Bombay Leaks Desk
“ मैं मेरे घर से नीचे उतर रही थी पहले माले के क़रीब आई इसी दौरान सईद अहमद मेरे क़रीब आए और मुझे गालियां दी और कहा कि गंदी औरत मेरे सामने तेरी क्या औकात है और उन्होंने अपना कुर्ता ऊपर किया और पैजामा खोला और अपना xxx मुझे दिखाया और मिडिल फिंगर दिखाते हुए कहा देख तेरे को कैसा सबक़ सिखाया।तेरे बच्चों को कैसा सबक़ सिखाया।क्या उखाड़ ली मेरा तेरे लौंडे को भी सबक सिखाया हूं।अब तेरी बारी है।तेरे लौंडे की जिंदगी खराब कर दूंगा।इसके बाद अपने पैर से चप्पल निकाल कर हाथों में लेकर मारने की कोशिश की यह सब करने के बाद मैं घबरा कर अपने बेटे और पति को आवाज़ दी मेरे बेटे के आने के बाद सईद गाली देते हुए बिल्डिंग से बाहर चला गया।”
इन शब्दों को पढ़िए इन्हें स्वयं महसूस करिए क्या यह हमारी अपनी माताओं और बहनों के साथ होता तो क्या आप शांत रहते।यह एक पीड़ित महिला का दर्द है जिसने मुंबई पुलिस को दिए गए अपने बयान में अपनी आपबीती सुनाई।Bombay Leaks से बात करते हुए पीड़ित महिला की आँखों से आंसू निकल आए उन्होंने कहा कि हम सीधे शरीफ़ लोग हैं समाज की तरजुमानी और मुसलमानों की बेबसी के क़सीदे पढ़ने वाला यह संपादक इस तरह की हरकत करेगा हम सोच भी नहीं सकते क्या पत्रकार ब्राद्री ऐसी ही होती है ? जैसा कि Bombay Leaks ने प्रोमों प्रसारित करने के बाद अपने पाठकों से यह वादा किया था कि वह सईद अहमद उर्फ लिंगेश्वर की दास्तान-ए-बेशरम प्रकाशित करेगा।पाठकों की इस मांग को देख Bombay Leaks ने अपनी खोज पूरी कर आज दास्तान-ए-बेशरम प्रकाशित की।
घटना 17 जून 2012 की है मुंबई के नागपाड़ा पुलिस थाने की जहां उर्दू टाइम्स के संपादक सईद अहमद पर एक महिला के साथ इस तरह की अश्लील हरकत करने का मामला दर्ज हुआ है।यह वह दिन था जिसे उर्दू पत्रकारिता ने पत्रकारिता के लिए काला दिन कलंकित महसूस किया क्योंकि सईद की इस हरकत ने पूरी उर्दू मीडिया को शर्मसार कर दिया था लेकिन यह बात अवाम को कानो कान खबर नहीं हुई।सईद अहमद की ही बिल्डिंग में ही रहने वाली उनकी लैंडलार्ड की पत्नि ने यह आरोप लगाते हुए नागपाड़ा पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई है।पीड़िता अपने घर हूरविला अपार्टमेंट के चौथे माले से जैसे ही नीचे उतर रहीं थी उसी समय यह दरिंदा सिफ़त इंसान अपने पहले माले के घर पर मौजूद था और फिर इसने महिला के साथ जो हरत की उसे खुद महिला की ज़बानी ऊपर बयान की जा चुकी है।इस वारदात के बाद से पीड़िता सदमें में चली गईं उन्होंने आनन फानन मामला दर्ज करवाने के लिए नागपाड़ा पुलिस थाने का रुख किया लेकिन उर्दू टाइम्स के संपादक के खिलाफ़ पुलिस मामला दर्ज करने के लिए नागपाड़ा पुलिस तय्यार ही नहीं थी शायद इस दरिंदे को अपनी इसी बेशर्मी पर बड़ा गर्व होगा इसलिए इसने एक नारी के सामने निर्वस्त्र होने में एक बार भी नहीं सोचा और इस तरह की अश्लील हरकत करने से पहले यह तक नहीं सोचा कि एक महिला है लेकिन उर्दू अख़बार का नशा और वरिष्ठ अधिकारियों की धौंस ने इस शख्स को अंधा बना दिया और इसके दिल से कानून का डर और महिला की इज्ज़त सब कुछ निकाल दिया।
