लखनऊ ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
लखनऊ : दस साल पहले का इतिहास इस बात का गवाह है कि अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी।जबकि केजरीवाल का मुखौटा थे समाज सेवी अन्ना हजारे।जिनके नेतृत्व में लोकपाल मुद्दे पर आंदोलन की शुरुआत कर रूपरेखा तैयार की गई।जिसके बाद भारी जनसमर्थन के साथ 2012 में आम आदमी पार्टी के तहत दिल्ली की सत्ता पर केजरीवाल मनोनीत हुए। केजरीवाल और नौकरशाह अमिताभ ठाकुर दोनों में काफी समानताएं है। ठाकुर इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार पर केजरीवाल की तरह हमलावर हैं। ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध गोरखपुर से चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर रखा है।जिसके बाद अब यह सवाल उठ रहे है कि क्या अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश में अरविंद केजरीवाल की तरफ सफल होंगे।
क्या एक नाटकीय ढंग से हुई अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी उनकी सियासी पारी को मजबूत बना सकेगी।
यह सवाल इसलिए भी क्योंकि अमिताभ ठाकुर ने अपनी गिरफ्तारी के ही दिन राजनीतिक दल का गठन कर लोगों से उससे जुड़ने की अपील कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरूद्ध चुनाव लड़ने का एलान किया था।जिसके बाद आनन फानन में अमिताभ ठाकुर की उनके लखनऊ स्थित घर से गिरफ्तारी हो गई।
अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि उनके पति को परेशान करने के पीछे के कारण है कि मेरे पति ने आदित्यनाथ के विरुद्ध चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।जबकि पीड़िता के उसी बयान में एक वर्तमान जज के साथ-साथ कई अन्य पुलिस अधिकारियों के ऊपर भी आरोप लगाए है।लेकिन सीएम योगी की पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
गौरतलब है कि बलात्कार की पीड़िता ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह से पहले सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपने मामले में अमिताभ ठाकुर के साथ-साथ वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, एक जज, वरिष्ठ अधिकारी वीपी सिंह, सीओ अमरेश सिंह, थाना अधिकारी संजय राय और उनके बेटे विवेक राय का नाम लिया था।नूतन के अनुसार उन्हें अब तक एफआईआर की कॉपी तक उपलब्ध नही कराई गई।अमिताभ ठाकुर नौ सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में है। नूतन ठाकुर ने कहा कि हमने पूरी जिंदगी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है।कहा कि हम इसी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।
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