मुम्बई—भारतीय जनता पार्टी के मुम्बई के अंधेरी ईस्ट विधानसभा में बतौर उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत राकेश तिवारी इन दिनों एक अच्छे नेता,सामाजिक कार्यकर्ता साथ ही सभी समाजो के बीच
एक अच्छा तालमेल बनाये रखनेवाले नेता के रूप में सामने नजर आ रहे है।मिलनसार व्यक्तित्व ,लोगो की शिकायतों को लेकर अपनी टीम के साथ काम करना और पार्टी के प्रति जितना हो सके ,उतना जरूरतमंदों को मदत करना इस समय अंधेरी ईस्ट बीजेपी विधानसभा का ये मूल मंत्र है।
राकेश तिवारी अपने स्कूली पढ़ाई के दिनों में हमेशा मराठी भाषा पर इनकी काफी अच्छी पकड़ रही,जिसके चलते इन्हें हमेशा मराठी विषय मे अच्छे नम्बर मिलते थे,और वो इसलिए कि इनके अधिकतर दोस्त मराठी भाषिको रहे।मराठी भाषा से राकेश तिवारी की जुगलबन्दी बचपन से ही थी,इसलिए उनकी मराठी भाषा उनके सभी करीबी मराठी भाषिक दोस्तो से भी अव्वल रही जो आज भी है।
राकेश तिवारी की मराठी भाषा को मज़बूत करनेवालो में उनके सभी मराठी भाषिक दोस्तो का सबसे बड़ा रोल है।उन दोस्तो में अंधेरी- गुंदवली में रहनेवाले दीपक मालवनकर जो आज मुम्बई पुलिस के दस्ते में है।(दीपक ने जी क्लोजप अंताक्षरी की गायिकी प्रतियोगिता में सेकंड पोजिशन पर आने का कीर्तमान भी बनाया है,इसके बाद हनुमत कालभोर (आज ये हमारे बीच नही है)सुनील कुम्भार (पुलिस ) सम्बया भाऊ (बीएमसी कमर्चारी) उस दौर में राकेश तिवारी के ये खास दोस्त थे,जिनके साथ सिर्फ उठना- बैठना ही नही बल्कि छुट्टियों के दिनों में इन दोस्तो के साथ उनके गांव में लगनेवाले जत्रे (मेला) में भी ये जाया करते थे।और यही से महारास्ट्र की संस्कृति को और ज्यादा समझने का मौका भी मिला।दोस्तों के साथ घूमने जाने को लेकर कई बार राकेश को पिताजी की डांट खानी पड़ती थी।इसके बावजूद इन्होंने अपनी दोस्ती बरकरार रखी,क्योंकि इनके सभी दोस्त अच्छे थे,और पग-पग पर ये सभी एक दूसरे की मुश्किलों को समझते थे,और उन्हें हल करने की कोशिश भी करते थे।राकेश के सभी दोस्त ऐसे थे,जो इनके भले की ही बात करते थे,और जब कही गलत चीज होती ,तो यही दोस्त आगाह भी करते थे।
*बीजेपी में शामिल होने की कहानी-*
कभी इडेन फर्निशिंग में काम करनेवाले राकेश ने कभी सोचा न होगा की वो एक दिन राजनीति में उतरेंगे। साल 1993 के आखिरी महीनो में राकेश ने नोकरी छोड़ खुद का कुछ रोजगार करने का विचार किया।एक ऑटो लेकर कई साल इससे अपना गुजरा किया।लेकिन साल 1994 में ऑटो को शीप पर देकर राकेश ने राजनीति में कदम रखने का विचार किया। ऐसे में राकेश के उन सभी मराठी भाषिक दोस्तो ने अहम भुमिका अदा की,जिनके साथ उनका बचपन और जवानी दोनो बीता था।साल 1994 में ठंड का महीना था, इस दौरान राकेश ने राजनीति की ओर रुख करने का पक्का मन बना लिया था।अब सवाल ये था,की किस दल को चुने।क्योंकि इनके सभी दलों के लोगो से अच्छे सबन्ध थे।किसी से भी कोई मनमुटाव नही था।एक आदत थी,की कोई गलत है,तो उसके मुंह पर बोल देते,फिर चाहे वो कितना भी बड़ा आदमी हो या नेता हो।
1994 में ही सितंबर महीने की बात है। एक दिन राकेश और उनके सभी दोस्त जिसमे दीपक, हनुमंत ,सम्भया और भी सभी इस बात पर चर्चा करने के लिए बैठे,की राकेश को किस स्तर तक और किस पार्टी को चुनना चाहिए।चरचा होने के बाद साल 1994 में राकेश बीजेपी के सदस्य बने ।लेकिन सदस्य्ता लेने के बाद भी कई ऐसे सवाल थे,जिनका निराकरण करने में राकेश को थोड़ा वक्त लगा।जैसे राजनीति में कितना समय देना चाहिए,इसी तरह के कई और सवाल थे, और इन सवालों पर भी रोशनी डालने के काम उनके ही करीबी दोस्तों ने ही किया।
