बॉम्बे लीक्स ,मुंबई
देशभर में आज कृष्ण जन्माष्टमी की धूम मची है। मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। कृष्ण जन्माष्टमी के चलते मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में आज दही हांडी उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।त्योहार के मौके पर बीएमसी के मुताबिक शहर के नागरिक अस्पतालों में 125 बिस्तर तैयार रखे हैं ताकि किसी ‘गोविंदा’ (उत्सव में भाग लेने वाले) को अगर दही हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाते वक्त चोट लगती है तो उसे भर्ती कराया जा सके।
गौरतलब है कि कृष्ण जन्माष्टमी के एक दिन बाद यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस दिन मिट्टी के बर्तन में दही भरकर ऊपर रस्सी पर लटका दिया जाता है। वहीं गोविंदाओं की टोली पिरामिड बनाकर ऊंचाई पर लटकी हांडी को तोड़ते हैं।इसे विशेष तौर पर महाराष्ट्र व गुजरात में मनाया जाता है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को है और दही हांडी उत्सव का आयोजन 7 सितंबर को किया जा रहा है।ऐसे में मुंबई और ठाणे की सड़कों पर सुबह से ही कृष्ण जन्माष्टमी की धूम जारी है। सूरज चढ़ने के साथ ही गली मोहल्लों में ‘गोविंदा आला रे आला’ की गूंज सुनाई देने लगी है। मुंबई और ठाणे के विभिन्न हिस्सों से युवाओं की टोली दही हांडी फोड़ने के लिए रवाना होती देखी जा रही है।वहीं दही हांडी उत्सव में हर साल की तरह इस बार भी राजनीतिक दल बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जन्माष्टमी के मौके पर मुंबई, ठाणे में दशकों से मनाये जाने वाले इस लोकप्रिय उत्सव के लिए लाखों के इनाम रखे गए है। यह इनाम मानव पिरामिड (थर) की उंचाई के आधार पर तय किये गए है। बीएमसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 125 बिस्तरों में से 10 सायन अस्पताल में, सात केईएम (किंग एडवर्ड मेमोरियल) अस्पताल में, चार नायर अस्पताल में और शेष शहर और उपनगरों के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैयार किए गए हैं। बीएमसी के अनुसार, इन अस्पतालों में घायल गोविंदाओं के इलाज के लिए तीन शिफ्ट में स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जिन्हें इंजेक्शन, दवाएं और सर्जरी सामग्री तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मामूली रूप से चोटिल गोविंदाओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी जाएगी, जबकि जिन्हें लंबे समय तक इलाज की जरूरत होगी उनके लिए भी व्यवस्था की गई है।
बता दें कि दही हांडी उत्सव में दही से भरी मटकी हवा में लटक रही होती है और गोविंदाओं की टोली मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ते है
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