Bombay Leaks को इस बात का फ़र्क नहीं पड़ता कि कौन कितना असर-व-रुसूख रखता है हम बस समाज में मौजूद उन लोगों को नंगा और बेनकाब करेंगे जो अपनी गुंडई और ताकत के नशे में चूर महिला को अपने पैरों की धूल समझ कर कभी उसके सामने निर्वस्त्र होजाते हैं तो कभी उस नारी को निर्वसत्र कर देते हैं।पीड़ित महिला ने Bombay Leaks से बात चीत में बताया कि हम ने हर दहलीज़ पर इंसाफ़ की भीक मांगी लेकिन इस बेशरम के खिलाफ़ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई मामले को लेकर तत्कलीन सीनियर पीआई विनायक सावदे ने बताया कि आरोपी सईद अहमद को गिरफ्तार करने के बाद उसे पुलिस थाने से ज़मानत पर रेहा कर दिया गया था।अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर सईद अहमद ने यह घिनावना काम किया क्यों।दरअसल सईद अहमद को लेकर पहले भी Bombay Leaks ने खुलासे किए थे कि किस तरह से अख़बार की आड़ में अखबारी दादा ने दादागिरी कर खुद को आरोपियों की फहरिस्त में खड़ा कर दिया।
दरअसल 1985 में सईद अहमद ने हूर विला नाम की इस बिल्डिंग में पगड़ी सिस्टम के मुताबिक घर खरीदा लेकिन सईद जिस तरह से अख़बार के दम पर लोगों से मलाई खाने में माहिर हैं उसी तरह से उनकी नज़र इस बिल्डिंग पर थी और वह इसे अपनी गुंडई उर्दू टाइम्स के बैनर की आड़ में मुफ्त में हड़पने की कोशिश कर रहे थे।उन्होंने बिल्डिंग के मालिक हनीफ़ कुरैशी से बिल्डिंग डेव्लप कराने की इक्षा जताई जिसके बाद हनीफ़ कुरैशी ने उनसे बिल्डिंग की कीमत उस वक्त जो कि 25 करोड़ के आस पास थी वह मांगी।मकान मालिक के ज़रिए कीमत मांगने के बाद सईद अहमद आग बगोला हो गए क्योंकि वह उर्दू टाइम्स के दम पर मुफ्त में बिल्डिंग हड़पने के चक्कर में थे ऐसे में 25 करोड़ मांगे जाने पर सईद अहमद को बड़ा झटका लगा।ज़ाहिर सी बात है जिसे मुफ्त की लत पड़ गई हो तो भला वह कीमत क्यों चुकाए।
चूंकि सईद अहमद और मकान मालिक हनीफ कुरैशी एक दूसरे के कभी दोस्त हुआ करते थे लेकिन मुफ्त में बिल्डिंग न मिलने की वजह से दोस्ती दुशमनी में बदल गई इस दोस्ती में ही सईद अहमद को पता चला था कि मकान मालिक हनीफ कुरैशी के पास लाएसेंसी रिवाल्वर है इसी लिए उन्हें साज़िश रचते देर नहीं लगी। और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से दबाव बना कर मामला दर्ज करवा दिया।हालांकि इससे ठीक 3 दिन पहले यानी 8 मई 2012 को भी सईद अहदम ने वरिष्ठ अधिकारियों के दखल के बाद नागपाड़ा पुलिस थाने में एक और FIR दर्ज कराई थी सईद अहमद ने अपनी बयान में कहा है कि उनके मकान मालिक के बेटे बिलाल हनीफ़ कुरैशी ने उन्हें कहा कि “ ए हरामज़ादे वहां क्या देख रहा है यहां देख। हमारे यहां रहना है तो ठीक से रह।नहीं तो घर बेच के निकल जा।अगर नहीं गया तो मेरे बाप के पास बंदूक है उससे मैं तुझे बताऊंगा नहीं तो एक दिन तुझे खत्म नहीं किया तो मेरा नाम नहीं।” और इस बयान पर भी सईद अहमद अपने वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव से मामला दर्ज करवाने में कामयाब हो गए।