शाहिद अंसारी
मुंबई: बेबी को बेब पसंद है और अमीन पटेल को जावेद पसंद है लेकिन जनता को कौन पसंद है यह क़यास लगाना बहुत ही मुशकिल है क्योंकि वार्ड नंबर 213 कमाटीपूरा नागपाड़ा से सटे इस इलाके में इस बार कांटे की टक्कर होने वाली है क्योंकि कांग्रेस ने अपना धाकड़ उम्मीदवार खोया है और पूंजीवाद को महत्व देते हुए उसकी जगह दूसरे उम्मीदवार को मैदान मे उतारा है लेकिन सवाल बरकरार है कि क्या चेहरे बदलने से लोगों के इरादे या सोच बदलेगी।
तकरीबन 30 साल तक काँग्रेस में बतौर धाकड़ उम्मीदवार की हैसियत से रिज़वान खान थे उनकी पत्नी शाहिना रिज़वान खान इसी इलाके से चुनकर इस बार प्रभाग समिता की अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति की गई थीं।इस दौरान टिकट को लेकर दो लोगों का नाम सब से आगे चल रहा था लेकिन इन दो में निज़ाम उद्दीन राइन अपने बेटे के लिए कोशिश की लेकिन कांग्रेस से लॉलीपॉप की आहट पाकर राईन ने पार्टी से इस्तीफा दिया और एमआईएम से अपने बेटे को टिकट दिलान में कामयाब होगए।
हालांकि कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ा लेकिन इसके बाद दो लोग मैदान में थे जिनमें रिजवान खान का नाम पहले नंबर पर था और जावेद जुनेजा का दूसरे नंबर पर लेकिन इस दौरान अमीन पटेल ने राजनीति खेली और मिलिंद देवरा को चकमा देते हुए जावेद जुनेजा को टिकट दिलाने में कामयाब होगए।
जावेद जुनेजा को टिकट मिलना कमाटीपूरा वालों की उम्मीद से उलटा साबित हुआ और रिज़वान को लेकर जनता में जो खुशी थी वह मायूसी मे बदल गई और अमीन पटेल और जावेद जुनेजा को लेकर इलाके में विरोध के स्वर गूंजने लगे हालांकि अमीन पटेल कहते है कि बीते 15 दिनों से मैं प्रचार कर रहा हूं ऐसी कोई बात नहीं और यह जगह और यह सीट कांग्रेस के लिए है और रहेगी रही बात रिजवान की तो हर आदमी आजाद है कहीं भी जा सकता है।
हालांकि रिजवान ने शिवसेना में प्रवेश करते हुए जितना शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं उससे कहीं ज्यादा जावेद जुनेजा को और अमीन पटेल को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे।रिजवान मिलिंद देवरा के खेमा के काफी पुराने और वफादारों में से थे।रिजवान का कहना है कि अमीन पटेल को मुझको लेकर यह बात हमेशा खटक रही थी कि रिजवान का इस इलाके से पहले के जैसे जीतना तय है और कहीं न कहीं अमीन पटेल को अपना वर्चस्व खतरे में दिखाई देने लगा था इसलिए अमीन पटेल ने राजनीति के मैदान में उस कछुवे की चाल चलकर खरगोश की तरह दौड़ने वाले रिजवान का पत्ता पार्टी से ऐसे काटा कि रिजवान यह सदमा और जिल्लत बर्दाश्त न करते हुए शिवसेना में जाने का फैसला किया रिज़वान का कहना है कि अमीन पटेल अगर गुपचुप राजनीति में माहिर हैं तो हम खुलकर राजनीति करने वालों में से हैं इसी लिए सुनील कदम के लिए खुल कर प्रचार कर रहे हैं और जल्द ही अमीन पटेल के सामने इसी शिवसेना से खड़े होकर मुकाबला करूंगा और रही बात जीत हार की तो लोग पार्टी से ज्यादा चेहरों को पसंद करते हैं और मेरा चेहरा कहीं न कहीं जावेद जुनेजा से ज्यादा जनता में लोकप्रिय रहा है अब अमीन पटेल को जावेद जुनेजा क्यों इतना पसंद हैं यह अंदर की बाद है जो जल्द ही लोगों को पता चल जाएगी।फिलहाल अमीन पटेल जुनेजा को टिकट दिलाकर पार्टी मे खुशी का जश्न मनाने के बजाए यह सोचें कि क्या वह जीत कर आएगा।
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