बॉम्बे लीक्स ,महारास्ट्र
मुंबई : सियासत में एनसीपी प्रमुख शरद की राजनीतिक समस्या को समाधान करने वाली सोनिया दुहन का नाम इन दिनों काफी चर्चा में है।सोनिया छात्र राजनीति से सियासी पटल पर पहचान बनाने वाली नेत्री के तौर पर जानी जाती है।सोनिया ने छात्र राजनीति के तौर तौर पर अपनी सक्रियता के चलते शरद पवार के विश्वाशपात्र लोगो में शामिल बताई जाती है।
सोनिया राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में स्टूडेंट विंग की प्रेसिडेंट भी हैं। सोनिया दोहन का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया था, जब नवंबर 2019 और जून 2022 में महारास्ट्र की धरती पर सियासी ड्रामा जारी था।माना जाता है कि एमवीए सरकार बनाने में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से ज्यादा अहम भूमिका सोनिया दोहन ने निभाई थी।
सोनिया दोहन ने इस बार भी एमवीए को बचाने की कोशिश की लेकिन पकड़ी गई।क्योंकि गोवा के होटल में गलत पहचान बताकर गिरफ्तार हुई लड़की कोई और नही बल्कि वहीं सोनिया दोहन है।जिन्होंने उसी होटल में कमरा बुक कराया था जिसमे शिवसेना के बागी विधायको को ठहराया गया था।
सोनिया इस बार भी कामयाब हो जाती जैसे पिछली बार अजीत पवार के नाक के नीचे से वे 4 विधायकों को गायब कर एमवीए सरकार बनवाने में कामयाब हुई थी।सोनिया पेटवाड़ के एक किसान परिवार से हैं। उनके पिता का नाम संसार सिंह था। मां का नाम संतरो देवी है।
उनके पिता का 2013 में कैंसर से निधन हो गया। सोनिया तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने हिसार जिले में स्थित अपने गांव के स्कूल में ही शुरुआती शिक्षा ली। हिसार के स्कूल से इंटरमीडिएट के बाद सोनिया ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बीएससी की। बीएससी करने के बाद वह अंबाला आ गईं।
वह पेटवाड़ के एक किसान परिवार से हैं। उनके पिता का नाम संसार सिंह था। मां का नाम संतरो देवी है। उनके पिता का 2013 में कैंसर से निधन हो गया। सोनिया तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने हिसार जिले में स्थित अपने गांव के स्कूल में ही शुरुआती शिक्षा ली।
हिसार के स्कूल से इंटरमीडिएट के बाद सोनिया ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बीएससी की। बीएससी करने के बाद वह अंबाला आ गईं।सोनिया दुहन ने 21 साल की उम्र में एनसीपी जॉइन कर ली थी और इस तरह छात्र राजनीति में आईं। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी के स्टूडेंट्स विंग की अगुआई की।
उन्हें एक बार एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की यूथ विंग में नैशनल प्रेसिडेंट भी रहीं। सोनिया दुहन अब गुरुग्राम में रहती हैं और यहां से एनसीपी के दिल्ली दफ्तर से जुड़ी रहती हैं।
हालांकि सोनिया गोवा में अपने इस मिशन में फेल हो गई।सोनिया हरियाणा के हिसार स्थित एक गांव से ताल्लुक रखती हैं लेकिन महाराष्ट्र के राजनीतिक घमासान में उनका रोल काफी अहम माना जाता है।लेकिन एनसीपी के लिए यह दुख की बात रही कि न सिर्फ सोनिया का मिशन विधायक फेल साबित हुआ।
बल्कि उन्हें और उनकी सहयोगी को गोवा के डोना पाउला में होटल ताज रिज़ॉर्ट और कन्वेंशन सेंटर से गिरफ्तार कर लिया गया।आरोप है कि सोनिया ने अपनी सहयोगी के साथ होटल में चेक इन के दौरान फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया था।
हालांकि सोनिया और उनकी सहयोगी को जमानत मिल गई है।लेकिन गिरफ्तारी इसलिए भी मायने रखती थी कि क्योंकि इसी होटल में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बागी विधायक टिके हुए थे।यही सोनिया ने नवंबर 2019 में भी सबसे आगे जाकर एनसीपी के 4 विधायकों को रेस्क्यू किया था।
