बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने भवन के निर्माण में लगे श्रमजीवियों को सम्मानित किया। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और हवन और पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने संसद भवन में सेंगोल स्थापित कर 20 पंडितों से आशीर्वाद लिया।तो वहीं नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार कर दिया।उसके बाद अब इन विपक्षी दलों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं।इनमें कोई दल नए संसद भवन की तुलना ताबूत से कर रहा है तो कोई उसे देश का कलंक बता रहा है।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में 1200 करोड़ का संसद भवन बनकर तैयार हुआ और पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन भी किया।संसद भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान एक स्मारक डाक टिकट का अनावरण और 75 रुपये का सिक्का जारी किया।उद्घाटन समारोह नये संसद भवन के लोकसभा कक्ष में आयोजित किया गया था। आसन पर प्रधानमंत्री के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्य सभा के उप-सभापति डॉ हरिवंश विराजमान थे।उद्घाटन भाषण शुरू करने से पहले श्री मोदी ने नया स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का जारी किया। इस सिक्के के जारी करने की घोषणा 25 मई को की गयी थी। इस करीब 35 ग्राम के सिक्के का व्यास 44 मिमी है, इसमें आधी चांदी, 40 प्रतिशत तांबा और पांच- पांच प्रतिशत निकल और जस्ता के इस्तेमाल किया गया है।पीएम मोदी ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेन्गोल को कर्तव्य पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था।राजा जी और अधीनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है।इसमें वास्तु, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और सविंधान भी है। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पंक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है।संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।वहीं नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराकर पीएम मोदी का करना विपक्षियों ने बहिष्कार कर दिया।कई विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया।इन दलों की मांग थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाए।अब इन विपक्षी दलों की ओर से प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है। किसी ने इस पार्लियामेंट को ताबूत कहा तो किसी दल ने इसे देश का कलंक बताया है।इन बयानों पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद एक ट्वीट किया गया, जिसको लेकर बीजेपी आरजेडी पर हमलावर है।इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल की स्थापना के में दक्षिण के अधीनम संतों को बुलाए जाने पर सवाल उठाए थे।मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि सेंगोल की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्ंयत दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी सरकार को सभी धर्मगुरुओं को आमंत्रित करना चाहिए था। ऐसा न करके बीजेपी ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। सपा नेता के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है।सपा के ब्राह्मणवाद के आरोप हास्यास्पद हैं। इनमें अज्ञानता की बू है।ये अधीनम उन समुदायों द्वारा चलाए जाते हैं जो बीसी और ओबीसी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं।उनके पास तमिल साहित्य का एक समृद्ध इतिहास है जो भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस तरह की टिप्पणी करना इन पवित्र अधीमों और हिंदू धर्म की विविधता का अपमान है।
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