शाहिद अंसारी
मुंबई : मुंबई की शिवड़ी कोर्ट ने भायखला पुलिस थाने मे दर्ज हे एक मामले को लेकर पुलिस को फ़टकार लगाई है और मामला की गंभीरता से जांच कर 4 हफ्तों के अंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
मामला है निसार इस्माईल वाघू नाम के एक ख़बरी का जिसके विरुद्ध जाली दस्तावेज़ बनाने का मामला भाईखला पुलिस ने दर्ज किया था लेकिन कोर्ट में सराकारी वकील ने बताया कि यह मामला कुछ भी नहीं है और इसे पुलिस केस को बंद कर रही है। यह ममला कोर्ट के आदेश के बाद भाईखला पुलिस ने दर्ज किया था इसलिए सरकारी वकील की इस बात पर कोर्ट ने नाराज़गी जाहिर की और कहा कि इस मामले में जब कोर्ट ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया है तो पुलिस कैसे इंकार कर सकती है कोर्ट ने अपने आदेश मे कहा है कि इस मामले में सरकारी दस्तावज़ों से छेड़छाड़ की गई है तो उसको लेकर पुलिस विरोध नहीं कर सकती है। इस लापरवाही को देख कोर्ट ने मामले की जांच करने वाले अधिकारी को आदेश दिया कि इस पर हलफ़नामा दाखिल करें और दस्तावेज़ों को राएटिंग एक्सपर्ट ( फॉरेंसिक लैब ) में भेज कर 4 हफ्तों के अदंर कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश करें।
चूंकि भाईखला पुलिस थाने पर वरिष्ठ अधिकारियों का दबाव था इसलिए उन्होंने खबरी लाल निसार इस्माईल वाघू के विरुद्ध मामला नहीं दर्ज किया इसलिए पीड़ित पक्ष ने मामला दर्ज करने के लिए कोर्ट का रुख किया था।
मामला क्या था
मामला है शेयर सर्टिफिकेट में हेर फेर कर दूसरी एक सोसयाटी में घुसपैठ करने का मामला मुबंई के मज़गांव कोकनी को. आ. सोसायटी का है जहां शिकायतकर्ता सलीम महमूद नेवरेकर खुद इस सोसायटी के सेक्रेटरी हैं और आरोपी द्वारा जिनके शेयर सर्टिफिकेट से छेड़छाड़ की गई है उनके रिश्तेदार भी हैं। निसार इस्माईल वाघू ने अपने आपको आशियाना कंस्ट्रक्शन का पार्टनर बताते हुए रजिस्ट्रार आफिस में शिकायत की थी कि मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में कोई एडमिनिस्ट्रेटर नहीं है। अपनी शिकायत में वाघू ने मज़गांव कोकनी आशियाना एसआरए सोसायटी का पता बताया है। जबकि शिकायतकर्ता की सोसायटी और यह आरोपी वाघू की सोसायटी नाम के साथ साथ हकीकत में भी अलग अलग हैं। इस शिकायत के बाद मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में एडमिनिस्ट्रेटर ओम प्रकाश किशन लाल को नियुक्त किया गया जिसके बाद ओम प्रकाश 2008 में एसआरए को एक पत्र लिखते हैं कि दोनों प्लाट को रिडेवलप करने की अनुमित मांगी और शर्त यह थी कि अगर एसआरए नहीं कर सकता तो वह निजी तौर से डेव्लप कराऐंगे।
सोसायटी चुनाव में वाघू की धोखाधड़ी पकड़ी गई
2009 में ओम प्रकाश की मौत हो जाती है जिसके बाद 2010 में सोसायटी चुनाव के समय सोसायटी के लोगों की तब आँख चकाचौंध हुई जब वोटर लिस्ट में आरोपी निसार इस्माईल वाघू का नाम सामने आया। लोगों ने इसकी छानबीन करनी शूरू कर दी जिसके बाद पता चला कि वाघू ने शेयर सर्टिफिकट फर्ज़ी तरीक से बना कर मज़गांव कोकनी को.सोसायटी में खुद को सदस्य बना लिया। इसके बाद वाघु खुद कॉपरेटिव कोर्ट गया और चुनाव को रुकवाने की अर्ज़ी दी जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि चुनाव होने दो आगे की कार्रवाई होते रहेगी। 2013 में कॉपरेटिव कोर्ट नें जो शेयर सर्टिफिकेट निसार वाघू ने जमां किया था उसको फर्ज़ी बताया। इसके बाद 2016 में मुंबई के भाईखला पुलिस थाने में इस धोखाधडी की शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। दिसंबर 2016 में एडोकेट आसिफ़ नक़वी ने शिवड़ी कोर्ट में अपील की जिसके बाद 3 फरवरी 2017 को शिवड़ी कोर्ट के आदेश पर निसार इस्माईल वाघू समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया।
दरअसल निसार इस्माईल वाघू के वरिष्ठ अधिकारियों से बहुत की घनिष्ट सम्बंध हैं इसलिए पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार किया था। भाईखला पुलिस थाने ने कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरन इस मामले में धोखाधड़ी समेत अपराध की साज़िश रचने के मामले में FIR ( संख्या 51/2017 ) दर्ज की थी। धोखेबाज़ वाघू की मंशा यह थी कि वह इस तरह से फ़र्ज़ी शेयर सर्टिफिकेट बना कर दूसरों की बिल्डिंग में घुसपैठ कर एडमिनिस्ट्रेटर बन कर बिल्डिंग को डेव्लप करा कर मलाई खाए इसलिए उसने अपनी ही बिल्डिंग के एक रिश्तेदार के शेयर सर्टिफिकेट मे छेड़ छाड़ कर उसे दूसरी सोसायटी का बना लिया।
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