बॉम्बे लीक्स,महारास्ट्र
मुंबई : महारास्ट्र में आईएएस ने अपना दर्द सोशल साइट पर साझा करते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है।इस्तीफा देने वाले आईएसएस वर्तमान समय में मेडिकल एजूकेशन और मेडिसिन डिपार्टमेंट के संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात थे।
आईएएस दौलत देसाई साल 2008 बैच के आईएस अधिकारी थे।जिन्होंने अचानक सोमवार को सिविल सर्विस से इस्तीफा दे दिया। उनके मुताबिक किसी कोने में डंप किया जाना बेहद निराशाजनक था जो इस निर्णय के लिए पर्याप्त रहा।
आईएसएस दौलत देसाई ने इस्तीफा देने के बाद सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा करते हुए एक लंबी पोस्ट डाली है। लिखा है कि वो मेन स्ट्रीम से दरकिनार कर दिए जाने की वजह से काफी निराश महसूस कर रहे थे। एमईडीडी विभाग में ट्रांसफर से पहले वो कोल्हापुर के कलेक्टर रह चुके है।
साल 2019 में आई बाढ़ के दौरान पश्चिमी महाराष्ट्र जिले को देसाई ने अपने कुशल नेतृत्व के जरिए ही संभाला था।आईएएस दौलत देसाई ने सोशल मीडिया पर अपना सारा गुबार निकल दिया है।दौलत देसाई के मुताबिक मैं आप सभी को सूचित कर रहा हूं कि मैंने इस्तीफा दे दिया है।
कहा कि इस्तीफा देकर मैं अपनी मर्जी से एक भारतीय प्रशासनिक सेवा से बाहर निकल गया हूं। मैं सभी शक्ति, सुरक्षा और प्रतिष्ठा को पीछे छोड़ रहा हूं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहतर प्रयास कर रहा हूं। इस तरह से किनारे कर दिए जाने से काफी निराश था जबकि मैंने कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर कोल्हापुर में चुनौतीपूर्ण काम किया था।
दौलत आगे लिखते है कि उनके ऐसे बेहतर कार्यकाल के बाद भी उनको किनारे कर दिये जाने का निर्णय काफी निराशाजनक था।जिसकी वजह से इस्तीफा देने का निर्णय लेना पड़ा। सिविल सर्विस ने उन्हें देश के लोगों की सेवा करने का शानदार अनुभव, पहचान और अवसर दिया।
कहा कि मैं भाग्यशाली था,क्योंकि बहुत कम लोगों में से किसी एक को ये मौके मिलते हैं।दौलत के मुताबिक यह एक संतोषजनक और रोमांचकारी यात्रा थी जो आश्चर्य और सफलताओं से भरी हुई थी। कहा कि अगर जनहित दांव पर है तो उन्होंने कभी समझौता नहीं किया।सामाज में पद और प्रतिष्ठा से मजबूत ताकतवर लोगों की अनदेखी करते हुए मैंने हमेशा कमजोर और जरूरतमंदों की आवाज सुनी।
कई बार मुझे असंतुष्ट लोगों की आलोचनाओं का सामना भी खुशी-खुशी करना पड़ा। मैंने समाज की बेहतरी के लिए जो कुछ हो सकता था किया।अपने 14 साल के करियर के दौरान, आईएएस अधिकारी ने पुणे जिला परिषद के निदेशक, आपदा प्रबंधन और सीईओ के रूप में भी काम किया।
वरिष्ठ नौकरशाह, एमईडीडी में स्थानांतरित होने से पहले, कोल्हापुर के कलेक्टर थे और उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र जिले को तबाह करने वाली 2019 की बाढ़ को संभाला था।
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