शाहिद अंसारी
मुंबई:उर्दू साहित्य अकादमी के अंतर्गत मुशायरे का सपना चकना चूर हो गया यही नहीं समुंद्र की लहरों की बीच क्रुज़ में मुशायरा करवाने के भी अरमां दिल में ही रह गए और मुशायरे के लिए 8600000 की जो रकम सरकार की तरफ़ से अकादमी को दी गई थी मुशायरा न होने की वजह से वह रकम अब सरकार को वापस कर दी जाएगी।उर्दू साहित्य अकादमी की सदस्य एजाज़ फातिमा पाटणकर ने कहा कि सरकार ने तो रक़म दी थी लेकिन कुछ अंदरुनी मामलों के चलते वह रकम वापस कर दी जाएगी है क्योंकि मुशायरा ही नही हो सका और कई कमियां थीं हालांकि सरकार ने हमें वह रकम इसलिए दी थी लेकिन हम ही उनकी शर्तों पर खरे नहीं हुए इसलिए अब वह रकम वापस की जाएगी।
जानकारी में इस बात का पता चला है कि उर्दू साहित्य अकादमी में मौजूद सदस्यों के बीच हमेशा की तरह इस बार भी अंदुररूनी युद्ध अपनी चरम सीमा पर है इनमें चौथी पास सदस्य भी शामिल हैं कई सदस्य मुशायरा क्रुज़ पर कराने की इच्छा रखते थे लेकिन कुछ लोगों का कहना था कि क्रुज़ में मुशायरा होता है लेकिन खाना खाने में दिक्कत होती हैं।कुछ सदस्यों ने तो यह भी कहा कि क्रुज़ पर सिर्फ़ बिरयानी खा सकते हैं क्योंकि बाकी खाना खाने में क्रुज़ के हिलने की वजह से परेशानी होती है।ताज्जुब इस बात का कि बिरयानी और कोरमा और क्रुज़ पर मुशायरा करने के चक्कर में उर्दू अकादमी के सदस्य उर्द की तरक्की के बारे में किए गए वादों को भी हमेशा की तरह भूल गए।
Post View : 8