बॉम्बे लीक्स , नई दिल्ली
नई दिल्ली : एसएफआई से जुड़े आतंकी जसविंदर सिंह को जर्मनी में गिरफ्तार कर लिया गया है।जसविंदर सिंह मुल्तानी पर हाल ही में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में मास्टरमाइंड रोल से जुड़े होने का आरोप है। जसविंदर सिंह की गिरफ्तारी भारत सरकार के अनुरोध पर जर्मनी पुलिस द्वारा की गई है। बताया जा रहा है कि ‘सिख फॉर जस्टिस’ SFJ से जुड़ा हुआ जसविंदर सिंह पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम करते हुए दिल्ली व मुंबई को दहलाने वाली आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहा था। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, 45 वर्षीय मुल्तानी एसएफजे के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी रहटे हुए अलगाववादी गतिविधियों में शामिल रहा है।
गौरतलब है कि लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी की गिरफ्तारी को अहम माना जा रहा है।लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के बाद से जसविंदर खुफिया एजेंसियों की रडार पर था।जिसके बाद जसविंदर के जर्मनी में मौजूद होने के बाद भारत सरकार ने जर्मन की सरकार से इस मसले पर बातचीत की।जर्मन सरकार के हस्तक्षेप के बाद जर्मनी पुलिस ने जसविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
देखा जाए तो जसविंदर सिंह मुल्तानी ने ही सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल की हत्या की भी साजिश रची थी।इसके लिए उसने जीवन सिंह नाम के शख्स को भड़काया था।बताया जा रहा है कि हत्या के लिए हथियार मध्य प्रदेश से जीवन सिंह को दिया गया था।लेकिन वारदात से पूर्व ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जीवन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
सूत्रों के मुताबिक इस खुलासे के बाद पहली बार जसविंदर मुल्तानी का नाम स्पेशल सेल के सामने आया था।जिसके बाद स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों के बीच जसविंदर सिंह की गतिविधियों को साझा किया गया था।
खुफिया एजेंसियों की रडार पर चल रहे जसविंदर सिंह के बारे में पता चला कि वो और जीवन सिंह एक दूसरे के सम्पर्क में है।जीवन सिंह के मोबाईल रिकार्ड की खंगाली के बाद जसविंदर की लोकेशन को।ट्रेस किया जाने लगा।जिसके बाद ये तय हो गया कि जसविंदर सिंह जर्मनी से अपराध को अंजाम दे रहा है।यही नही जो।जानकारी निकालकर सामने आ रही है उंसके मुताबिक कुछ दिनों पहले भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने जर्मनी स्थित मुल्तानी के फ्लैट पर खुफिया रेड भी की थी।
वही देखा जाए तो हाल ही में 23 दिसंबर को लुधियाना कोर्ट परिसर की दूसरी मंजिल के टॉयलेट में हुए बम धमाके की जांच रिपोर्ट इसे आतंकी हमले से जोड़कर देख रही है।क्योंकि 23 दिसंबर को कोर्ट परिसर में हुए धमाके में IED का इस्तेमाल किया गया था।जिसके बाद इसे IED इस्तेमाल पर आतंकी हमले जे जोड़कर देखा ज रहा है।इस धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच एजेंसियों ने शक पर गौर करें तो धमाके में मृत व्यक्ति भी धमाके की साजिश में पीछे का हिस्सा था।अंदेशा है कि कोर्ट परिसर के टॉयलेट में उसकी मौत की वजह बम को असेंबल करने के दौरान हुई थी।
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