शाहिद अंसारी
मुंबई:आसिफ शेख मामले में मुंबई पुलिस नें एक तबके को पाकिस्तान भेजने वाले पुलिस अधिकारी केदार पवार ऐंड कंपनी को बचाने का तरीका आखिरकार ढूंड निकाला।केदार पवार ऐंड कंपनी ने पहले आसिफ और उसके साथी को जनावरों के जैसे पीटा लेकिन जब मुबंई पुलिस की इस हरकत की थू थू मुबंई समेत विदेशों में होने लगा तो मुंबई पुलिस कमिश्नर अहमद जावेद नें जांच के नाम का लालीपाप थमा दिया।ताज्जुब इस बात का कि इतना संवेदनशील मामला होजाने के बाद भी मुबंई पुलिस नें अपने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं बल्कि उनको बचाने के लिए उलटा उनपर आन ड्युटी पुलिस पर हाथ उठाने और मारपीट का मामले दर्ज कर पुलिस वालों को सेफ साइड करने की कोशिश कररहे।और इसकी आड लेकर पीडित परावार पर दबाव बना रहे।आम आदमी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रीती शर्मा मेनन ने और पीडित परिवार इस बारे में पुलिस कमिश्नर से मुलाकात की और अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि खुद सीपी भी जांच का ही लालीपाप देरहे हैं लेकिन जांच और कार्रवाई कब पूरी होगी यह नहीं पता।हालांकि बांद्रा सीनियर पीआई ने कहा हमने एफआई तो दर्ज की है लेकिन गिरफ्तार नहीं किया।क्योंकि गिरफ्तार करने और ना करने का फैसला पुलिस करती है।हालांकि पहली बार मुंबई पुलिस के इतिहास में ऐसा हुआ है कि पुलिस नें जिन धाराओं के तहेत मामला दर्ज किया है उसमे गिरफ्तारी नही हुई।दरअसल पुलिस नें यह कभी सोचा ही नहीं था कि उनकी यह करतूत आम होगी।और जब करतूत आम होगई तो उन्होंने खुद को सेफ साइड करने के लिए फटाफट पीडितों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज करली।
समाजवादी पार्टी के युवा नेता फरहान आजमी ने कहा कि पुलिस ने तो सुबह पीडितों को छोड दिया था तबतक उनके खिलाफ किसी तरह का कोई मामला दर्ज नहीं था और ना ही पुलिस नें इस बारे में किसी को कुछ बताया उमूमन जैसे पुलिस हर मामलों में FIR दर्ज कर मीडिया के सामने ढिंढोरा पीटती है इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।लेकिन जब आसिफ के साथ हुई मारपीट का विरोध मुबंई समते पूरे देश में होने लगा तो पुलिस नें अपनी छवी साफ सुथरी बनाने और अपने आपको मासूम बताने के लिए एफआईआर का राग एलापने लगी इससे पुलिस के जरिए पीडितों के खिलाफ एफआईआर यह साबित करती है कि यह एफआईआर तब ली गई जब पुलिस के खिलाफ चारों तरफ विरोध के स्वर गूंजने शुरू हुए।
उधर केदार पवार ऐंड कंपनी ने अपने आपको और पुलिस वालों को बचाने की कोशिशें तेज करदी हैं इस दौरान पीडित परिवार को पुलिस और उनके दलालों की तरफ से मामले रफा दफा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ताज्जुब की बात तो यह की इस रफा दफा कराने के चक्कर में अंडर्वर्ल्ड की तरफ से भी केदार पवार को पूरा सहयोग मिल रहा है। अंडर्वर्ल्ड से जुडे लोग उन लोगों को फोन कर केदार पवार के खिलाफ आवाज ना उठाने के लिए माना कररहें।ऐसे मे देखने वाली बात यह होगी कि क्या केदार पवार ऐंड कंपनी के खिलाफ क्या मामले की जांच कररहे डीसीपी सत्य नारायण चौधरी किसी किस्म की कार्रवाई करेंगें यह हमेशा की तरह उलटा पीडितों के खिलाफ ही कार्रवाई होगी।
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