जब देवेंद्र फडणवीस ने अजीत पवार के साथ सरकार बनाई थी।कहा जाता है कि हरियाणा के गुड़गांव के एक होटल से भाजपा की नाक के नीचे से एनसीपी के चार विधायकों को “बचाने” का श्रेय सोनिया दोहन को ही जाता है।
सोनिया दूहन पर कथित तौर पर फर्जी कागजात का उपयोग करने के आरोपों पर एनसीपी ने सफाई दी है।एनसीपी यूथ विंग के मुताबिक अधिकारियों की सोनिया पर नजर थी। क्योंकि उन्होंने 2019 में (महाराष्ट्र में) तीन दिवसीय भाजपा सरकार के पतन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कहा कि गोवा आकर सोनिया को पता चला कि होटल में बहुत कड़ी सुरक्षा है ऐसे में महाराष्ट्र या राजनीतिक पहचान वाले किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।जिसके बाद सोनिया और उनके साथी श्रेय कोठियाल की आईडी से चेक इन किया गया।कहा कि सोनिया ने अपने ही कार्ड से बिल का भुगतान भी किया।
बताया गया कि बुकिंग कोठियाल के नाम पर थी,जबकिं सोनिया ने श्रेय की पत्नी श्रुति नारंग के पहचान पत्र का इस्तेमाल किया। यह कोई फर्जी दस्तावेज नहीं था।वहीं सोनिया दोहन ने स्वयं पर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “पुलिस ने ब्लैक कैट कमांडो और एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के साथ मुझे शनिवार सुबह 5.30 बजे होटल के कमरे से उठाया।
उन्होंने मेरे साथ एक आतंकवादी की तरह व्यवहार किया। घंटों तक इंटेलिजेंस ब्यूरो और पुलिस ने मुझसे पूछताछ की। यह युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश है। मेरे साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार करने की क्या जरूरत थी।2019 का जिक्र करते हुए सोनिया दूहन ने बताया कि कैसे उन्होंने विधायकों को बचाया था और शरद पवार के पास पहुंचाया था।
उन्होंने याद करते हुए कहा, “हमने गुड़गांव के होटल के पांचवें को छोड़कर हर मंजिल पर एक कमरा बुक किया था, जहाँ किसी को भी अनुमति नहीं थी क्योंकि विधायक वहाँ रखे गए थे। उस मंजिल पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नागरिक पोशाक में लगभग 50 सुरक्षाकर्मी और 60-70 राजनीतिक कार्यकर्ता थे।जो आगंतुकों पर कड़ी नजर रखते थे।”
2019 का जिक्र करते हुए सोनिया दूहन ने बताया कि कैसे उन्होंने विधायकों को बचाते हुए शरद पवार के पास पहुंचाया था। कहा कि गुड़गांव के होटल के पांचवें को छोड़कर हर मंजिल पर एक कमरा बुक किया था।जहाँ किसी को भी अनुमति नहीं थी क्योंकि विधायक वहाँ रखे गए थे।
उस मंजिल पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नागरिक पोशाक में लगभग 50 सुरक्षाकर्मी और 60-70 राजनीतिक कार्यकर्ता थे, जो आगंतुकों पर कड़ी नजर रखते थे।गुरुग्राम के होटल में प्रशासन और पुलिस की भी सभी आने-जाने वालों पर नजर थी।
हालांकि सोनिया ने चारों विधायकों को वहां से निकाल लिया। 2019 में सफल हुईं सोनिया दुहन को इस बार भी असम से गोवा पहुंचे विधायकों को निकालकर शिवसेना के खेमे में वापस लाने का जिम्मा सौंपा गया लेकिन वह इस बार फेल हो गईं। हालांकि दुहन और एनसीपी का कहना है कि उनका वहां जाने का मकसद पर्यटन था।सोनिया दुहन हफ्ते में तीन दिन अपने गांव में ही रहती हैं।
उनकी मां भी गांव में रहती हैं। सोनिया गांव में अपने खेत संभालती हैं। खेत का काम भी करती हैं। गांव और आसपास गांव में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम करती हैं। सोनिया ने कहा कि हरियाणा के कई गांव हैं जहां लड़कियों को उतनी स्वतंत्रता नहीं है। वह लोगों को जागरूक करती हैं ताकि वे अपनी बच्चियों को पढ़ाएं और उन्हें आगे बढ़ने का मौका दें।
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