बॉम्बे लीक्स ,बिहार
राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में आने वाले महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।ऐसे में देशभर की निगाहें विपक्षी गठबंधन इंडिया पर आ टिकी है।कांग्रेस क्षेत्रिय चुनावो में वापसी को बेताब है।जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हाथों में सत्ता है, तो वहीं मध्य प्रदेश में भाजपा और तेलंगाना में BRS की। जानकारी के मुताबिक आगामी कुछ दिनों में देश के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा की जा सकती है।ऐसे में चुनावी सियासत के राजनीतिक चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने बता दिया सत्ता किसे मिलने वाली है।
गौरतलब है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों मुख्य पार्टियां पिछले कई महीनों से चुनावी मोड में आ चुकी है। हर दूसरे दिन नए-नए ऐलान किये जा रहे हैं ताकि जनता का भरोसा इनपर बना रहे लेकिन इसी बीच इन विधानसभा चुनावों को लेकर जन सुराज के प्रमुख और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बताया है कि इस बार पलड़ा किस पार्टी का भारी रहने वाला है। बता दें कि पूर्व में प्रशांत कांग्रेस, बीजेपी, TMC समेत कई दलों को चुनाव जितवाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।प्रशान्त किशोर के मुताबिक”राजस्थान में बीजेपी थोड़ा सा आगे है, लेकिन कांग्रेस ने पिछले कुछ महीनों में जमीन पर वापसी की है, लेकिन अब भी बीजेपी थोड़ा आगे है। वहीं मध्य प्रदेश में काफी कड़ी लड़ाई है, लेकिन मैं मार्जिन से बीजेपी को थोड़ा एडवांटेज दूंगा और छत्तीसगढ़ में भी कड़ी फाइट है। कई लोग मान रहे हैं कि कांग्रेस के लिए काफी आसान है, लेकिन लग रहा है कि कांग्रेस अभी आगे है, पर कड़ी फाइट है और तेलंगाना में BRS जीत जाएगी।वहीं बिहार में जनसुराज यात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर इसे सही इरादे से लागू किया जाता है तो यह देश के हित में होगा।कहा कि अगर सही तरीके से किया जाता है और 4-5 साल का एक ट्रांजिशन फेज होता है तो यह देश के हित में होगा। यह देश में पहले भी 17-18 साल के लिए प्रभाव में था।पीके के मुताबिक दूसरा यह भी कि भारत जैसे एक बड़े देश में करीब 25 प्रतिशत आबादी हर साल वोट करती है। ऐसे में जो लोग सरकार चला रहे होते हैं, वो चुनावी चक्र में व्यस्त रहते हैं ।इसे कम करके एक से दो बार किया जाता है तो यह बेहतर होगा। इससे खर्च भी बचेगा और लोगों को भी एक बार ही निर्णय लेना होगा।कहा कि अगर सरकार रातोंरात बदलाव करने की कोशिश करती है तो इससे समस्या होगी। शायद सराकार इस पर बिल भी ला रही है।यदि सरकार के इरादे सही हैं तो इसे लागू होना चाहिए और यह देश के लिए भी अच्छा होगा, लेकिन यह की मंशा पर निर्भर करता है कि वह इसे किस इरादे से ला रही है
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