मुंबई: महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड इन दिनों वक्फ माफिया का किरदार अदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रखा यही कारण है को वक्फ बोर्ड खुद वक्फ माफियाओं की तवायफ बन कर पैसों के दम पर ताथा थैय्या कर रहा है और वक्फ माफिया तमाशाई के जैसे वक्फ बोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ताज़ा मामला हाजी इस्माईल हाजी हबीब मुसाफिर खाना मस्जिद का है जहां आज इसको सुनवाई महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के सीईओ जुनेद सय्यद कर रहे थे लेकिन इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बजाए वह SBUT की दलाली करते नज़र आए जिसकी वजह से मस्जिद बचाव पक्ष से जुनेद सय्यद की जम कर तू तू मैं मैं हुई।
मस्जिद बचाने वाले में जामा मस्जिद के ट्रस्टी शुएब खतीब भी थे एडोकेट यूसुफ बागवाला भी थी खतीब ने कहा कि जिस प्रकार से जुनेद सय्यद का रवय्या एकतरफा है उस से जाहिर होता है को वह न्याय नहीं कर सकते बल्कि वह वक्फ की मिल्कियत बेच खाने में ज्यादा रुचि रखते हैं यही कारण है की उन्होंने हमारी दलील नहीं सुनी और सुनवाई एकतरफा कर रहे थे।
खतीब ने कहा कि 100 साल पुरानी मस्जिद को झुटलाने और उसे हजम कर जाने वालों का साथ वक्फ बोर्ड दे रहा है जबकि जग जाहिर है यह मस्जिद कितनी पुरानी है इसलिए हम अवाम से यह विनती करते हैं को मस्जिद को बचाने के लिए लोग सामने आएं खास कर वह लोग जिन्होंने हाल ही में मस्जिद का दौरा किया था।
खतीब ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी हालत ज्यों का तूं बरकरार रखने के लिए कहा तो SBUT उसे तोड़ने पर क्यों आमादा है।
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