अब्बास नक़वी: आपदा कॉल के दौरान महामारी को लेकर सरकार भले ही नाकाम साबित हुई हो लेकिन अपनी पार्टी को सूचना और तकनीक क्षेत्र में काफी आगे लाकर खड़ा कर दिया है। कोरोनॉ कॉल में सूचना एवं तकनीकी के क्षेत्र में बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
लाकडाउन के दौरान ऐसा दौर जब महामारी के फैलते स्तर पर सरकार बहोत कुछ कर सकती थी।किंतु सरकार ने देश के जनमानस को ठेंगा दिखाते हुए अपनी पार्टी के डिजिटल साम्राज्य के नेटवर्क को खड़ा करने में अहम योगदान दिया।
जी हां सरकार के कार्यो की यदि समीक्षा की जाए तो मार्च माह से अब तक के सफर के दौरान बीजेपी ने गांवों के हर बूथ को डिजिटल स्तर पर सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित कर लिया है। आज गाँव गाँव तक मजबूती के दंभ भरने वाली बीजेपी की टीम में आईटी सेल का एक प्रतिनिधि है। जिसके कारण पार्टी के सभी दिशा-निर्देशों को रियल टाइम में बूथ लेवल तक पहुंचाने में सफलता के प्रथम दर्जे पर आकर बीजेपी खड़ी है। यही वजह है कि आज बीजेपी का डिजिटल नेटवर्क केंद्रीय मुख्यालय से लेकर प्रदेश मुख्यालयों एवं बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं के साथ सीधा रूबरू हो रहा है। पार्टी के एक आईटी सेल के पदाधिकारी के अनुसार लाकडाउन के दौरान पार्टी के डिजिटल नेटवर्क को मजबूत करने के साथ साथ इसके विस्तार को बड़े लेवल का रूप दिया गया है।यही वजह है कि आज हर जिला तहसील बूथ एवं सेक्टर स्तर पर आईटी सेल का एक जानकर सदस्य कार्य कर रहा है। आईटी सेल के पदाधिकारी के अनुसार सेक्टर लेवल तक कार्यकर्ताओ को डिजिटल एप्स के आपरेट की सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया।जिसके चलते पार्टी लाखो कार्यकर्ताओ तक अपनी बात पहुचाने में कामयाब रही।पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अनुसार कोरोना काल में करीब 700 ऑडियो ब्रिज से 70 लाख से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं से पार्टी नेताओं द्वारा संपर्क किया किया गया।
यही नही पार्टी के निर्देश पर सभी प्रदेश, जिला और मंडल इकाइयों की ओर से व्हाट्सअप ग्रुप द्वारा पार्टी को मजबूत करने एवं दिशा निर्देश के पालन पर कार्य करने की जानकारी से अवगत कराया गया।कोरोनॉ काल में पार्टी ने न सिर्फ डिजिटल मोड में आकर काम किया ,बल्कि लॉकडाउन में जब सब कुछ थम गया था।इस दौरान पार्टी का डिजीटल प्लेटफार्म अपने ऑडियो-वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के कार्यकर्ताओं से संवाद में व्यस्त रहा या फिर अपने अत्याधुनिक डिजिटल उपकरण का सहारा लेकर मौजूदा गैर बीजेपी प्रान्तों की सरकारों का हनन करते पाया गया। आज देश के हर एक गांव में पार्टी का डिजिटल नेटवर्क अपने अत्याधुनिक कार्यालयों के चलते खास भूमिका में मौजूद है। बीजेपी द्वारा देश के लगभग सात सौ से ज्यादा जिले के सभी कार्यालय डिजिटल फ्रेंडली बनकर उभरे है। पार्टी द्वारा 11 हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित लद्दाख का प्रदेश मुख्यालय भी इस दौरान हाईटेक बनकर तैयार है। जिसके चलते लद्दाख के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा संपर्क काफी आसान हो गया है।
अब जरा यहाँ पर गौर करने वाली बात है कि क्या बिना प्लानिंग के सरकार द्वारा किये गए लाकडाउन का मकसद महामारी की रोकथाम थी या फिर पार्टी को डिजिटल मोड में हाईटेक करना था!