राकेश तिवारी की राजनीति की शुरुवात 1994 में शुरू जरूर हुई,लेकिन इस राजनीति का तेज रूप साल 2005 में दिखाई देने लगा,जब राकेश अपना पूरा समय बीजेपी के प्रति देने लगे।और साल 2005 से हुई इस तेज-तर्रार शुरवात में राकेश तिवारी को कई पद मिले,और ये वो समय था,जब अंधेरी ईस्ट में बीजेपी की नैया कुछ लोगो के कारण डगमगा रही थी,ऐसे में बीजेपी और संघ से जुड़े एक नेता का नाम सामने आना शुरू हुआ,जो काफी समय से संघर्ष भी कर रहा था, और वो नाम है,बीजेपी के तेज -तर्रार नेता
सुनील यादव का ।सुनील ने एक अच्छे नेता की तरह सिर्फ अंधेरी को संभाला ही नही बल्कि लोगों के बीच अपनि एक अच्छी पकड़ बनाने में भी सुनील एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी साबित हुये।सुनील को लेकर अक्सर ये कहा जाता है,की सुनील गर किसी भी क्षेत्र में हार भी गया हो,तो दोबारा उसे जितने की जी-तोड़ मेहनत भी करता हूं,और जीत हासिल भी करता ही। राजनीतिक दृश्टिकोण से देखा जाये तो आनेवाले समय मे सुनील की और ज्यादा मेहनत उन्हें विधायक भी बना सकती है।क्यों कि ये सुनील यादव की ही मेहनत है,जो जिसकी वजह से अंधेरी ईस्ट में दम तोड़ती बीजेपी को दोबारा संजीवनी बुटी मिली।और अंधेरी में बीजेपी की एक नई टीम तैयार हुई और उसी टीम का राकेश तिवारी आज एक अहम है। वर्तमान समय मे राकेश तिवारी अंधेरी ईस्ट बीजेपी विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत है।राकेश तिवारी ने जिस शिद्दत के साथ बीजेपी को अपनाया,उसी शिद्दत के साथ आजतक वो पुरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम भी करते नजर आ रहे है।
**क्रिकेट और कबड्डी के अच्छे जानकार है।*
राकेश तिवारी यंग एज में मुम्बई के अंधेरी स्थित कामगार कल्याण मंडल के क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रह चुके है।जिन्हें क्रिकेट और कबड्डी की अच्छी जानकारी है।मुम्बई के अनगिनत मैदानों में कभी फास्ट बॉलिंग और राइट हैंड बैटिंग का जलवा भी अपने दीनी म दिखा चुके है,राकेश।इतना ही नही इन दोनों खेल की अच्छी जानकारी के कारण उन साल 1993 से लेकर साल साल 2004 तक मुम्बई के कई बड़े क्लब राकेश तिवारी को खेलो की कमेन्द्री करने के लिए भी बुलाते रहे।
*मराठी भाषा पर अच्छी कमांड*
राकेश तिवारी की संगत मराठी भषिको के साथ बहोत अच्छी तरह होने से इनकी मराठी भाषा इस कदर परिपक्व हो गई,की इनसे मुम्बई या महारास्ट्र का कोई भी मराठी भाषिक व्यक्ति गर बात करे ,तो वो ये कतई पहचान नही सकता,की सामने जो मराठी भाषा मे बात करनेवाला व्यक्ति है,दरसल वो एक उत्तर भरतीय है।बहोत कम लोग ये जनते होंगे,की राकेश तिवारी की मराठी भाषा जितनी पतिपक्व है,उसी तरह उनकी गुजराती भाषा भी बहोत अच्छी तरह से जानते है,और बात करते है।
राकेश वर्तमान समय मे आज भी गाहे-बगाहे कभी-कभाक अपने उन सभी दोस्तो से मुलाकात करते है।अलबेला नाके पर कज भी सभी दोस्तों की महफ़िल जरूर जमती होगी।लेकिन हो सकता है,की पार्टी के कामकाज के कारण राकेश अपने दोस्तो से रोजाना नही मिल पाते होंगे,लेकिन जरूरत पड़ने पर आज भी ये सभी दूसरे के संपर्क रहते है।ये सब बातों के कहने का सिर्फ एक ही मतलब है,की हम सभी के जीवन में कुछ ऐसे दोस्तो का होना जरूरी है,जो आपको सही को सही और गलत को गलत बताने की हिम्मत करे।
*समाज का हर तपका करता है,सम्मान*
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राजनीति में है,इसलिए नही राकेश तिवारी ने कई लोगो की मदत जब वो राजनीति में नही थे,तब भी की है।और आज जब वो राजनीति में है,तो ये जवाबदारी और ज्यादा बढ़ गई है,पार्टी की नेता होने के कारण राकेश तिवारी का समाज के सभी तबकों से पाला पड़ता है।जिसमे उत्तरभारतीय ,मराठी भषिक ,साउथ के लोग, मुस्लिम भाई साथ ही इनके अलावा अंधेरी में रहनेवाले सभी तपके के लोगों से उनके तालमेल काफी बढ़िया है,और किसी का भी छोटा -बड़ा काम हो सामाजिक तौर पर करने के लिए हमेशा राकेश तिवारी अग्रसर नजर आते है।
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