शाहिद अंसारी
मुंबई:“ मैं एडिशनल सीपी क्राइम बोल रहा हूं तुरंत मेरे पास आ नहीं तो मेरे आदमी भेज के तुम्हें उठवा लूंगा “ इस धमकी भरे फोन को लेकर महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन ने जांच के आदेश जारी किए हैं।इसके बाद से मामले में शामिल रिटाएर्ड आईपीएस अधिकारी की नींद उड़ गई है।21 जनवरी को महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन ने मुनीर का बयान दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी।
इस ऑडियो क्लिप को लेकर शिकायतकर्ता मुनीर अहमद ने महाराष्ट्र ह्युमन राइट्स कमीशन की दहलीज़ पर दस्तक दी है।मुनीर अहमद पेशे से व्यापारी हैं उन्होंने बताया कि उनके मुबाइल फोन पर 25 नबंवर 2013 को शाम 7 बजकर 43 मिनट पर 26126962 इस नंबर से धमकी भरा फोन आता है फोन पर बात करने वाला अपने आपको एडिशनल कमिश्नर क्रामइ बताता है फोन पर धमकाने वाले जिसने खुद को एडिशनल कमिश्नर क्रामइ बताते हुए अपनी ऑफिस में आने को कहता है न आने के सूरत में आदमी भेज कर उठवाने की बात करता है।मुनीर ने तुरंत इसकी जांच की तो पता चला कि यह फोन वाकई एडिशनल कमिश्नर क्रामइ का ही था।यह फोन था तत्कालीन पूने के एडिशनल सीपी क्राइम शाहजी सोलुंके का जिसकी रिकार्डिंग Bombay Leaks के पास मौजूद है।
इस धमकी के बाद मुनीर डर गए और अपना घर छोड़ कर भागने में भलाई समझी मुनीर की मां उस दौरान बीमार थीं लेकिन धमकी भरे फोन ने मुनीर को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।क्योंकि उन्हें डर था कि एडिशनल कमिश्नर क्राइम ने जिस तरह से आदमी भेज कर उठवाने की बात की है तो कुछ भी हो सकता है।उन्होंने फोन पर आई धमकी को लेकर अपने दोस्त को आवगत कराया उसके बाद उनके दोस्त ने उन्हें रहने के लिए मदद की।मुनीर और उनके दोस्त ने अपने एक करीबी वकील को बताया वकील ने इस बारे में 28.11.12013 को एडिश्नल सीपी और उनके वरिष्ठ अधिकारियों को नोटिस भेजा।उस नोटिस में वकील ने धमकी भरे फोन की वजह और किस नियम कायदे के तहेत किया गया और किस ने किया पूरी वजह जानने की कोशिश की और दो दिनों के भीतर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया जिसके बाद 16.12.2013 को आरटीआई के तहेत आवेदन कर मामले की वजह जानने की कोशिश की गई लेकिन आरटीआई के जवाब में जो जानकारी मांगी गई थी उसे न देते हुए छुपाया गया।27.12.2013 को कमिश्नर आफिस से पीएसआई पवार नाम के एक पुलिसकर्मी ने फोन कर एपीआई जगदाले के पास चलने को कहता है।एपीआई जगदाले के पास पहुंचने के बाद दबाव डालकर उनसे जबरन बयान लेकर साइन करवाता गया।साइन न करने की सूरत में जगदाले ने कहा कि ऐसे केस में फंसाया जाएगा जिसमें जमानत नहीं मिलेगी।पीएसआई पवार के ज़रिए पता चलता है कि कमिश्नर आफिस के पास मौजूद समर्थ पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि अब्दुर्रहीम शेख नाम के एक व्यक्ति से उन्होंने ने औक एक एटीसी हवलदार ने एक लाख की फिरौती मांगी है।यह मामला उसी दिन दर्ज किया गया है जिस दिन मुनीर का बयान कमिश्नर आफिस मे दर्ज किया गया।इस बात की जानकारी मिलने के बाद मामले को लेकर मुनीर ने मुंबई हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पूर्व जमानत ले ली।
