Bombay Leaks Desk
मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले साल 9 अक्तूबर को जेजे मार्ग पुलिस थाने में 12 से ज्यादा पुरुष और 200 महिलाओं के खिलाफ़ दंगा करने , मारपीट करने और माहौल खराब करने अपराधिक गतिविधियों की नियत से गैर कानूनी तरीके से किसी के घर में घुसने को लेकर जो मामला दर्ज किया गया था वह जल्द ही खारिज हो सकता है। क्योंकि हाईकोर्ट ने पुलिस थाने के सीसीटीवी कोर्ट में जमां करने के लिए कहा है क्योंकि सारे आरोपी जिस समय पुलिस पुलिस थाने में मौजूद थे उसी समय रिज़वी बिल्डर के गुर्गे ने उनपर मामला दर्ज कराव दिया। इस तरह से 200 से ज़्यादा लोगों के खिलाफ़ जो मामला दर्ज किया गया है वह खारिज होने के कगार पर पहुंच गया है।
200 से ज़्यादा लोगों के खिलाफ़ हुई एफआईआर को लेकर आरोपी पक्ष ने इस बात को आधार बनाते हुए कि शिकायतकर्ता ने जिस समय का उल्लेख करते हुए घटना का उल्लेख किया है वह झूट है क्योंकि वह उस वक्त खुद जेजे मार्ग पुलिस थाने में मौजूद थे। आरोपी पक्ष ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता रिज़वी बिल्डर की ओर से सफदर अब्बास रिज़वी ने अपनी शिकायत में कहा कि उसने शिकायत में बताए गए समय के अनुसार उन सारे लोगों को घटना स्थल पर देखा है जिसके आधार पर उसने शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई है। जबकि सच्चाई यह है कि उस वक्त सारे लोग उसी पुलिस थाने में मौजूद थे।
आरोपियों के वकील आसिफ नकवी ने कहा कि
दर असल जैनबिया ट्रस्ट और एसबीयूटी के बीच डेव्लपमेंट को लेकर साठगांठ हुई है और करोड़ों की डील हुई है जिसको लेकर शिया कम्युनिटी पूरी तरह से नाराज़ है। क्योंकि यह जगह वक्फ़ की जागीर है और इमामबाड़ा है। यह इमामबाड़ा 150 साल पुराना है और मीर बबर अली अनीस की मिलिकियत है। जो कि शिया कम्युनिटी के लिए वक्फ़ ( दान ) की गई है जिसे रिज़वी बिल्डर और उनके गुर्गे एसबीयूटी से मिल कर डेव्लपमेंट करवाने पर तुले हुए हैं हमने मामला दर्ज होने के 10 दिन के अदंर आरटीआई के ज़रिए सीसीटीवी की मांग करते हुए उस सीसीटीवी को सुरक्षित रखने की भी बात कही थी ताकि बतौर सुबूत उसे कोर्ट मे पेश किया जासके।
पिछले साल मुहर्रम के दौरान रिज़वी बिल्डर ने महिलाओं के इमामबाड़े को एसबीयूटी को किराए पर दे दिया जब मुहर्रम के दिन इबादत के लिए शिया कम्युनिटी वहां पहुंची तो वहां ताला लगा देख आग बगोला हो गई और सब लोग शिकायत करने के लिए जेजे मार्ग पुलिस थाने पहुंचे लेकिन मामला उल्टा हो गया पुलिस ने इनकी शिकायत पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की बल्कि इनके खिलाफ़ ही मामला दर्ज कर लिया।जिसके बाद हाईकोर्ट ने जेजे मार्ग पुलिस थाने को यह निर्देष जारी किया कि एफआईआर में बताए गए समय को लेकर वह पुलिस थाने के सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग कोर्ट में पेश करें ताकि मामले की सच्चाई से पर्दा उठ सके।
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