल्ली ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
नई दिल्ली : दिल्ली में जारी की गई आक्सीजन आडिट रिपोर्ट को लेकर दिल्ली प्रधान गृह सचिव भूपिंदर एस भल्ला ने अंतरिम रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है।रिपोर्ट पर टिप्पड़ी करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबकमेटी का गठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ऑक्सिजन सप्लाई के अवरोध की पहचान व सुगम सप्लाई का रास्ता ढूढ़ने के लिए किया था। वहीं दूसरी तरफ सबकमेटी ऑक्सिजन फॉर्मूले की समीक्षा कर रही है जो कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स का काम है।
इसके बाद आक्सिजन आडिट रिपोर्ट को लेकर एक बार फिर दिल्ली और केंद्र सरकार आमने- सामने खड़ी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऑक्सिजन ऑडिट रिपोर्ट को बीजेपी के निशाने पर केजरीवाल सरकार आ गई है। रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान देशभर में ऑक्सिजन पर हाहाकार था।उस दौर में दिल्ली सरकार द्वारा जरूरत कही अधिक चार गुना ऑक्सिजन की मांग की गई। जिसे लेकर दिल्ली सरकार के प्रधान गृह सचिव भूपिंदर एस भल्ला रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज की है।
वही दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आक्सीजन रिपोर्ट को नकार दिया है।दिल्ली की ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी के मेंबर संजय सिंह के अनुसार दो मेंबर्स इस कमेटी की आखिरी बैठक में शामिल ही नहीं हुए थे।कहा कि दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी भूपेंद्र भल्ला ने तो मीटिंग में ही कह दिया था कि रिपोर्ट पूर्वाग्रह से प्रेरित है।
सूत्रों के मुताबिक मेंबर पेट्रोलियम एंड ऑक्सीजन सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन के संजय कुमार सिंह ने दावा किया है कि यह रिपोर्ट रियल टाइम ऑक्सीजन डिमांड पर तैयार की गई है। उनके अनुसार आक्सीजन रिपोर्ट में दर्ज हर फैक्ट का एनालिसिस बेहद बारीकी से करने के बाद सवाल किए गए है। हालांकि आक्सीजन रिपोर्ट को पैनल ने कोर्ट को सौंप दिया है। अब इसपर अंतिम फैसला तो सुप्रीम कोर्ट की जांच के बाद ही तय किया जाएगा।
संजय के मुताबिक शुरुआती सभी मीटिंग एक साथ की गई लेकिन आखिरी मीटिंग में दो पैनलिस्ट, भूपेंद्र भल्ला और मैक्स हेल्थ केयर के डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा को 18 मई 2021 की मीटिंग में शामिल नहीं किया गया।मीटिंग में शामिल न होने वाले दोनों पैनलिस्ट का जिक्र रिपोर्ट में भी किया गया है। कहा कि आक्सीजन आडिट को लेकर भल्ला जी के कुछ ऑब्जेक्शन थे।भल्ला ने माना था कि रिपोर्ट को बनाने में कुछ पूर्वाग्रह शामिल हैं। जबकि डॉ. संदीप बुद्धिराजा की तरफ से अभी वजहों को साफ नही किया गया है। भल्ला की माने तो कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली ने हाईकोर्ट और देश की सुप्रीम कोर्ट के सामने राज्य में जरूरत से कम ऑक्सीजन सप्लाई की जो बात कही थी, वह बिल्कुल भी तार्किक नहीं थी। जबकि रिपोर्ट में ऑक्सीजन डिमांड की जरूरत की बात न कर दिल्ली सरकार को घेरने की कोशिश की गई है।
जिसके बाद भल्ला ने दावा किया कि ऑडिट के लिए बनाया गया सब ग्रुप अपने मकसद से भटक गया है। रिपोर्ट का मकसद था कि आखिर मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई में क्यों दिक्कतें आईं। लेकिन दिक्कतों पर जांच की बजाए आक्सीजन इस्तेमाल की रिपोर्ट बनाई गई। जबकिऑक्सीजन इस्तेमाल के फार्मूले की समीक्षा करना नेशनल टास्क फोर्स का काम था।असल मकसद भुलाकत कमेटीउस फार्मूले को तय करने लगा जिसकी जरूरत ही नही थी।
कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी के पैनल में AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया मुखिया और 4 सदस्य थे।जिसमें सरकार के प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी भूपेंद्र भल्ला, मैक्स हेल्थ केयर डायरेक्टर डॉ. संदीप बुद्धिराजा, यूनियन जल शक्ति मिनिस्ट्री में ज्वाइंट सेक्रेटरी सुबोध यादव, पेट्रोलियम ऐंड ऑक्सीजन सप्लाई सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन (पीईएसओ) के संजय सिंह शामिल थे।
हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के ऑक्सीजन इस्तेमाल के फार्मूले को दरकिनार कर दिया। फार्मूले के मुताबिक 50 फीसदी नॉन ICU बेड के मरीजों पर ऑक्सीजन इस्तेमाल का अनुमान किया गया।जिसके बाद ऑक्सीजन डिमांड के लिए दिल्ली सरकार द्वारा सभी नॉन ICU बेड्स में ऑक्सीजन इस्तेमाल का फार्मूला अपनाया।
कमेटी द्वारा सौंपी गई अंतिम रिपोर्ट के अनुसार पैनलिस्ट ने 14 मई को चौथी मीटिंग की थी। जिसमे निकाले गए निष्कर्ष के मुताबिक वास्तविक ऑक्सीजन खपत और दावा किए गए खपत में 4 गुना भारी अंतर दर्ज किया गया है। बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने बार-बार मांग को रिवाइज करते अंतिम समय में 1140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की बेबुनियाद मांग रखी थी जबकि वास्तविक जरूरत केवल 289 मीट्रिक टन से चार गुना थी।जबकि नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली के अस्पतालों और रिफिलर्स कंपनी के पास लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा मौजूद थी।
कमेटी की आक्सीजन आडिट रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार के मुखिया ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए एक ट्वीट किया, जिसमे केजरीवाल ने कहा कि ‘ मेरा गुनाह सिर्फ यह है कि मैं अपने दो करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा था। जब आप चुनावी रैली कर रहे थे तो मैं रात भर जाग कर ऑक्सीजन का इंतजाम करने में लगा रहा। लोगों को ऑक्सीजन दिलाने के लिए मैं लड़ता रहा ,कंपनियों के सामने गिड़गिड़ाता रहा।आप उन लोगों को झूठा मत कहिए जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनों को खोया है।इस प्रकार की शब्दो से उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।
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