इस FIR के बाद मुनीर को यह समझने मे देर नहीं लगी कि आखिर एडिशनल सीपी क्राइम ने उन्हें फोन पर क्यों धमकाया मुनीर के मुताबिक उन्होंने नासिर शेख नाम के एक व्यक्ति से एक हांडा सिटी कार खरीदी थी लेकिन खरीदने के बाद भी नासिर उसे गाड़ी के कागज़ात नहीं दिया जिसके बाद मुनीर को शक हुआ और उन्होंने 13.11.2013 को ऐंटी टेररिस्ट सेल में एक एफआईआर दर्ज कराई थी उसमें मुनीर की ही एक गाड़ी थी चोरी की है जांच में पाया गया जो कि हांडासिटी थी कि नासिर ने जिसे मुनीर को बेचा है उसके इंजन नंबर से छेड़छाड़ की गई है एटीसी की टीम ने कोंडवा स्थित क्लासिक मोटर के दफ्तर पर छापा मारी में चोरी की 3 गाड़ियां ज़ब्त की गई थीं।एटीसी की जांच मे ज़ब्त गाडियों का मालिक अब्दुर्रहीम कुद्दूस शेख नाम के एक कार चोर गैंग के सरगने के रूप में सामने आया यह वही शख्स है जिसने मुनीर पर वसूली के आरोप लगाए थे।इससे पहले की पुलिस अब्दुर्रहीम कुद्दूस शेख को गिरफ्तार करती एडिश्नल सीपी शाहजी सोलुंखे की साठगाँठ से वसूली का झूटा मामला दर्ज कराने में कामयाब होगई।
दरअसल मुनीर ने कार चोर गैंग के खिलाफ़ जब मामला दर्ज कराया उसके बाद से ही एडिशनल सीपी की तरफ से कई बार मैसेज आया कि चोरी की इस गैंग के बारे में किसी तरह की जानकारी न दी जाए और मामला रफा दफा करो।चूंकि मुनीर के खिलाफ़ जिसने वसूली की शिकयात दर्ज कराई उसकी मोटर पार्टस की दुकान है और चोरी के पार्टस इस दोकान पर बेचे जाते थे इसलिए इस तक पुलिस न पहुंचे उससे पहले इसी के जरिए मुनीर पर वसूली का झूटा मामला दर्ज कराया गया।चूंकि अब्दुर्रहीम कुद्दूस शेख और तत्कालीन एडिशनल सीपी क्राइम शाहजी सोलुंके के संबंध अच्छे थे इसलिए कि कार चोर मामले में पुलिस की हाथ अब्दुर्रहीम कुद्दूस शेख तक पहुंचे उससे पहले ही सोलुंके ने धमकाया और बाद में झूटा मामला भी दर्ज करा दिया।
मुनीर के मानव अधिकार लगातार भंग होते जारहा था जबरन बयान दर्ज किया गया, गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार करने की कोशिश की गई और झूटा आरोप लगाते हुए कहा कि कोर्ट की नोटिस नहीं ली।मुनीर के अनुसार ह्युमन राइट्स का भी नोटिस पुलिस ने नहीं पहुंचाया ताकि केस ही आगे न बढ़ सके।लेकिन अब मुनीर को इस बात का विश्वास है कि उन्हें न्याय इस दहलीज़ पर ज़रूर मिलेगा।
इस बारे में शाहजी सोलुंके से बात की गई तो उन्होने कहा कि मैं तो रिटाएर होगया लेकिन मुझे इस बारे में कुछ याद नहीं जैसे ही उन्हें याद दिलाने के उनकी धमकी भरी ऑडियो क्लिप भेजी गई उसके बाद से उन्होंने फोन उठाना ही बंद कर दिया।
आडियो क्लिप सुनने के लिए यहां क्लिक करें।
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