
सामने से एक में दो होर्डिंग
मुंबई : मुंबई के घाटकोपर हादसे के हाशिए पर एक और होर्डिंग खड़ी है बस इंतज़ार है उसी तर्ज के एक तूफान का यह होर्डिंग मुंबई के भायखला इलाके में रेलवे कालोनी में है सब से पहले इस होरिडंग को आप देखें होर्डिंग देख कर आपको यही लग रहा होगा को यह होर्डिंग नियम कानून के मुताबिक है लेकिन यह आपको गलत फहमी है जो दिखा रहा है असल में इसके उलट है । जो नजरों के सामने दिखाई दे रहा है असल में वह एक छलावा है जो इस प्रकार की एड एजेंसियां और उनके सहयोगी महकमा पुलिस और बबीएमसी जनता की आंखों में दिन दहाड़े धूल झोकती नज़र आती हैं।

पीछे से स्ट्रक्चर एक ही है
तो सब से पहले दिखाते हैं की यह होर्डिंग के इस खेल को मुंबई के के घाटकोपर होर्डिंग हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई इस हादसे के बाद शहर मुंबई की गैर कानूनी होर्डिंग वालों पर सरकार ने सख्ती बरती नतीजा यह हुआ को पूरी मुंबई में जहां जहां गैर कानूनी तरीके से या महकमों के अफसरान को मिली भगत से होर्डंग लगाई गई थी वह सब निकाल ली गई। चुंकि यह होरिड भी 80 / 80 स्किरफिट की थी और रेलवे की जमीन पर है तो यहां भी इस 80/80 की होर्डिंग में तब्दीली करने का छलावा पेश किया गया। और इस तरह से होर्डिंग को 80/80 के बजाए दो हिस्सों में बांट दिया गया। जो अभी आपको इस तरह से दिखाई दे रहा है।
लेकिन अब जो हकीकत आपने के सामने बयां हो रही है जिसे सुन कर और देख कर आप दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे इस गैर कानूनी होर्डिंग को भले ही दो हिस्सों में बांट कर जनता और रेलवे विभाग की फाइलों में लिख दिया गया है लेकिन इसके पीछे यानी इसके स्ट्रक्चर को देखेंगे तो स्ट्रक्चर ज्यों का त्यों पहले के ही जैसे ही बना हुआ है जो किसी खतरे को घंटी से कम नहीं बस इंतज़ार है उसी तूफान का जिसने घाटकोपर में 17 लोगों की जानें ले ली रेलवे प्रशासन और बीएमसी के आला अफसरान की मिली भगत का अगर सब से बड़ा सुबूत घाटकोपर होर्डिंग हादसा है तो यह भी उसी की जीती जागती मिसाल है जिसके लिए एक ऐसे तूफान का इंतजार किया जा रहा है जो कभी भी यहां न जाने कितने लोगों की जान ले सकता है।
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