क्या लाकडाउन के दौरान सत्ताधारी पार्टी गाँव गाँव बूथ स्तर पर आम जनता के बीच महामारी को लेकर जागरूकता अभियान के तहत कीर्तिमान नही रच सकती थी।भूख प्यास से बेहाल आम जनता अपनी जरूरी चीज़ों के लिए सड़कों पर निकली तो उन्हें बलपूर्वक कैद करने का मकसद कोरोनॉ पर काबू पाना था या पार्टी के डिजिटल स्कैम को लाकडाउन की आड़ में मजबूत करने पर काम किया जा रहा था।
आज जहां कोरोनॉ महामारी और सरकार की नीतियों के चलते बेरोजगारी का समंदर खड़ा हो गया है, तो ऐसे समय में सरकार की नीतियां देश के प्रति सजग न होकर पार्टी की मजबूती को लेकर रूप रेखा तैयार करती दिख रही है।
इसी दौरान बिहार में न सिर्फ विधान सभा चुनावों की लहर दौड़ रही है बल्कि बीजेपी की खरीदारी के चलते कुछ राज्य में लोकतंत्र का गला घोंटने के बाद उपचुनाव का दौर भी शुरू होने वाला है।
यह एक ऐसा समय है जब सरकार को देश के प्रति समर्पण की भावना से काम करना चाहिए । किंतु सत्ताधारी बीजेपी महज़ पार्टी हित की मजबूती के एजेंडे में व्यस्त है।
आज सरकार की गलत नीतियों के चलते देश कोरोनॉ मामले में महामारी के दूसरे स्टेज पर पहुचने वाला है किंतु सरकार है कि मौन बनी बैठी है।
आज स्वास्थ्य मामले में देश सबसे निचले स्तर पर खड़ा होकर जनता की मौत का तमाशा देख रहा है।ये एक ऐसा दौर है जब सब कुछ त्याग कर सरकार को देश मे अच्छे अस्पतालों के निर्माण पर ज़ोर देने चाहिए किंतु सरकार अपनी पार्टी की दिशा और दशा की नीतियों पर कार्यरत है। आज देश में अस्पतालो का परिदृश्य बदलने की जरूरत है किंतु अस्पतालो की जगह देश में सरकार हाईटेक पार्टी मुख्यालय के निर्माण पर काम कर रही है। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा द्वारा झारखंड में पार्टी के आठ जिला कायार्लयों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया गया। आगामी दो वर्षों में देश के सभी जिलों में पार्टी के नए कायार्लय बनाने की रणनीति पर काम करने की बात की जा रही है।।सरकार देश की नही बल्कि अपने पार्टी की जड़ों को सशक्त बनाने का काम करने की बात करती दिख रही है।आपको याद दिलाना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपने संगठन को सशक्त बनाने पर 2014 में एक बयान था कि न सिर्फ़ दिल्ली में हमारा भव्य कायार्लय होगा बल्कि देश के हर जिले में भव्य बीजेपी कार्यालय हमारी प्रार्थमिकता होगी। कोरोनॉ कॉल में फिलहाल बीजेपी के करीब 500 कार्यालय अमित शाह के नेतृत्व में बनकर तैयार होना देश की दशा और दिशा दोनों तय कर रहा है। हालांकि बीजेपी के अन्य जिलों में 400 और कार्यालयों पर काम जोरो पर है। बीजेपी की ज़िम्मेदारी फिलहाल आने वाले दो सालों के अंदर देश को भव्य बीजेपी कार्यालयों की सौगात देना है। बीजेपी का मानना है कि देश में हर जिलों में भव्य पार्टी दफ्तरों बनने से कार्यकतार्ओं में कार्य करने का एक अभूत वातावरण तैयार होगा।
जानकारों की माने तो ऐसे समय में जब देश समेत सम्पूर्ण दुनियाँ महामारी की भेंट चढ़ती जा रही है।बेरोजगारी अपने उफान है , गरीब मज़दूर के साथ साथ महामारी ने मिडिल क्लास तबके को सबसे ज्यादा जब प्रभावित किया हो, ऐसे समय में पार्टी विशेष के उज्जवल भविष्य की नींव तैयार करना देश को खोखला करने जैसा कार्य है।
सरकार को जनमानस की भावनाओ और मौजूदा हालात के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति को बदलना होगा।यह वो समय है जब अस्थिर होते देश के ऊपर मंडराते संकट का समाधान निकालना होगा। अन्यथा आने वाला समय देश की माली हालत मौजूदा सरकार पर खड़ा हुआ प्रश्न चिन्ह एक इतिहास बन जाएगा।
आज सरकार जिस लापरवाही के तहत जनमानस के साथ खेल खेलने में समय का दुरुपयोग कर रही है। ऐसी भयावह स्थिति से निपटना होगा। मौजूदा सरकार ने जनमानस को 20 लाख करोड़ का जो झुनझुना थमाया है , उसका इस्तेमाल कब और कहां किस यौजना के तहत हो रहा है । उसका कोई ग्राफ अब तक तैयार नही किया गया। मौजूदा देश के अस्पतालों का ग्राफ किसी से छुपा नही है। अस्पतालों की कोरोनॉ मरीज़ों के प्रति बढ़ती लापरवाही सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए प्रयाप्त है।
जरूरी है की मौजूदा सरकार आपदा में अवसर की तालाश न करते हुए जनमानस की स्थिति को इस संकट से उबारने की एक दिशा तय करे।
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