मुंबई :आम तौर पर देखा गया है कि सिविल मामलों में पुलिस कभी भी कार्रवाई करने के बजाए हाथ खड़े कर के कोर्ट का रास्ता दिखाती है लेकिन अगर यही पुलिस सुपारी ले ले तो क्रिमिनल को सिविल और सिविल को क्रिमिनल की शकल में दिखा कर सुपारी और मांडवली करने से मुंबई पुलिस को कोई नहीं रोक सकता। हाल ही में अपने एक खबर देखी जिसमें किसी के घर को ट्रांसफर करने के बाद 90 लाख की वसूली करने वाले खबरी और प्रोफेशनल चोर मुनीर को वसूली की रोम न देने पर मुनीर ने जिस तरह से फर्जी fir दर्ज कराई थी उसके बाद थाने पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए अब 90 लाख की वसूली और सिविल डिस्प्यूट के इस खेल में नागपाडा पुलिस थाने भी कूद चुका है इस से पहले शिवाजी नगर और मुंब्रा थाना पहले से शामिल थे लेकिन मुंब्रा में फर्जी fir लेने वाले अफसर के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद अब मुंब्रा पुलिस ने इस वसूली और सुपारी के खेल से पीछे हट गए।

खबरियों ,वसूलीबाजों और पुलिस के जुल्म का शिकार यह परिवार
नागपाडा पुलिस थाने में इस से पहले पीड़िता सोना बानू के घर पर जब खबरी गैंग के कुछ लोगों ने 90 लाख की वसूली की रकम न मिलने पर खबरी गैंग के कुछ लोगों ने घर में जबरन घुसने की कोशिश की उसी दौरान पीड़ित ने पुलिस को संपर्क किया तो नागपाडा पुलिस की एक महिला अफसर स्मिता थ्रूवे ने पिटाई करते हुए कहा को 100 नंबर पर फोन क्यों किया ।इस बारे में जैसे ही ज्वाइंट कमिश्नर ला ऐंड ऑर्डर सत्यनारायण चौधरी को दी गई तो उन्होंने मामले की जांच करने के लिए कहा।और इस बात की जानकारी नागपाडा पुलिस ने खबरी और चोर गैंग को भी पहुंचा दी।
90 लाख की वसूली के इस सिविल डिस्प्यूट के खेल में नागपाडा पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई अजय कांबले ने ठेका ले लिया है उन्होंने अब यह जिम्मेदारी महिला अफसर स्पूहा चिपलूनकर को सौंपी है जिसके बाद अब यह महिला अफसर 90 लाख के इस वसूली और सिविल डिस्प्यूट के खेल में रहिवासी को टार्चर करना शुरू कर दिया है।कहा जाता है कि यह महिला अफसर सिविल डिस्प्यूट और वसूली के मामले में एक्सपर्ट हैं।
हालांकि आम तौर से किसी भी सिविल डिस्प्यूट मामले में पुलिस घास तक नहीं डालती और सीधे कोर्ट जाने की बात करती है लेकिन जब वसूली और खबरी गैंग का हिस्सा खुद पुलिस बन जाए तो फिर सिविल डिस्प्यूट हो या कोई भी केस पुलिस ने अगर ठेका ले लिया है तो उसे अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेती है क्योंकि 90 लाख का मामला है ऐसे में कद्दू कटेगा तो सब में बंटेगा ऐसा नागपाडा में दिखाई दे रहा है।
आपको बता दें कि पीड़ित शमशाद खान के रिश्तेदार का घर नागपाडा में था जो कि पगड़ी सिस्टम बिल्डिंग में घर था नौशाद ने अपने ही एक रिश्तेदार के जरिए खबरी मुनीर से घर ट्रांसफर करने के लिए संपर्क किया जिसके लिए उन्होंने अपने घर की लाइट बिल और आधार कार्ड दिया यह मिल्कियत हाजी कासम ट्रस्ट की है मुनीर ने यह ट्रासंफर करने के बाद 90 लाख का मांग की इसी गैंग के एक सदस्य ने यह भी बताया कि इस पूरे खेल में नागपाडा सीनियर पीआई को कॉन्फिडेंस में रखा गया था उस सदस्य ने बहुत ही तफ़स्तील से फोन पर बताया कि किस तरह से नागपाडा सीनियर पीआई को इस खेल में शामिल किया गया है।खबरी मुनीर एक बड़ी चोर गैंग का सदस्य है उसके खिलाफ मुंबई समेत दूसरी कई जगहों पर चोरी के कई मामले दर्ज हैं।
पीड़ित ने जब देखा की 90 लाख की मांग की जा रही है तो उन्होंने पैसे देने से हाथ खड़े कर लिए खबरी और चोर मुनीर ने उन्हें घर बेच कर पैसे देने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया जिसके बाद मुनीर ने शिवाजी नगर और मुंब्रा पुलिस स्टेशन में शमशाद के खिलाफ मार पीट की झूठी fir दर्ज कराई और उसे गिरफ्तार भी कराया मुंब्रा पुलिस ने उन्हें मुंबई से गिरफ्तार कर के मुनीर को गाड़ी से मुंब्रा ले गई थी बाद में जमानत पर वह रिहा हो गए। अब 90 लाख की इस वसूली और सिविल डिस्प्यूट के इस मामले में नागपाडा पुलिस क्या रोल अदा करती है यह देखने वाली बात होगी।।
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