शाहिद अंसारी
मुंबई:एसीबी को चोला पहेन कर वसूली करने वाले रायगढ़ डीवाई एसपी सुनील कलगुटकर का फिर एक बार तबादला हो गया इस बार रत्नागिरी का रास्ता दिखाया गया।लेकिन सब से चौंका देने वाली बात यह है कि कलगुटकर से ना तो अब तक सिंचाई घोटाले की ज़िम्मेदारी वापस ली गई है और ना वरली मुख्यालय से रत्नागिरी भेजा गया।वह अभी भी एसीबी मुख्यालय मे ंबैठकर सींचाई घोटाले की जांच पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं।
ध्यान रहे कि कलगुटकर के ज़रिए नई मुंबई के पटबंधारे विभाग के इंजीनियर सुभाष झगड़े पर फ़र्जी ट्रैप लगा कर लाखों रूपए के सरकारी पैसों की वसूली चेक के ज़रिए की गई थी।जिसके बाद इंजीनियर सुभाष झगड़े ने इसकी शिकायत एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों से की थी और वहां किसी भी तरह की सुनवाई ना होने की वजह से महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में शिकायत की।एसीबी ने कलगुटकर के ज़रिए लगाए गए फ़र्ज़ी ट्रैप और पैसों की वसूली में शामिल होने की रिपोर्ट महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन में भेजी थी और यह स्वीकार किया कि कलगुटकर इस वसूली में शामिल था।
7 मई 2016 को कलगुटकर का रायगढ़ से ऐंटी करप्शन ब्युरो से एसीबी मुख्यालय मुंबई में तबादला कर दिया गया लेकिन सींचाई घोटाले की जांच छीनने के बजाए उस से ही करवाई जा रही है।सींचाई घोटाले में अजीत पवार समेत एनसीपी के कई कद्दावर नेता शामिल हैं।कलगुटकर के ख़िलाफ़ संगीन आरोप साबित होने के बाद भी एसीबी उससे सींचाई घोटाले जैसे गंभीर मामले की जांच करवा रही है इसका साफ़ मतलब यह होता है कि महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन की पकड़ से बचने के लिए एसीबी ने कलगुटकर का वरली मुख्यालय तबादला कर दिया है।अब जनरल ट्रांस्फर के बाद उसे रत्नागिरी भेजा गया और वह अभी तक एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों की मेहरबानी की वजह से एसीबी मुख्यालय में ही मौजूद है और सींचाई घोटाले की जांच कर रहा है।एसीबी के इस रवय्ये से साफ़ पता चलता है कि एसीबी कलगुटकर से ही सींचाई घोटाले की जांच करवाने पर तुली है भले खुद कलगुटकर भ्रष्टाचार में शामिल हो इस बात से एसीबी को फ़र्क नहीं पड़ता।
दरअसल सींचाई घोटाले की जांच कलगुटकर से ही करवाने का मतलब ही यही है कि कलगुटकर जिस तरह से फ़र्ज़ी ट्रैप लगाकर पैसे वसूलने में माहिर है उसी तरह से उसे सींचाई घोटाले मे शामिल आरोपियों से भी जमकर वसूली कर मलाई खाने मिलेगी और इस मलाई में हिस्सेदार एसीबी के वह सारे वरिष्ठ अधिकारी होंगे जो कलगुटकर से सींचाई घोटाले की जांच करवा रहे यह जानने के बाद भी कि वह खुद वसूली करने में माहिर है।
रत्नागिरी और रायगढ़ का बार्डर नज़दीक है ऐसे में जब रायगढ़ में ही तैनात कलगुटकर ने वसूली की दुकान खोल रखी थी तो अब रायगढ़ के पास रहने की वजह से दुकानदारी फिर से चल पड़ेगी भले वह ACB से बाहर हो।
Post View : 4