Bombay Leaks Desk
मुंबई: उत्तर प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफ़ी ने जोर पकड़ते ही कर्ज माफ़ी को लेकरं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्र सरकार से मदद मांगी हैं लेकिन असल में ऐसा कोई भी महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी का प्रस्ताव वर्तमान में विचारधीन न होने का खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को भेजे हुई जानकारी में सहकार पणन और वस्त्रोद्योग विभाग ने किया हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सहकार पणन और वस्त्रोद्योग विभाग से जानकारी मांगी थी कि महाराष्ट्र राज्य में किसानों की कर्ज माफ़ी को लेकर सरकार के प्रस्ताव की जानकारी दे। सहकार पणन और वस्त्रोद्योग विभाग के जन सूचना अधिकारी दि. म. राणे ने अनिल गलगली को बताया कि महाराष्ट्र राज्य के किसानों की कर्ज माफ़ी का प्रस्ताव वर्तमान स्थिती में विचारधीन नहीं हैं। इसके अलावा कर्ज माफ़ी को सरकार नीतियां नहीं होने सेे प्राप्त होनेवाली अर्जियां आवश्यक कार्यवाही कर संबंधितों को जबाब देने के लिए सहकार आयुक्त व निबंधक, सहकारी संस्था, महाराष्ट्र राज्य, पुणे के पास भेजी जाती हैं। अनिल गलगली को प्राप्त अर्जियां की संख्या देने से नकार देते हुए बताया कि कर्ज माफ़ी के संदर्भ के लिए अलग से रजिस्टर नहीं रखने से कार्यासन को प्राप्त होनेवाली सभी संदर्भ एक ही संदर्भ रजिस्टर में पंजीकृत की जाती हैं।
आज महाराष्ट्र में कुल 5 एकड़ वाले 1 करोड़ 37 लाख किसान हैं। 5 एकड़ खेती वाले किसानों की संख्या एक करोड़ 7 लाख और अड़ाई एकड़ की खेती का स्वामित्व रखनेवाले 67 लाख किसान हैं। राज्य में कर्ज माफ़ी करने के लिए करायची 30,500 करोड़ की जरुरत हैं। अनिल गलगली ने इसपर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया हैं कि चुनाव के दौरान कर्ज माफ़ी की घोषणा की गई थी उसे अमल में लाने के लिए ठोस निर्णय लिया जाए।

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