बॉम्बे लीक्स ,बिहार
लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। वह भी एनडीए से छिटके सहयोगी दलों को साथ लाने की कवायद शुरू कर रही है। इसकी शुरुआत वह बिहार से करने जा रही है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 18 जुलाई को एनडीए की बैठक बुलाई है।इस बैठक में शामिल होने के लिए उसने लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) अध्यक्ष चिराग पासवान और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी को न्योता दिया है।
दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी एकजुटता को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने भी तैयारी शुरू कर दी है। वह भी एनडीए से छिटके सहयोगी दलों को साथ लाने की कवायद शुरू कर रही है।इसकी शुरुआत बीजेपी बिहार से करने जा रही है।बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 18 जुलाई को एनडीए की बैठक बुलाई है।इस बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी ने लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) अध्यक्ष चिराग पासवान और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी को न्यौता दिया है।इस पर अलग-अलग राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया आई है। बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि उनका स्वागत है वो एनडीए के पार्ट बन रहे हैं, सबका स्वागत है, एनडीए के बैठक में आ रहे हैं तो एनडीए के पार्ट हैं वो।सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि एकदम स्पष्ट रहिए बिहार की राजनीति में अब न नीतीश दिखने वाले हैं और न लालू।बता दें कि इस बात की लंबे समय से चर्चा है कि मांझी और चिराग फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं।वह लगातार अलग-अलग मुद्दों पर बीजेपी को अपना समर्थन देते आए हैं।पिछले दिनों पटना में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने चिराग पासवान से मुलाकात भी की थी।एलजेपीआर के नेताओं की बैठक के दौरान यह मुलाकात हुई थी।मुलाकात के बाद चिराग ने अपने नेताओं से कहा था कि बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर लंबे समय से बात चल रही है। अभी एक-दो दौर की बातचीत और होनी है।एनडीए की बैठक में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी की पार्टी हम (HAM) के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की RLJD और मुकेश सहनी की पार्टी VIP को लेकर भी फैसला हो सकता है।वैसे ये सभी नेता एनडीए में वापसी के कई बार संकेत दे चुके हैं। वैसे भी चिराग, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पहले भी एनडीए में शामिल रह चुके हैं।देखा जाए तो बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल HAM नेता और जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने संतोष सुमन ने 13 जून को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनकी पार्टी का अस्तित्व खत्म कर देना चाहते हैं।वह उन पर पार्टी के विलय का दबाव बना रहे है।इसके एक हफ्ते बाद यानी 19 जून को जीतनराम मांझी ने महागठबंधन से नाता तोड़ दिया था।इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि मांझी अब लोकसभा का चुनाव एनडीए में शामिल होकर जुड़ सकते हैं।
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