
अर्थशास्त्री शेख फैज़ल मंजू और कार्यक्रम में शामिल लोग
शाहिद अंसारी
मुंबई:अर्थव्यवस्था पर हुए कार्यक्रम में लंदन से आए अर्थशास्त्री शेख फैज़ल मंजू ने कहा कि इस्लामी व्यापार के माध्यम से हम न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व बर में कारोबरा करें तो इंशाल्लाह कारोबरा में न सिर्फ प्रगति होगी बल्कि आपको कारोबरा करने में बहुत ही सानी होगी।क्योंकि इस्लाम ने हर क्षेत्र में मानव जाति का मार्गदर्शन किया है उसे एक विशेषता से जोड़ दिया गया है।प्रॉफिट मुहम्मद (स) ने अपने उम्मतियों को यह शिक्षा दी है कि वादे को पूरा करो और लेन देन मे साफ़ सुथरे बनो किसी भी हक़दार का अधिकार मत छीनों इन्हीं सब शिक्षाओं के आधार पर एक समाज का गठन किया गया है जिसके बाद मुसलमानों ने एक बड़े क्षेत्र पर विजय पाई हौर इस्लामी शासन लागू किया सरकारी स्तर पर नियमों का गठन खलीफ़ा फमर फारूक के कार्यकाल में हुआ।इस्लाम के दावार बते गए नियमों और शर्तों का पालन करने पर आज भी हर क्षेत्र में सफलता मिलती है जिसके बाद आप एक उच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं।सच्चाई और ईमानदारी इसालम का बुनियादी संविधान है जो भी इन उसूलों पर अमल करेगा पूरी दुनिया में उसकी साख कायम होगी।इस्लामी सिद्धातों को अपना कर लंदन में काम करने वाले मशहूर अर्थशात्री शेख फैसल मंजू का कहना है कि इस्लामी तरीके से कारोबार झूट,फरेब और जोर जबरदस्ती,उत्पीड़न इन सब से पवित्र है जबकि आज का सूद ब्याज़ से जुड़े कारोबार हर तरह की समस्याओं का मिश्रण है उन्होंने कहा कि ईबादत में मामलात की बड़ी अहमियत है।प्रॉफिट मुहम्मद (स) ने मामला के कानून बनाया और हज़रत उमर बिन खत्ताब ने उसे लागू किया।उनका यह नियम था कि मार्किट में उन लोगों को तब तक घुसने नहीं दिया जाता था जब तक वह मामलात के बारे में पूरी तरह से जानकारी हासिल न कर लें मामलात और लेन देन को लेकर पहली पुस्तक अलसीर लिखी गई जो विश्व स्तर पर लेन देन के बारे में जानकारी से भरी है।अर्थव्यवस्था को लकर मुबंई के बलवास होटल में मईशत मीडिया के चेयरमैन दानिश रियाज़ ने सब का परिचय कराते हुए कहा कि नोटबंदी चल रही है और कारोबरा को लेकर बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।इससे बचने के लिए हमें व्यापार के लिए बनाए गए इस्लामी सिद्धांतों का पालन करना होगा।
इक्रा एजुकेशन फाउंडेशन की चेयरमैन उज़्मा नाहिद ने अपने परिचय मे बताया कि मौजूदा भागती दौड़ती पैसों की गलत तरीके बांटने के कारण कई समस्याओं से घिर चुकी है उससे निकलने के लिए हमें इस्लाम के द्वारा बनाए गए व्यापार क नियमों का पालन करना होगा उसके बाद ही हम उसे नियमित रूप से बेहतर बना सकते हैं उन्होंने कहा कि तौहीद और ईमान जैसे बुनियादी अरकान की सेहत के लिए इंसान को अमीन होना लाज़मी है जिसकी तारीफ़ यह है कि वह व्यक्ति दूसरों की निगाह में अमानतदार के रूप में स्वीकार किया जाने लगे।उन्होंने कहा कि बच्चों को बुनियादी ज़रूरतों की उपलब्धता ही काफी नहीं है बल्कि नका इस्लाम से भावनात्मक संबंध पैदा करना ज़रूरी है साथ ही इस्लमिक फाइनेंस पर ज़ोर देते हुए कहा कि इसके लाभ बहुत अधिक हैं और इसके ज़रिए व्यापार के ममालों को बेहतर बनाया जा सकता है।सूदी सिस्टम से बचने के लिए लोगों को ज़रूरी है कि ब्याज की रकम को बरबाद न करते हुए उसे मनुष्य की भलाई के लिए पयोग किया जासकता है।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मईशत मीडिया के चेयरमैन दानिश रियाज़ ने की।
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