• अदालत में चार्जशीट पेश करने के लिए NIA ने मांगा 30 दिन का अतिरिक्त समय।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन हत्या मामले में एनआईए द्वारा नया खुलासा हुआ है। अदालती सुनवाई के बीच कोर्ट में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने बताया कि मनसुख की हत्या करवाने के लिए 45 लाख रुपए दिए गए थे।ऐसे में जांच के दौरान निकलकर आये इस खुलासे के बीच NIA ने इस मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए कोर्ट से 30 दिन का अतिरिक्त समय मांगा है।
मनसुख हत्या मामले में चार्जशीट पेश करने के लिए स्पेशल कोर्ट ने एनआईए को 9 जून को 2 महीने का वक्त दिया था। NIA के अनुसार फिलहाल इस नए खुलासे को लेकर जांच अब इस दिशा में कई जा रही है कि मनसुख की हत्या कौन और क्यों करवाना चाह रहा था।कौन है वो जिसने मनसुख कि हत्या करवाने के लिए फंडिंग किसने की थी।जांच में अब ये पता लगाने की जरूरत है। जांच एजेंसी के अनुसार इस मामले में अब तक 150 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके है। इस मामले में एनआईए की एक टीम द्वारा दिल्ली जाकर भी कुछ लोगों से पूछताछ की गई है।
इस मामले से जुड़े लोगों के दो मोबाइल फोन भी एनआईए के कब्जे में है।बताया जा रहा है कि दोनों फोन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के कथित प्रमुख तहसीन अख्तर के पास से बरामद हुए थे। पूछताछ के दौरान अख्तर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि दोनों फोन उंसके ही है। NIA के अनुसार बरामद दोनों फोन की जांच के बाद कई अहम खुलासे हो सकते है।एनआईए ने अदालत में ऐसी सभी दलीलें देते हुए चार्जशीट दाखिल करने हेतु 30 दिन का अजर समय मांगा है।
दरअसल 25 फरवरी को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मिलने से यह पूरा मामला जुड़ा हुआ है।स्कार्पियो के बरामद होने के कुछ दिन बाद टेलीग्राम पर दो मैसेज भेजकर जैश-उल-हिंद नाम के आतंकी संगठन ने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी भी ली थी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक अख्तर ने NIA को बयान दिया है कि टेलीग्राम पर मैसेज उसने नहीं भेजे थे। वहीं NIA इस मामले में मुंबई पुलिस के एक सीनियर अफसर के खिलाफ मिले सबूतों की भी जांच कर रही है। जांच के बाद उस अफसर की गिरफ्तारी की परमिशन भी लगभग तय मांगी जा रही है।
मनसुख हिरेन हत्या कांड में NIA द्वारा मुंबई पुलिस के बर्खास्त API सचिन वझे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, रियाजुद्दीन काजी और सुनील माणे को गिरफ्तार किया जा चुका है। NIA ने पूर्व पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार सभी आरोपी फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में है।
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