Bombay Leaks Desk
मुंबई : पूर्व नागपाड़ा सीनियर पीआई संजय बसवत के खिलाफ़ लापरवाही और नियम का उल्लघन करने के मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद एल.ए (लोकल आर्म्स विभाग ) में तबादला कर दिया गया है। अपने आदेश में मुंबई पुलिस ने बसवत को नागपाड़ा का कार्यभार छोड़ कर एल.ए का कार्यभार संभालने के लिए कहा है उनकी गैर मौजूदगी में यह चार्ज पुलिस थाने के दूसरे सीनियर पीआई को संभालने के लिए कहा गया है। बसवत के साथ साथ भोईवाड़ा सीनियर पीआई का भी तबादला कर दिया गया है। भोईवाड़ा सीनियर पीई को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने उंगली उठाई थी।
बसवत के ट्रांस्फर की ख़बर जैसे ही नागपाड़ा के लोगों को हुई लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे। जनता के साथ साथ पुलिस थाने के पुलिसकर्मी भी जम कर खुशी मना रहे हैं।
इलाके के सोशल एक्टिविस्ट महमूद हकीमी ने कहा कि इतना घटिया और घमंडी आदमी जो जनता से उनकी समस्याओं के दौरान उनसे मिलने में अपने आप को छोटा समझता हो उसका नागपाड़ा से चले जाना ही बेहतर है। जनता जब भी अपनी समस्याओँ के लिए मिलने जाती यह या तो मिलते नहीं थे या तो पुलिस थाने छोड़ कर भाग जाते थे।
हकीमी ने कहा कि इस कार्रवाई से मैं बहुत खुश हूं आज नागपाड़ा में लड्डू और अफलातून बांट कर खुशी जाहिर की जाएगी। वहीं ताड़देव डिवीज़न के एसीपी नागेश जाधव ने कहा कि मैं क्या करूं समझा समझा के थक गया था मेरी ही वजह से अब तक टिके हुए थे लेकिन अब बर्दाश्त के बाहर हो गया इसलिए मैंने भी खुद को साइड लाइन कर लिया अगर सुधार हुआ तो वापस नागपाड़ा लाने पर मैं विचार कर सकता हूं जैसे ताड़देव सीनियर पीआई के बारे में कहा था और कर दिखाया था।
Bombay Leaks द्वारा संजय बसवत की गुंडई और दबंगई और झूटे मामले दर्ज करने के मामले में मुहिम चलाई गई थी मुंबई पुलिस ने भले ही इस कार्रवाई को लेकर दो साल लगा दिए लेकिन देर सही दुरुस्त है। इस कार्रवाई से यकीनन इस तरह के घमंडी और लापरवाह सुपारी लेकर झूटे मामले दर्ज करने वाले पुलिस वालों में अब वर्दी और कार्रवाई दोनों का खौफ़ होगा।
कौन है बसवत
संजय वसवत की गुंडई 2009 में पहली बार लोगों के सामने आई थी जब बसवत वरली पुलिस थाने में बतौर इंस्पेक्टर तैनात थे उन्होंने एक सीनियर सिटीज़न याचिकाकर्ता के घर में घुस कर उसे याचिका वापस करने के लिए धमकाया था याचिका वापस न करने की सूरत में इनकाउंटर की धमकी दी थी। यह याचिका दूसरे वर्दीधारी गुंडों की गुंडई के खिलाफ़ खिलाफ़ थी।
दूसरी बार बसवत का नाम साल 2016 में सामने आया जब बसवत ने आजाद मैदान दंगे के आरोपी तोड़ु-ए-नागपाड़ा तथाकथित धर्मधुरंध श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली की चाटुकारिता करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के इशारे पर पत्रकार शाहिद अंसारी के विरुद्ध झूठा मामला दर्ज कर के पुलिस हिरासत में हत्या करने की प्लानिंग बनाई थी। लेकिन बसवत इस मिशन में फेल हो गए और बसवत का आसमान पर थूका खुद उनके ही मुंह पर आ गिरा। मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने चढ़ाई करते हुए कहा कि पुलिस को दिमाग ही नहीं है इसी लिए झूटा मामला पत्रकार के विरुद्ध दर्ज किया गया। हैरान कर देने वाली बात यह है कि खुद को बहुत बड़ा दबंग और डेरिंगबाज़ समझने वाले बसवत ने प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया की सुनवाई से पहले ही छुट्टी ले कर गायब हो गए थे।
बसवत के खिलाफ़ नियम का उल्घन करने , गुंडई करने , लापरवाही करने , जनता के साथ कायदे से पेश न आने और कई वजह से 10 से ज्यादा विभागी मामले हैं जिसकी जांच चल रही है कई मामलों में बसवत के वेतन बढोतरी पर और उनके पद की तरक्की पर रोक लगाई गई है। अब ऐसे में अपेक्षा की जाती है की वसवत को एल. ए भेजा गया है अब वहां पर मौजूद हथियारों को कायदे से कायदे के तहेत साफ़ सुथरा करेंगे और अपने कुकर्मों पर पश्चाताप करेंगे और सुधरने की कोशिश करेंगे। हमने बसवत से मामले में उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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