शाहिद अंसारी
थाने: थाने के उल्हासनगर इलाके के डीसीपी सुनील भरद्वाज के रीडर को उस वक्त भारी पड़ गया जब इलाके के ही एक सोशल एक्टिविस्ट ने थाने पुलिस को ट्वीट कर यह शिकायत की कि उनके रीडर के भाई की प्राइवेट गाड़ी में ब्लैक फिल्म लगा कर और पुलिस का बोर्ड रख कर घूमता है।शिकायत के 2 हफ्तों के बाद यह गाड़ी उल्हासनगर इलाके में ट्रफिक पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इसकी ब्लैक फिल्म निकाली और जुर्माना भी वसूल किया।
उल्लासनगर के रहने वाले मोतवानी जैश गोप ने 9 अप्रैल को महिंद्रा स्कॉर्पियो जो कि सेंट्रल पुलिस्टेशन उल्लासनगर के पास खड़ी देख कर उन्होंने थाने पुलिस को ट्वीट कर जानकारी दी जिसके बाद उन्हें थाने पुलिस ने दूसरे दिन संपर्क कर उस गाड़ी की जानाकारी ली लेकिन उस पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी क्योंकि गाड़ी का कोई अता पता नहीं था।
लेकिन यही गाड़ी 22 अप्रैल को उसी इलाके में दिखाई दी जिसके बाद मोतवानी जैश गोते ने कंट्रोल को कॉल किया और फिर ट्राफिक पुलिस जहां गाड़ी खड़ी थी वहां पहुंच गई पुलिस ने पहले गाड़ी को जैमर लगा कर जाम किया और उसके बाद छानबीन शुरू कर दी छानबीन के बाद पता चला कि यह गाड़ी उल्लासनगर डीसीपी सुनील भरद्वाज के रीडर के भाई की है।
मोतवानी जैश गोते ने बताया कि यह गाड़ी ज़ोनल डीसीपी सुनील भरद्वाज के रीडर अरूण मारूती मिसाल की गाड़ी है जो कि डीसीपी की धौंस और पावर की वजह से काले रंग की फिल्म और पुलिस का बोर्ड लगा कर घूमता है लेकिन जब कार्रवाई हुई तो ट्राफिक पुलिस ने उस दौरान गाड़ी पर मौजूद ड्राइवर पर कार्रवाई कर जुर्मान वसूल किया।इस बारे में उल्हानगर ट्राफिक पुलिस इंस्पेक्टर श्रीकांत धरने से जब बात की गई तो उन्होंन बताया कि हमने शिकायत मिलने के बाद ब्लैक फिल्म भी उतरवाई जुर्मान भी वसूल किया है यह गाड़ी यह गाड़ी अरूण मारूती मिसाल जो कि पुलिसकर्मी हैं उनके भाई विजय मारूती मिसाल के नाम पर रजिस्टर्ड है। पुलिस इंस्पेक्टर श्रीकांत धरने ने बताया कि उन्होंने अपने इलाके के पुलिस थानों को इस बात को लेकर पत्र भी लिखा है कि इस तरह से काले कांच और पुलिस का बोर्ड लगा कर अगर घूमता दिखाई देता है तो उस पर कार्रवाई करें चाहे वह कोई भी हो।
प्राइवेट गाड़ियों में ब्लैक फिल्म लगा कर पुलिस का बोर्ड देख कर आपको लगता होगा कि यह कोई पुलिस विभाग का अधिकारी है लेकिन आपको हम बता दें कि भले ही पुलिस विभाग का ही अधिकारी क्यों न हो प्राइवेट गाड़ियों पर इस तरह से ब्लैक फिल्म अगर लगी गाड़ी कहीं घूम रही हो तो आप बिना देर किए इसकी जानकारी कंट्रोल रूम को दें हो सकता है कि इसकी आड़ से कोई ऐसा शख्स कोई आतंकी गतिविधियों की सज़िश तो नहीं रच रहा क्योंकि नियम और कानून के मुताबिक प्राइवेट गाड़ी पर कोई भी पुलिसकर्मी और न नका रिश्तेदार पुलिस नहीं लिख सकते और न ही ब्लैक फिल्म नहीं लगा सकता।
https://youtu.be/IIJbNrHFkIE
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