मामले में नया मोड़ तब आया जब सईद अहमद और पुलिस को पता चला कि मकान मालिक के पास जो लाएसेंसी रिवाल्वर है वह उन्होंने 2010 मे ही जमां कर दी थी और इस बात की जानकारी सईद अहमद को नही थी।अब वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव से मामला तो दर्ज होगया लेकिन पुलिस के बस के बात नहीं थी कि कोई दूसरी रिवाल्वर का बंदोबस्त कर सईद अहमद के ज़रिए दिए गए झूटे बयान को सच साबित कर दे।
इस दोहरी FIR के बाद फिर से बिल्डिंग हड़पने के लिए एक और फार्मूला तय्यार किया गया इस बार इन दो केस के आधार पर मकान मालिक के खिलाफ़ तड़ीपार प्रक्रिया के लिए डिवीज़नल एसीपी के पास मामले की सुनवाई की गई लेकिन सईद अहमद का झूट का पुलिंदा वहां भी नहीं टिक पाया और वहां भी झूटे साबित हुए।दरअसल सईद अहमद की इस साज़िश के पीछे भी यह वजह थी कि मकान मालिक के खिलाफ़ इस तरह की झूटी FIR दर्ज करवा कर उनके परिवार पर तड़िपार की कार्रवाई कर उन्हें मुंबई से बाहर कर वह बिल्डिंग पर क़बज़ा कर लें लेकिन नाकामी उनके हाथ लगी।मकान मालकिन मुमताज़ हनीफ़ कुरैशी ने सईद अहमद के ज़रिए किए जा रहे ज़ुल्म की दास्तां Bombay Leaks को सुनाते हुए रो पड़ी उन्होंने कहा कि खुदा दुशमन को भी ऐसे पड़ोसी या ऐसे किराएदार न नसीब करे जैसे कि हमें मिले।उन्होंने कहा कि एक अख़बार चलाने वाले तो कौम की दर्द को बयान करते हैं लेकिन यह तो दर्द देने का काम किया है और अभी भी कर रहे हैं।इस ज़ुल्म को सहने के बाद खुदा ने हमें इतनी ताक़त दी है कि अगर सईद अहमद के जैसे दस लोग भी हमारी बिल्डिंग पर क़बज़ा करने की कोशिश करेंगे तो भी वह कामयाब नहीं होंगे।हमने अपनी शिकायत और अपना दर्द हर उस दहलीज़ बयान करने की कोशिश की लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने हमारी एक न सुनी जिसकी वजह से सईद के हौसले बुलंद होते रहे और वह हमें सताने में कोई कसर नहीं छोड़ा हमने कभी पुलिस थाने का मुंह नहीं देखा लेकिन इस शख्स ने हम पर न सिर्फ झूटे मामले दर्ज करवाया बल्कि जेल में भी पहुंचाया।हमारे पास खुदकुशी के अलावा कोई और चारा नहीं था लेकिन खुदा ने हमें हिम्मत दी और हम आज भी सईद के सितम से लड़ रहे।उन्होंने कहा कि फिलहाल यह मामला कोर्ट में चल रहा है और हमें यकीन है कि सईद के ज़ुल्म का भांडा एक न एक दिन ज़रूर फूटेगा और अवाम को इसकी सच्चाई का इल्म ज़रूर होगा।
इन मामलों को लेकर सईद अहमद ने बिल्डिंग को कब्ज़ा करने का और मकान मालिक से अपनी गुंडई के दम पर बिल्डिंग छीनने की हर मुमकिन कोशिश करते हुए सईद अहमद अखबारी दादा ने अपना लिंग दिखा दिया लेकिन नारी के सामने निर्वस्त होने वाले इस अखबारी दादा की दास्तां आखिरकार Bombay Leaks ने प्रकाशित कर पत्रकारिता के उस पहलू को बेनाकाब किया जो समाज में रहकर पत्रकार के रूप में रक्षक के नाम पर भक्षक बना बैठा है।
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