शाहिद अंसारी
थाने:शहापुर इलाके में अगर आप बंगले का सपना देख कोई ज़मीन या ओपन प्लाट खरीदने का मन बना रहे हों तो पहले होशियार रहें क्योंकि हम जो खबर लिखने जा रहे हैं उससे आपके सपने चूर चूर हो सकते हैं क्योंकि लाखों रूपए खर्च कर बंगले का सपना देखते हैं लेकिन प्लाटिंग बेचने का काम करने वाली कंपनियां आपको कब चूना लगा दें इसका कोई भरोसा नहीं क्योंकि 300 लोग इस धोकाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
घटना है मुंबई से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर शहापुर इलाके की जहां 300 लोगों ने बंगले का सपना देख करोड़ों रूपए लगा दिए लेकिन अब वह खून के आंसू रो रहे हैं।कुछ ही दिन पहले दो कंपनी जो कि प्लाटिंग का काम करती हैं जिनमें दिशा मार्कटिंग और कृष्णा कंस्ट्रोवेल नाम की कंपनियों ने वेलनेस सिटी नाम के प्रोजेक्ट को लेकर 2011 में लोगों को सब्ज़ बाग दिखाए जिसके बाद 300 लोगों ने शाहपुर में ओपन प्लाटिंग की खरीदारी की।इस खरीदारी के साथ संबंधित कंपनी ने कई बुनियादी स्विधाओं को देने का वादा किया जिनमें बुनियादी ज़रूरतों के साथ साथ प्लाट को बिजली,पानी रोड,रिसार्ट देने की बात की गई थी।आलम यह रहा कि आज तक लोग उन स्वीधाओं से वंचित रहे।संबंधित कंपनी ने 2013 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का वादा किया था लेकिन यह मात्र लॉलीपॉप था।लोगों के सपने पर पानी तब फिरा जब लोग बोल बोल कर थक गए।क्योंकि किसी को पता ही नहीं था कि उनका प्लाट कौन सा है जिसे उन्होंने खरीदा है।इस बात को देख खरीदारों ने 10 जनवरी 2016 में दिशा मार्कटिंग और कृष्णा कंस्ट्रोवेल कंपनी के साथ इस बात को लेकर मीटिंग की।कंपनी ने इस बात का रोना रोया कि उनके पास पैसों का किल्लत है और दी गई सारी ज़रूरतों को वह पूरी करेंगे उन्होंने यह लिखित रूप से स्वीकार किया।कंपनी ने ग्राहकों से लिखित रूप से इस बात का वादा किया था कि वह 1 अप्रेल 2016 के बाद उनके पास पैसे आने वाले हैं जिसके बाद वह किए गए वादे को पूरा करेगें और 15 अगस्त 2016 तक पूरा काम खतम कर देंगें।इस वादे के बाद लोगों की फिर एक बार उम्मीद जाग गई लेकिन यह मात्र एक लॉलीपॉप था जिसका अंदाज़ा खरीदारों को था ही नहीं।मीटिंग के बाद भी किसी तरह का काम पूरा नहीं हुआ और इस दौरान संबंधित कंपनी के पास 8 करोड़ रूपए आए जिसे उन्होंने दूसरे प्रोजेक्ट मे लगा दिया और जिन लोगों को आस थी उन्हें फिर बेवकूफ बना दिया।इस दौरान 14 मई 2016 को लोगों ने स्थानी पुलिस थाने शाहपुर थाने में दस्तत दी कई लोगो के पुलिस थाने में बयान दर्ज किए गए इनमें खरीदार एडोक्ट भावेश परमार भी थे उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे साथ साथ 300 लोगों के साथ धोकाधड़ी और हमारे भरोसे को ठेस पहुंचाया गया इस बात को लेकर हमने सीनियर पीआई संजय धुमाल से संपर्क किया।
मामले की गंभीरता को देख सीनियर पीआई ने पहले ही नज़र में धोखाधड़ी और भरोसे को ठेस पहुचाने का मामला दर्ज करने की बात कही और कई लोगों के बयान भी दर्ज किए लेकिन लेकिन अबतक इस मामले में पुलिस थाने की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।लोगों ने इस मामले को लेकर थाने ग्रामीण एसपी महेश पाटिल की दहलीज़ पर दस्तक दी।महेश पाटिल ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश जारी कर दिए उन्होंने लोगों को यह भरोसा भी दिलाया कि अगर स्थानी पुलिस की जांच से वह संतुष्ट नहीं है तो मामला क्राइम ब्रांच से या दूसरे विभाग से कराया जाएगा।
पीड़ित एडोकेट भावेश परमार ने कहा कि हमने कई बार पुलिस थाने के सीनियर पीआई को इस बात को बताया पहले तो उन्होंने बहुत जोश दिखाया कि मामला दर्ज किया जाएगा बाद में जोश ऐसा ठंडा हो गया इसलिए हमने इस मामले में संबंधित एस.पी थाने ग्रामीण महेश पाटिल से शिकायत कर ममाले से आवगत कराया।हमें इस बात का यकीन है कि 300 लोगों से धोखाधड़ा करने वाली कंपनियों पर जल्द ही शिकंजा कसेगा।
दरअसल शहापुर पुलिस थाने के अंतर्गत संबंधित कंपनी के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं इसलिए शाहपुर पुलिस थाने में इस कंपनी के खिलाफ़ जब तक वरिष्ठ अधिकारियों का डंडा नहीं पड़ता तब तक इस कंपनी के खिलाफ़ किसी तरह के मामले दर्ज करने में पुलिस आना कानी करती है आलम यह है कि इसी कंपनी पर मौजूद कई और लोगों के बंगले हैं जहां घर तोड़कर चोरी की गई है जिसके बाद स्थानी पुलिस थाने नें मामला भी दर्ज किया।सम्बंधित कंपनी इस तरह की लापरवाही इस लिए कर रही है कि लोगों ने जो पैसे दिए इसके लिए वह चुप चाप बैठे रहें और इसी प्लाट को कंपनी किसी दूसरे लक्ष्य के लिए उपयोग कर ले।लेकिन 300 लोगों ने भी यह ठान लिया है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वह लड़ाई जारी रखेंगे।
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