मुंबई : अंजुमन ए इस्लाम की मस्जिद और छोटा सोनापुर कबरस्तान मैदान कबज़ा करने वाले आज़ाद मैदान दंगों और हत्या के आरोपी तथाकथित धर्म धुरंधर मांडवाली जगत के बेताज बादशाह भूमाफिया मुईन अशरफ़ उर्फ़ बाबा बंगाली ने मुंबई के पख्मोडिया स्ट्रीट में मौजूद मुसाफिर खाना मस्जिद की सौदेबाज़ा कर डाली है जिसकी वजह से मुंबई के मुसलमानों में बाबा बंगाली के विरुद्ध विरोध के स्वर गूंज रहे हैं।
मामला है 150 साल पुरानी मस्जिद और मुसाफ़िर खाना का जो कि पख्मोड़या स्ट्रीट में स्थित है जिसे अवैध तरीके से एसबीयूटी ने खरीद लिया है और अब वहां के कारबारियों को और मस्जिद को धवस्त कर के टावर निर्माण करने का प्लान बना रहे हैं।
फज़ल महमूद जिनकी दुकान 50 साल से यही कारोबार कर रहे हैं उनका कहन है कि अगर यह कारोबार दुकान यहां से शिफ्ट हो गई तो हमारे लिए कितना मुश्किल होगा मस्जिद तो 150 साल से है उसे यह मस्जिद न लिख कर पेरेर हाउस लिख रहे हैं क्योंकि मस्जिद लिखेंगे तो उसे बेचा ही नहीं जा सकता जिसकी वजह से यह पेरेयर हाउस के नाम से उसे ध्वस्त करनेका प्लान बना रहे हैं लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।
बाबा बंगाली मस्जिद में बोल बचन करते हुए
एडोकेट यूसुफ़ बागवाला का कहना है कि इन्होंने चैरिटी कमिशनर से आर्डर लेकर इसे ध्वस्त करने का प्लान बना रहे हैं लेकिन चेरिटी कमिशनर को यह अधिकारी ही नहीं है कि वक्फ़ की गई जगहों को लेकर वह दखल दे इसलिए हमने हाई कोर्ट में गुहार लगाई है।
दरअसल कुछ दिनों पहले बिन बुलाए मेहमान की तरह वक्फ़ सदस्य खालिद बाबू कुरैशी, विधायक अमीन पटेल, बाबा बंगाली समेत कई लोगों ने मस्जिद को बचाने का नाटक किए और जमकर भाषण बाज़ी की अखबारों में खबरें छपवा कर चमकिशगिरी की और उसके बाद एसबीयूटी से मिलकर इन्होंने सौदेबाज़ी कर ली।
बाबा बंगाली का पंटर और पुलिस खबरी आसिफ़ सरदार को इस इलाके में एसबीयूटी के माध्यम से 5 बिल्डिंग को ध्वस्त करने का ठेका मिल गया है एक बिल्डिंग ध्वस्त करने में उसे 15 लाख रुपए का फाएदा होगा इस तरह से 5 बिल्डिंग में उसे 75 लाख रुपए का फायदा होगा।
यह डील तब हुई है जब बंगाली गैंग ने मस्जिद के बाहर पहुंच कर मस्जिद को बचाने का लॉलीपॉप दिया था दरअसल इस आड़ से इन लोगों ने एसबीयूटी से सौदेबाज़ी की है। हालांकि कहा यह भी जाता है कि बंगाली ने भी इसके लिए बड़ी रकम ली है कि यही वजह है कि मस्जिद बाचाने को लेकर आवाज़ बुलंद करने वाला बाबा बंगाली और उसके चेलों का इस सौदेबाज़ी के बाद कोई अता पता नहीं।
मुसाफिरखाना के कारोबारी और मस्जिद में नमाज़ पढ़ने वालों ने मुंबई के मुसलमानों से इस बात की अपील की है कि मस्जिद को एसबीयूटी द्वारा शहीद करने से बचाने मे उनकी मदद करें ताकि एसबीयूटी की साजिश नाकाम हो।
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