मुंबई : मुंबई हाईकोर्ट ने पुलिस खबरी निसार इस्माईल वाघू के खिलाफ़ मुंबई के भाईखला पुलिस थाने में फर्ज़ीवाड़े के तहेत दर्ज हुई एफआईआर को लेकर भाईखला पुलिस थाने को 5000 रुपए का आर्थिक दंड वसूल किया है जबकि मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच के सुपुर्द की है।
मामले में पीड़ित पक्ष के वकील एडोकेट आसिफ़ नकवी ने कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि सरकारी दस्तावोज़ों से छेड़छाड़ करने वाले और अपराधिक छवी रखने वाले के खिलाफ़ कार्रवाई करने के बजाए पुलिस खुद उसमें शामिल हो जाती है कोर्ट में हमने इन सारे पहलुओं को रखा जिसके बाद पुलिस को लेकर कोर्ट का रुख बहुत ही सख्त था मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने जांच क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दी जबकि आरोपी की गिरफ्तारी पूर्व ज़मानत की अर्ज़ी भी सेशन कोर्ट से खारिज हो गई हैं।
शिकायतकर्ता सलीम नेवरेकर ने कहा कि हमने पुलिस से काफ़ी उम्मीदे रखी थी लेकिन पुलिस का रवय्या हमारे साख आरोपियों जैसा था और उसका वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध होने के कारण उसके खिलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई इससे पता चलता है कि पुलिस पीड़ित के लिए नहीं बल्कि आरोपियों के समर्थन के लिए पुलिस थाने में बैठी हैं।
मामला क्या था
मामला है शेयर सर्टिफिकेट में हेर फेर कर दूसरी एक सोसयाटी में घुसपैठ करने का मामला मुबंई के मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी का है जहां शिकायतकर्ता सलीम महमूद नेवरेकर खुद इस सोसायटी के सेक्रेटरी हैं और आरोपी द्वारा जिनके शेयर सर्टिफिकेट से छेड़छाड़ की गई है उनके रिश्तेदार भी हैं।निसार इस्माईल वाघू ने अपने आपको आशियाना कंस्ट्रक्शन का पार्टनर बताते हुए रजिस्ट्रार आफिस में शिकायत की है कि मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में कोई एडमिनिस्ट्रेटर नहीं है।अपनी शिकायत में वाघू ने मज़गांव कोकनी आशियाना एसआरए सोसायटी का पता बताया है।जबकि शिकायतकर्ता की सोसायटी और यह आरोपी वाघू की सोसायटी नाम के साथ साथ हकीकत में भी अलग अलग हैं।इस शिकायत के बाद मज़गांव कोकनी को.आ.सोसायटी में एडमिनिस्ट्रेटर ओम प्रकाश किशन लाल को नियुक्त किया गया जिसके बाद ओम प्रकाश 2008 में एसआरए को एक पत्र लिखते हैं कि दोनों प्लाट को रिडेवलप करने की अनुमित मांगी और शर्त यह थी अगर एसआरए नहीं होसकता तो वह निजी तौर से डेव्लप कराऐंगे जिसकी उन्होंने इजाज़त मांगी थी।
सोसायटी चुनाव में वाघू की धोखाधड़ी पकड़ी गई
2009 में ओम प्रकाश की मौत हो जाती है जिसके बाद 2010 में सोसायटी चुनाव के समय सोसायटी के लोगों की तब आँख चकाचौंध हुई जब वोटर लिस्ट में आरोपी निसार इस्माईल वाघू का नाम सामने आया।लोगों ने इसकी छानबीन करनी शूरू कर दी जिसके बाद पता चला कि वाघू ने शेयर सर्टिफिकट फर्ज़ी तरीक से बना कर मज़गांव कोकनी को.सोसायटी में खुद को सदस्य बना लिया।इसके बाद वाघु खुद कॉपरेटिव कोर्ट गया और चुनाव को रुकवाने की अर्ज़ी दी जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि चुनाव होने दो आगे की कार्रवाई होते रहेगी।
2013 में जो शेयर सर्टिफिकेट निसार वाघू ने जमां किया था उसको कॉआपरेटिव कोर्ट ने फर्ज़ी बताया। इसके बाद 2016 में मुंबई के भाईखला पुलिस थाने में इस धोखाधडी की शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार करदिया किया था और जांच के नाम पर टाइम पास करते रहे इस तरह से जांच के नाम पर पुलिस ने तकरीबन 8 महीनों तक लॉलीपॉप दिया और मामला नहीं दर्ज किया गया।
थक हार कर शिकायतकर्ता के वकील ने मुंबई हाईकोर्ट में भाईखला पुलिस और आरोपी के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिका फाइल की हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता को कहा कि आप निचली अदालत का रुख करें।कोर्ट के इस आदेश के बाद दिसंबर 2016 में एडोकेट आसिफ़ नक़वी ने शिवड़ी कोर्ट में अपील की जिसके बाद 3 फरवरी 2017 को शिवड़ी कोर्ट ने निसार इस्माईल वाघू समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
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