शाहिद अंसारी
मुंबई:महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुरुवार को पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है।पिछले हफ़्ते मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस बिल को विधानसभा में रखने की बात कही थी।शुक्रवार को बजट सत्र के अंतिम दिन यह कानून दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।पत्रकार सुरक्षा क़ानून की मांग 2005 से होती आ रही थी। पूर्व सरकार ने क़ानून बनाने के लिए समिति बनाई थी पर क़ानून बनाने में असफल रही थी।महाराष्ट्र में पत्रकारों पर बढ़ते हमले को नज़र में रखते हुए फड़नवीस ने पिछले वर्ष इस क़ानून को मंजूरी देने की बात कही थी। क़ानून बनाने के सुझाव और आपत्तियों के लिए इसे बहुत सारे पत्रकार संगठन के पास भी भेजा गया था।सुझाव और आपत्तियों के बाद राज्य सरकार ने अंतिम मसौदा तैयार कर लिया है।मसौदे के मुताबिक पत्रकारों, मीडिया संस्थानों के साथ कांट्रैक्ट पर काम करने वाले पत्रकारों पर हमला करना गैर जमानती अपराध होगा।हमला करने वाले को इलाज का खर्च और मुआवजा भी अदा करना होगा। मुआवजा न देने पर मामला दीवानी अदालत में चलाया जाएगा पत्रकार द्वारा इस क़ानून का दुरुपयोग करने पर दंड का भी प्रावधान है।जांच में शिकायत झूठी पाई गई तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।बता दें पत्रकारों के सुरक्षा के लिए क़ानून बनाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है।आकड़ों के मुताबिक़ पिछले वर्ष पूरे विश्व में 122 पत्रकारों की हत्या हुई थी भारत में पिछले वर्ष 5 पत्रकारों की हत्या हुई थी।
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