बॉम्बे लीक्स
देहरादून : उत्तराखंड में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या को लेकर फैले आक्रोश के बीच भाजपा सरकार की चारों तरफ किरकिरी हो रही है।वहीं वारदात का गवाह बना भाजपा नेता के रिज़ार्ट को आनन फानन में बुलडोजर चलवाकर क्षतिग्रस्त करने को लेकर भी उत्तराखंड की भाजपा सरकार सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है।
हालांकि इस मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री का बेटा पुलकित आर्या मुख्य आरोपी है।पुलिस ने भाजपा नेता के पुत्र समेत वारदात में शामिल 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी पुलकित आर्या उत्तराखंड भाजपा के दिग्गज नेता एवं पूर्व मंत्री रहे है।वर्तमान में विनोद आर्या बीजेपी ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के न सिर्फ सदस्य है,बल्कि यूपी के सह प्रभारी भीबनाये गए हैं।विनोद आर्या का दूसरा बेटा एवं आरोपी पुलकित का भाई अंकित आर्य उत्तराखंड सरकार में राज्य पिछड़ा आयोग में उपाध्यक्ष है।
एसआईटी ने रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भाष्कर से पूछताछ की तो उन्होंने पूरा राज उगल दिया। आरोपी है कि अंकिता पर ग्राहकों के साथ संबंध बनाने का दबाव बनाया जा रहा था। अंकिता इसके लिए राजी नहीं हुई और रिजॉर्ट की हकीकत सामने लाने की धमकी दी। अब अंकिता हत्याकांड की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सभी रिजॉर्ट की जांच के निर्देश है। सीएम ने ये जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी हैं। अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी अपनी बेटी की हत्या से टूट गए हैं। उन्होंने बेटी के हत्यारोपियों को फांसी देने की मांग की है।उन्होंने कहा कि अंकिता परिवार के लिए कुछ करना चाहती थी।लेकिन उसको गलत कामो में जबरन धकेला जा रहा था।कहा कि उसका और परिवार का सपना उंसके हत्यारों ने चूर चूर कर दिया।
वहीं आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर किसके कहने पर चलावाया गया ? इसका जवाब जिला प्रशासन नहीं दे पा रहा है। रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद से ही यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि साक्ष्य छुपाने के लिए हड़बड़ी में रातोंरात बुलडोजर चलवा दिया गया।हालांकि जांच अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि मामले से जुड़े सभी साक्ष्य सुरक्षित हैं, वे नष्ट नहीं हुए हैं।
दूसरी तरफ देखा जाए तो इस वारदात का खुलासा होने के बाद सीएम धामी ने भी अपने बयान में कहा था कि सरकार ने दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है।कहा था कि आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट पर बुल्डोजर द्वारा कार्रवाई की गई है।लेकिन अब जब बुलडोजर सवालों के घेरे में आ गया तो उत्तराखंड की भाजपा सरकार सकते में आ गई है।कोई भी अधिकारी इस बात की ज़िम्मेदारी लेने से बच रहा है कि सिर्फ नाम के लिए ऐसी जगह पर रातों रात बुलडोजर चलाने का आदेश किसने दिया था,जिन जगहों पर अंकिता भंडारी से जुड़े साक्ष्य मौजूद थे।
आरोपियों की निशानदेही के आधार पर एसडीआरएफ टीम की मदद से नहर में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर अंकिता भण्डारी की बॉडी को बरामद कर लिया गया।पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रिसेप्शनिस्ट रिजॉर्ट में आने वाले कस्टमर के पास जाने से मना कर रही थी। वे लोग रिसेप्शनिस्ट को वेश्यावृत्ति में ढकेलना चाह रहे थे, लेकिन रिसेप्शनिस्ट ऐसा करने से मना कर दिया था। इस बात से नाराज आरोपियों ने अंकिता की हत्या कर चीला शक्ति नहर में फेंक दिया था।
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