मुंबई :एसबीयूटी में मुर्तज़ा अलमदार के वापस आने के बाद बोहरा मुहल्ले में एसबीयूटी के अंतर्गत रिडेवलप्मेंट करने के लिए पुरानी बिल्डिगों को लेकर बंदरबांट शुरु हो चुकी है और इस दौरान इलाके के लोग और पुराने ठेकेदारों में मुर्तुज़ा अलमदार के खिलाफ़ जम कर आक्रोष पाया जा रहा है।
दरअसल इस इलाके में पंजाब महेल नाम की 4 मंजिला इमारत है जिसपर कई ठेकेदारों की नज़र है हालांकि इलाके के जो स्थानी ठेकेदारों ने इसे तोड़ने के लिए जी तोड़ कोशिश की लेकिन मुर्तुज़ा अलमदार के कारण यह ठेका किसी बाहरी व्यक्ति को दिया गया है हालांकि इसी बिल्डिंग को लेकर तैजून ने पहले ही यह ठेका नफीस खान नाम के एक व्यक्ति को दिया था इस प्रकार से मुर्तुज़ा की रंगबाज़ी और चांडक्या नीति के चलते मुर्तुजा के खिलाफ़ स्थानी ठेकेदारों की संख्या दिन ब दिन बढ़ते जा रही है।
दरअसल इसी इलाके में बिल्डिंग तोडने की ठेकेदारी करने वाले कुछ लोगों को पहले मुर्तुज़ा ने मुसाफ़िर खाना तोड़कर उसका डैब्रेज हटाने की ठेकेदारी दी क्योंकि मुसाफिर खाना का यह कार्य जोखम का कार्य था और स्थानी ठेकेदारों के अलावा कोई और यह काम नहीं कर सकता था मुर्तुजा ने अपनी कूटनीति का माध्यम से पहले मुसाफिर की ठेकेदारी स्थानी ठेकेदारों को दी और उन्हें पंजाब महेल का लॉलीपॉप दिया यह जटिल काम वह स्थानी ठेकादारों से करा ले और उन्हें पंजाब महेल का लॉलीपॉप थमा दिया लेकिन जब इस प्रकार से मुसाफिर खाना का काम हो गया तो मुर्तुज़ा ने फिर एक बार अपनी चाणक्य कूटनीति से पंजाब महेल का काम स्थानी ठेकेदारों को देने के बजाए बाहरी ठेकेदारों को दे दिया।
पंजाब महेल को स्थानी ठेकेदारों को न देने के पीछे की भी बड़ी दिलचस्प कहानी है इसी इलाके में एक स्थानी ठेकेदार का बकरों का बाड़ा है और जिसकी मौजूदा कीमत एक करोड़ के आस पास है चूंकि पंजाब महेल की 60 लाख रूपए कैश की बात मुर्तुज़ा ने की और बाद में मुर्तुजा ने यहां से अपनी चाणक्या कूटनीति से जानवरों के बाड़े को भी लगे हाथ निपटाने की बात कही मतलब एक तीर से दो शिकार जबकि बाडे की कीमत 1 करोड़ के आस पास है और यहां कई सालों से स्थानी ठेकेदारों का कब्ज़ा है।
जब पंजाब महेल के बदले में जानवरों के बाड़े की बली की बात आई तो ठेकेदारों ने यह सौदा कैंसिल कर दिया हैरानी की बात यह है कि यहां इन दिनों होने वाली सौदेबाज़ी कैश में ही की जाती है।
स्थानी ठेकेदारों का कहना है कि है कि मुर्तुज़ा अलमदार यहां की बिल्डिंगों की ठेकेदारी और उसे डिमोलिश करने के लिए जो भी सौदाबाज़ी करते हैं वह कैश में होती है और इसकी जानकारी एसबीयूटी में कितनी सही और कितनी गलत है इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं और यही चाणक्या कूटनीति की जरिए मुर्तुज़ा जानवरों का बाड़ा खाली करा कर वह करोड़ों की यह रकम भी अपने पास रख सकते हैं।
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