मुंबई : यह ख़बर मुंबई और महाराष्ट्र मे कार्यरत उन आईपीएस अफसरों के लिए जिनकी पोस्टिग मुंबई में आज़ाद मैदान दंगे क बाद हुई है जिन्हे दंगें और दंगे से जुड़े आरोपियों और उनके कारनामो के बारे में पता न हो इसलिए यह ख़बर जनहित के साथ साथ उनके हितों में भी लिखी जा रही है इसलिए ख़बर के एक एक बाक्य और तथ्यों को ध्यान से पढ़ें ताकि किसी भी तरह की गलती न हो और वह बंगाली गैंग का शिकार न हों।
दरअसल बीते कई सालों से आज़ाद मैदान दंगे और हत्या के आरोपी तथाकथित धर्मधुरंधर तोड़ु-ए-नागपाड़ा श्री मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली अंजुमन इस्लाम की ज़मीन जिसपर वह अवैध कबज़ा किए बैठा है उस पर फोटो बाज़ी कार्यक्रम कर रहा है और इस कार्यक्रम में ऐसे अफसरों को चुपके से बाबागिरी की भक्ती का छलावा दे कर बुलाता है और फिर उनके साथ फोटो खिंचवाता है। कुछ अफसर बड़े शान से फोटो खिंचवाते हैं और उनके जाने के बाद बंगाली उसी फोटो के दम पर स्थानी पुलिस थाने के छोटे अफसरों और स्थानी लोगों पर रुआब झाड़ कर फर्ज़ी केसेस दर्ज करना किसी की मांडवाली कराना किसी की जमीन कबज़ा करने जैसा गोरख धंधा करते चला आ रहा है।
बीते कई सालों से यह फोटोबाज़ी का कार्यक्रम चला आरहा है और की आईपीएस अफसर इसके जाल में फस कर फोटो खिंचवा चुके हैं लेकिन 2016 के बाद से बंगाली का मुखौटा जैसे जैसे बेनकाब हो राह है वैसे वैसे अफसर उससे दूर होते जा रहे हैं लेकिन कुछ मोटी चमड़ी वाले अफसर खुद तो उसकी भक्ती के लिए जाते हैं साथ में अपने नीचे के अफसरों को भी जाने का हुक्म देते हैं ताकि बंगाली के दरबार में उनकी हाजरी से बंगाली का दबदबा बढ़े और बंगाली जैसा कि खुद का नागपाड़ा बाहुबली समझता है उसका रुसूख बरकरार रहे।
इसलिए अब उन अफसरों पर निर्भर करता है कि वह बंगाली की असलियत जान कर भी उसकी भक्ती मे शक्ति तलाश करने के छलावे में आकर वहां जाते हैं या समझदारी से बंगाली बाबा के दरबार में जाने से कन्नी काटते हैं यह देखने वाली बात होगी।
कौन है बाबा बंगाली
आजाद़ मैदान मे जिस 30 वर्षी लौंडे के खिलाफ़ मामला दर्ज हुआ था और वह मुख्य आरोपयों की फहरिस्त में आरोपी नंबर 7 था वहीं बंगाली जिसे मुईन अशरफ़ के नाम से लोग जानते हैं खुद को नागपाड़ा का बाहुबली और मुसलमानों का ठेकेदार समझने वाले वाले बंगाली के 200 पंटर नागपाड़ा इलाके में सक्रीय हैं जो कभी भी बंगाली के नाम से लोगों को डराते धमकाते हैं।
Post View : 154