• कोरोना को मात देने के बाद मरीज़ों में मिलने लगे है स्वाइन फ्लू के लक्षण।
• एच 1 एन 1 मरीज़ों को कोविड ईलाज न देने की डॉक्टरों को सलाह , स्वाइन फ्लू और कोविड के एक जैसे लक्षणों के बाद फैसला।
| बॉम्बे लीक्स ,मुंबई |
मुंबई : मुंबई अभी पूरी तरह से कोविड प्रकोप से उभर भी नही पाई थी कि अब स्वाइन फ्लू की दस्तक के चलते मुंबईकरो की मुसीबतें बढ़ने लगी है।
मुंबई में कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में घिरने लगे है। जानकारी के मुताबिक कोविड-19 और स्वाईन फ्लू के लक्षण एक जैसे होने के चलते विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी है कि डॉक्टरों को ध्यान रखना होगा कि एच1 एन 1 के मरीज को कोविड का इलाज ना दिया जाए।
मौजूदा परिस्थिति पर नजर डाले तो देश में कोरोना वायरस महामारी के बीच मुंबई में इन्फ्लुएंजा H1N1 यानी स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आने लगे है। स्वाईन एवं कोविड के लक्षण एक जैसे होने के चलते डॉक्टरों को विशेष तौर पर ईलाज के लिए अवगत कराया जा रहा है। कहा गया है कि डॉक्टरों को ध्यान रखना होगा कि एच1 एन 1 के मरीज को कोविड ईलाज से दूर रखा जाए। सूत्रों के मुताबिक मामले का खुलासा तब हुआ जब सर्दी, बुखार और सिरदर्द से पीड़ित कुछ मरीज़ों में स्वाईन फ़्लू के लक्षण पाय गए। यह वो मरीज थे जिन्होंने हाल ही में कोरोना को मात दी थी। ऐसे में किसी भी कोविड मरीज के 90 दिन के भीतर पुनः संक्रमित होने के यह दुर्लभ मामले है। बताया जा रहा कि मरीज़ों में सर्दी खांसी की शिकायत के बाद डॉक्टरों द्वारा H1N1 टेस्ट का सुझाव दिया गया तो मामला स्वाईन फ्लू से संबंधित निकला।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मरीज का H1N1 टेस्ट पॉजिटिव पाया गया।जिसके बाद स्वाईन फ्लू के दो और मामले एच3 एन2 के तीसरे मामले को भी देखा गया। ख़बर जे मुताबिक इन्फ्लूएंजा-ए का सब टाइप है. रिपोर्ट के अनुसार इलाज के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि फिलहाल कई वायरस का प्रसार हो रहा है। ऐसे में विशेषज्ञयों के अनुसार यदि किसी मरीज पर कोविड प्रोटोकॉल से किये जा रहे ईलाज का कोई प्रभाव न पड़े तो ऐसे में अन्य टेस्ट एवं इलाज पर नजर डालने की जरूरत है।मुंबई बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि बीएमसी को इस वर्ष H1N1 के दो मामले मिले हैं। जबकि पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजधानी में H1N1 के कई मामले सामने आने लगे है। हालांकि बीते वर्ष कोविड के बाद मुंबई में 44 मामले सामने आए थे। दूसरी तरफ 2019 में H1N1 के लगभग 451 मामले पाए गए थे जबकि 5 लोगों की मौते हुई थीं।
डॉक्टरों के मुताबिक H1N1 और कोविड-19 दोनों ही सांस संबंधी बीमारी होती है। जिसे लेकर मरीज को उचित समय पर सही डायग्नोसिस देना जरूरी होता है। हालांकि दोनों के लक्षणों में कई समानताएं देखने को मिलती है। किन्तु दोनों के वायरस में काफी अंतर है।ऐसे एक दर्जन से अधिक ऐसे मामले है जहां पर रोगी कोविड और H1N1, दोनों रोगों से पॉजिटिव पाया गया।जबकि अधिकतर मामलों में H1N1 मामले फाल्स पॉजिटिव देखने को मिले। जिसके बाद सलाह दी गई है कि H1N1 की पॉजिटिव रिपोर्ट को हल्के में नही लेना चाहिए।क्योंकि ऐसा करने पर मरीज कि स्थिति काफी गंभीर होने के चलते मरीज की मौत भी हो सकती है।
फिलहाल मुंबई में पैर पसारते स्वाईन फ़्लू के लक्षणों को लेकर जहाँ लोगो को सचेत रहने की जरूरत है तो वही दूसरी तरफ डॉक्टरों को मरीज़ों में ऐसे लक्षण दिखने के बाद अलग टेस्ट एवं अलग इलाज देने की जरूरत होगी।
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