• मुंबई की एक महिला द्वारा ससुराल पक्ष पर लगाया गया था दहेज केस का आरोप, पति पर लगाया था जबरन सेक्स से पैरालाइसिस का आरोप।
मुंबई ब्यूरो | बॉम्बे लीक्स
मुंबई : पारिवारिक मामले से संबंधित एक महिला ने मुंबई कोर्ट में वाद दायर करते हुए जहां ससुराल पक्ष पर क्रूरता एवं दहेज के मामला दर्ज कराया था तो वही पति पर जबरन सेक्स का आरोप भी लगाया था।जिसमे मुंबई की एक कोर्ट के फैसले के अनुसार, पत्नी से जबरन सेक्स को गैर कानूनी नहीं कहा जा सकता है।इस मामले में मुंबई की सेशन कोर्ट में पति ने अपनी याचिका दायर की थी। इस याचिका में पति के अनुसार उसकी पत्नी ने उस पर जो जबरन सेक्स करने का आरोप लगाया है वो गलत है।जिसके साथ ही पति ने इस मामले में जमानत के लिए अर्ज़ी भी दी।इस मामले की सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज संजयश्री जे घराट ने कहा कि आरोपी व्यक्ति महिला का पति है इसलिए ऐसा नहीं जा सकता है कि उसने कोई गैर कानूनी काम किया है।साथ ही कोर्ट ने इस मामले में महिला के पति को जमानत भी दे दी है।
पेश किए गए वाद के अनुसार महिला की शादी 22 नवंबर 2020 को हुई थी महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि उसका पति और ससुराल पक्ष के लोग शादी के बाद से ही उसे परेशान कर रहे है दहेज की मांग कर रहे है।साथ ही महिला ने अपने पति पर जबरन सेक्स का आरोप भी लगाया था। जिसके बाद आरोपी पति ने ज़मानत के लिए कोर्ट में याचिका दी थी।
महिला के वाद के अनुसार इस साल दो जनवरी को हम दोनों मुंबई के पास महाबलेश्वर गए थे। जहां उसके पति ने एक बार फिर उसके साथ जबरन संबंध बनाए थे।महिला ने आरोप लगाया कि इस के बाद से ही वो अस्वस्थ महसूस करने के बाद डॉक्टर के पास गई। जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसे कमर के नीचे पैरालिसिस हो गया है।
एडिशनल सेशन जज संजयश्री जे घराट के आदेश में ये बेहद दुखद है कि सेक्स के दौरान महिला को पैरालिसिस हो गया।साथ ही कहा कि ऐसे हालात के लिए उसके पति या परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। महिला ने अपने याचिकाकर्ता (पति) पर जिस तरह के आरोप लगाए है उसके लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना कोई जरूरी नही।क्योंकि पति और उसका परिवार इस मामले की जांच में अपना पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।
इस दौरान सुनवाई में पति और उसके परिवार ने कहा कि हमें झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है। दहेज एवं उत्पीड़न का आरोप झूठा है। वहीं अभियोजन पक्ष ने आरोपी पति को दी जा रही अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया
जिस के बाद न्यायाधीश ने कहा कि महिला ने अपने आरोपों में दहेज की मांग की शिकायत की थी लेकिन उसने इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है कि उस से दहेज में कितनी रकम मांगी गई।
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