बॉम्बे लीक्स ,राजस्थान
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में मची घमासान के अंत को लेकर पार्टी आलाकमान का दिल्ली में मंथन जारी है।वहीं अब यह कयास भी लगाए जा रहे है कि सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग का अंत नजदीक है।अब थम सकता है।क्योंकि दोनों नेताओं के बीच कांग्रेस आलाकमान का हस्ताक्षेप माना जा रहा है। खबर है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अगले हफ्ते राजस्थान कांग्रेस में दो गुटों के बीच चली आ रही लंबी खींचतान का हल निकालने जा रहे है।इसके लिये कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट के समक्ष जो चीज़ें रखी है।वो सभी सचिन पायलट को तो स्वीकार हो सकती है।लेकिन सीएम गहलोत को आलाकमान की राय पसंद नही आ रही।
गौरतलब है कि इस साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे देखते हुए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शांति कायम करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पायलट और गहलोत से मुलाकात करने वाले है। साथ ही कांग्रेस नेता इस दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, तीन सह प्रभारियों और राज्य पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर सकते हैं।खबर है कि सचिन पायलट को फिर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने का ऑफर है।फार्मूले के तहत सचिन पायलट को विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। साथ ही पायलट के विधायकों को मंत्रिमंडल में पहले से ज्यादा संख्या में जगह दी जाएगी। इसके अलावा चुनाव बाद अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। जिनमें से एक पायलट और दूसरा गहलोत खेमे से होगा। इसी तरह दो कार्यकारी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने, जिनमें दोनों ग्रुप से एक-एक नेता को जगह देने और सचिन पायलट की तीन मांगों में से दो मांगें पूरी तरह मानने और तीसरी पर आंशिक सहमति फार्मूले के तहत बनती नजर आ रही है। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने, आरपीएससी की जगह नई संस्था के पुनर्गठन को लेकर प्रस्ताव तैयार करने, भर्ती परीक्षा पेपर लीक से प्रभावित अभ्यर्थियों को राहत देने की मांग शामिल है।लेकिन सूत्र बताते हैं कि पार्टी के इस ऑफर से सीएम गहलोत नाराज और चिंतित हैं। इसी कारण से दिल्ली में 26 मई को होने वाली बैठक टाल दी गई। हाईकमान गहलोत और पायलट दोनों को विश्वास में लेकर फिर से बैठक की नई तारीख तय करेगा।बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान के बनाये हुए फार्मूले से सीएम अशोक गहलोत बेहद नाराज और चिंतित हैं। गहलोत ने विपक्ष के बहाने सचिन पायलट के खिलाफ सार्वजनिक रूप से एक बयान देकर अपनी भावनाओं का इजहार भी कर दिया है। राजस्थान रोडवेज के जयपुर में सिंधी कैंप बस टर्मिनल लोकार्पण कार्यक्रम में गहलोत ने 25 मई को कहा था कि विपक्ष के लोग पेपर लीक से प्रभावित सभी अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। ऐसा दुनिया के इतिहास में कभी नहीं हुआ। गुजरात और यूपी में भी 15 से 22 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए।पायलट के पक्ष में काम तभी होंगे, जब सचिन पायलट सीएम गहलोत के खिलाफ बयानबाज़ी पूरी तरह बंद करेंगे। सीएम के रूप में सरकार में उनके नेतृत्व को स्वीकार करेंगे। कांग्रेस सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे, क्योंकि सीएम अशोक गहलोत ने जो महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू की हैं। वह राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर ही लागू की गई हैं, जिनमें महंगाई राहत शिविर, ओल्ड पेंशन स्कीम, (ओपीएस), सोशल सिक्योरिटी, राइट टू हेल्थ, खाद्य सुरक्षा शामिल हैं।
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