बॉम्बे लीक्स ,महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद मामला त्रिकोणीय है।अजित पवार की बगावत ने न सिर्फ एकनाथ शिंदे के लिए मुसीबत खड़ी की, बल्कि देवेंद्र फडणवीस के भी हाथ-पैर फूले हुए हैं।अजित पवार समेत बगावती आठ एनसीपी नेताओं ने 2 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी। मंत्रालय पर खींचतान जारी है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने अजीत पवार की विभाग को लेकर लगभग सभी मांगें मान ली है।ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्रिमंडल के विस्तार की तस्वीर साफ होती दिखने लगी है।
गौरतलब है कि अजीत पवार वित्त मंत्रालय विभाग को लेकर अड़े हुए थे।जिसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बीच वर्षा बंगले पर करीब डेढ़ घंटे तक मंथन भी हुआ।लंबी बातचीत के बाद विभागों के बंटवारे पर सहमति बन गई।ऐसे में माना जा रहा है कि अब शिवसेना और बीजेपी के कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव की संभावना है।सूत्रों के मुताबिक शिवसेना का कृषि विभाग और बीजेपी का ग्रामीण विकास विभाग पवार गुट के पास जाने वाला है।वहीं वित्त और नियोजन विभाग और एक अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी अजीत पवार गुट के खेमे को मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी के बागी अजित पवार ने वित्त, आवास, सहकारिता और लोक निर्माण जैसे मंत्रालयों की डिमांड की थी। सूत्रों ने बताया कि अजित पवार को वित्त विभाग दिए जाने का प्लान है।बुजुर्ग पवार को ‘धोखा’ देकर आए छगन भुजबल को कृषि विभाग मिल सकता है। मंत्रालयों के मुद्दे पर पिछले दिनों दोनों डिप्टी सीएम – देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई दौर की तीन रात बैठक हुई थी। अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली भी आए थे।बता दें कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी सरकार में भी अजित पवार वित्त विभाग के ही मंत्री थे। बताया जाता है कि उनकी नजर सिंचाई विभाग पर भी थी लेकिन बात नहीं बनी। अजित पवार की जिन मंत्रालयों की डिमांड है उनमें ज्यादतर की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास है। दूसरी तरफ शिंदे गुट नहीं चाहता कि वित्त विभाग अजित पवार को मिले।एमवीए सरकार में शिवसेना मंत्रियों की शिकायत थी कि वह फंड नहीं देते। तब एमवीए का हिस्सा रहे शिवसेना मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से भी अजित पवार पर आरोप लगाए थे।ऐसे में वित्त विभाग उन्हें दिया जाना जरूर उच्च स्तरीय आदेश का हिस्सा हो सकता है।दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायकों ने दो जुलाई को महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। इस आश्चर्यजनक कदम के कारण शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा में फूट पड़ गई। शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन में राकांपा विधायकों के शामिल होने से मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
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