बॉम्बे लीक्स ,दिल्ली
कांग्रेस के सामने आम आदमी पार्टी ने चुनावी तालमेल को लेकर बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। आप पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के बयान ने राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाज़ार गर्म कर दिया है।आप के मुताबिक अगर कांग्रेस से मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनाव को तालमेल किया जाएगा तो आप पार्टी की कांग्रेस के लिए शर्त यह होगी कि उसे पंजाब और दिल्ली में चुनावी समीकरण से दूर रहना होगा।यदी कांग्रेस तैयार होती है तो आप पार्टी राजस्थान और मध्यप्रदेश में चुनाव नही लड़ेगी।
आप के मुताबिक दिल्ली के 2015 और 2020 के चुनाव में कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली थी। कांग्रेस कह दे कि वो दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेगी तो हम भी कह देते हैं कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में हमारी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेंगे।प्रेस वार्ता के दौरान दिल्ली सरकार के मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीरो सीट आई थी, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस यहां से चुनाव लड़ती है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगर ये कह दे कि वह पंजाब और दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ेगी, तो हम भी राजस्थान और मध्य प्रदेश में हम भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।AAP के मंत्री ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि इस पार्टी में न सिर्फ लीडरशिप का क्राइसिस है, बल्कि आइडिया का भी क्राइसिस है।कांग्रेस का लोगों से जुडाव इस तरीके से खत्म हो गया है कि उन्हें ये तक नहीं पता कि जनता क्या चाहती है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी अब देश की सबसे नई पार्टी से आइडिया औऱ मैनीफेस्टो तक चुराने लगी है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि सारे मैनीफेस्टो झूठे होते है, इसलिए हमने इसे ‘गारंटी’ कहा।अब कांग्रेस ने इस शब्द ‘गारंटी’ तक को चुरा लिया है।वही देखा जाए तो एक तरफ जहां सौरभ भारद्वाज का बयान आया है, वहीं दूसरी तरफ आप पार्टी के नेताओं का कहना है कि आप का पूरा फोकस राजस्थान पर है। इसलिए केजरीवाल और भगवंत मान के दौरे किये जा रहे हैं। पार्टी एक बार जयपुर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सीएम भगवंत मान सयुंक्त रैली करा चुकी है। अब उसके बाद पंजाब की तरफ से राजस्थान में एंट्री की प्लानिंग हो रही है। इसलिए 18 जून को श्रीगंगानगर में एक बड़ी जनसभा होने की तैयारी है।देखा जाए तो आप नेता के ये बयान ऐसे समय में आया है जब उनकी पार्टी दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस से समर्थन पाने की उम्मीद कर रही है।आप के मुताबिक मुफ्त बिजली और महिलाओं को भत्ता देने का कांग्रेस ने विरोध किया था लेकिन अब कांग्रेसी अन्य राज्यों में इसे लेकर वादा कर रही हैं।हमने दिल्ली में मुफ्त बिजली का वादा किया था जिसका कांग्रेस ने मजाक उड़ाया। अब उन्होंने हिमाचल प्रदेश में 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त की घोषणा की।हमने पंजाब के अंदर महिलाओं को भत्ता देने की घोषणा की थी, जिसे बाद में कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटक में अपने घोषणा पत्र में शामिल किया।फिलहाल कुल मिलाकर साफ है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देश में विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अपने सियासी फायदे के लिए साथ खड़ी नजर आ सकती है।हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के इस ऑफर को मानती है या ठुकराती है।
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